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लीबियाः अमेरिका कर सकता है सैन्य कार्रवाई

२५ फ़रवरी २०११

अमेरिका लीबिया में हिंसा को खत्म करने के लिए उपायों पर अन्य देशों से बातचीत कर रहा है. लीबिया में गद्दाफी के समर्थक सैनिकों की प्रदर्शनकारियों से झड़पें हो रही हैं. ओबामा ने कहा सैन्य कार्रवाई का विकल्प भी खुला.

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तस्वीर: AP

लीबिया की राजधानी त्रिपोली के आस पास के शहरों पर विरोध प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया है जिस कारण सैनिकों को प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें और गोलीबारी हो रही है.

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने गुरुवार देर रात फ्रांस, ब्रिटेन और इटली के नेताओं से विचार विमर्श किया ताकि गद्दाफी के खिलाफ तुरंत कदम उठाए जा सकें. फ्रांस का अनुमान है कि सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच हो रही गोलीबारी में मरने वालों की संख्या दो हजार तक हो सकती है.

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गद्दाफी अड़ेतस्वीर: Libya State Television via APTN/AP/dapd

लीबिया में अस्थिरता के कारण विश्व बाजार में तेल की कीमतें नीचे नहीं उतर रही हैं. इस कारण डर है कि वैश्विक संकट से उबरती दुनिया मुश्किल में पड़ जाएगी. अमेरिका ने कहा है कि वह लीबिया मामले में सभी संभावनाओं पर विचार कर रहा है जिसमें प्रतिबंधों से लेकर सैनिक कार्रवाई भी शामिल है. अमेरिका गद्दाफी को 'मैड डॉग' यानी पागल कुत्ते की संज्ञा दे चुका है.

अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की फिक्र

हालांकि गद्दाफी के खिलाफ साझा अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई में अभी और समय लग सकता है क्योंकि फिलहाल अधिकतर देश लीबिया से अपने नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालन में लगे हुए हैं.

मध्यपूर्व अभी तक ट्यूनीशिया और मिस्र के झटके से उबर रहा है तो पश्चिमी देश नहीं चाहते कि उनकी छवि लीबिया पर नव उपनिवेशवादी हल थोपने वाली बने.

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हिंसक प्रदर्शन जारीतस्वीर: AP

विरोध प्रदर्शनकारियों ने पूर्वी लीबिया के अधिकतर शहरों को कब्जे में ले लिया है जिनमें लीबिया का दूसरा सबसे बड़ा शहर बेनगाजी भी शामिल है. मिसराता और जुआरा में विरोध प्रदर्शनकारियों के कब्जे के समाचार हैं. इससे विरोधी प्रदर्शनकारी लगातार राजधानी के नजदीक आ रहे हैं. पश्चिमी लीबिया से मिलने वाली जानकारी अधूरी है.

गद्दाफी के 40 साल के शासन में लीबिया में विरोधी, विपक्षी धड़े नहीं के बराबर हैं इसलिए पूर्वी शहरों में व्यवस्था के बारे में कोई जानकारी नहीं है. वकीलों, डॉक्टरों, कबीले के वरिष्ठ सदस्यों और सेना में कट्टरपंथी लोग नहीं हैं. यह लोग मिल कर पूर्वी लीबिया में व्यवस्था कायम करने की कोशिश कर रहे हैं.

अड़े हुए हैं गद्दाफी

गद्दाफी ने गुरुवार को सरकारी टीवी में टेलिफोन पर बातचीत के दौरान लोगों के शांति की अपील की और विद्रोह के लिए अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, "प्रदर्शनकारियों को दूध और नेसकैफे में भ्रमित करने वाले ड्रग्स दिए गए जिससे वह और भड़क उठे हैं. वे 17 साल के हैं. वह उनकों रात में दवाइयां देते हैं. वह उनके दूध, कॉफी, नेसकैफे में भ्रमित करने वाले ड्रग्स मिलाते हैं." हालांकि दो दिन पहले उनके आग उगलते भाषण के बाद वह कल काफी समझौते वाले टोन में बात कर रहे थे.

ऐसी भी रिपोर्टें हैं कि गद्दाफी और उनके बेटे अफ्रीकी सैनिकों और उनके कबीले के लोगों को तैनात कर रहे हैं. उधर गद्दाफी की सरकार से इस्तीफा दे चुके एक मंत्री ने कहा कि उन्हें लगता है कि कर्नल गद्दाफी वही कर सकते हैं जो हिटलर ने किया था और अगर उन्हें हटाने की कोशिश की गई तो वह आत्महत्या कर सकते हैं.

संपत्ति सील

लीबिया के अधिकारी, कैबिनेट मंत्री, राजदूत गद्दाफी का साथ लगातार छोड़ रहे हैं. स्विस सरकार ने शुक्रवार सुबह कहा कि वह गद्दाफी परिवार के धन को सील कर रहा है. लीबिया के विदेश मंत्री ने इस बात से इनकार किया है कि नेता के पास इस तरह का कोई धन नहीं है और वह स्विट्जरलैंड पर ऐसा बयान देने के मामले में मुकदमा दायर करेगा. लंदन के अखबार डेली टेलीग्राफ ने बिना सूत्रों वाली एक रिपोर्ट में कहा है कि ब्रिटेन लीबिया के 30 अरब डॉलर को सील कर सकता है.

लीबिया को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से निलंबित करने पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय में मतभेद पैदा हो गए हैं. पश्चिमी देशों के इस प्रस्ताव का अरब, इस्लामिक देशों, रूस और क्यूबा ने कड़ा विरोध किया है.

ओबामा अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन को सोमवार को जेनेवा भेज रहे हैं ताकि वह संयुक्त राष्ट्र पर लीबिया की निंदा का दबाव डाल सकें.

जैसा कि विकीलीक्स से गोपनीय जानकारी के खुलासे में पता चला है कि गद्दाफी की सत्ता पकड़ इस बात पर निर्भर करती है कि त्रिपोली के पास गद्दाफी के बेटों की शाही सेना कितना नियंत्रण कर पाती है.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः वी कुमार

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