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फीफा, फुटबॉल, धांधली, चुनाव और ब्लाटर

१ जून २०११

दुनिया की सबसे बड़ी खेल संस्था फीफा में भारी विवादों के बीच प्रमुख पद का चुनाव हो रहा है. जेप ब्लाटर का चुना जाना तय है, जो निजी तौर पर बहुत आरोप झेल रहे हैं और वर्ल्ड कप की मेजबानी में धांधली की खबरें भी तैरने लगी हैं.

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FIFA President Sepp Blatter gestures during an interview at the FIFA headquarters in Zurich, Switzerland, Thursday, May 19, 2011. FIFA President Sepp Blatter says a whistleblower from Qatar's 2022 World Cup bid will be interviewed over allegations that bribes were paid to African voters. The whistleblower claims that FIFA executive committee members Issa Hayatou and Jacques Anouma were paid US $1.5 million to vote for Qatar. (AP Photo/Anja Niedringhaus)
तस्वीर: AP

75 साल के जेप ब्लाटर फीफा प्रमुख का पद किसी और देने के लिए तैयार नहीं और अध्यक्ष पद का चुनाव फिर लड़ रहे हैं. उनके मुकाबिल खड़े उम्मीदवारों पर पहले भ्रष्टाचार के आरोप लगे और बाद में उन्होंने नाम वापस ले लिए. जंग के मैदान में ब्लाटर अकेले हैं. विजय पक्की है.

लेकिन इंग्लैंड ने रोड़ा अटका दिया है. वह चाहता है कि चुनाव टाल दिए जाएं क्योंकि खुद ब्लाटर भी जबरदस्त आरोपों से घिरे हैं और जर्मन फुटबॉल संघ ने 2022 के वर्ल्ड कप की मेजबानी कतर को दिए जाने पर दोबारा सवाल उठा दिए हैं. कई हलकों में तो चर्चा चल रही है कि कतर ने पैसे देकर मेजबानी खरीदी है.

इन विवादों के सामने आने और ब्लाटर के प्रतिद्वंद्वी कतर के मोहम्मद बिन हम्माम के विवादास्पद तरीके से नाम वापस लेने के बाद इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के फुटबॉल संघ ने प्रमुख पद का चुनाव टाल देने की अपील की लेकिन उसे समर्थन नहीं मिल पाया. 208 में से सिर्फ 17 सदस्यों ने उसका साथ दिया, जबकि 17 ने कोई राय नहीं दी.

epa02759804 FIFA President Joseph S. Blatter speaks to reporters during a press conference in Zurich, Switzerland, 30 May 2011. Blatter denied that football's world governing body, FIFA, is in crisis, in spite of the current corruption scandal surrounding the organisation. EPA/ALESSANDRO DELLA BELLA +++(c) dpa - Bildfunk+++
विवादों से घिरे रहे हैं ब्लाटरतस्वीर: picture alliance/dpa

कौन हैं ब्लाटर

स्विट्जरलैंड के जोसेफ ब्लाटर का फुटबॉल के खेल से कोई लेना देना नहीं है. मैनेजमेंट की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने खेल आयजनों में मैनेजमेंट के स्तर पर काम किया है. 1998 में वह पहली बार फीफा के अध्यक्ष बने. लेकिन अगले चुनाव के वक्त 2002 में उन पर आरोप लग गए कि पिछले चुनाव में उन्होंने पैसे देकर कुछ वोट खरीदे थे. फीफा पर भी भ्रष्टाचार और वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे. स्विट्जरलैंड के अधिकारियों को दस्तावेज दिए गए, जिन्होंने ब्लाटर को क्लीन चिट दे दी. ब्लाटर ने फीफा के अंदर इसकी जांच पूरी नहीं होने दी.

लेकिन वह लगातार दूसरा चुनाव जीतने के बाद तीसरे में भी बिना किसी प्रतिरोध के जीत गए. अब चौथी बार के चुनाव में उन पर खासा दबाव है. मोहम्मद बिन हम्माम के तौर पर कतर के 62 साल के प्रतिद्वंद्वी ने चुनाव लड़ने का फैसला किया. लेकिन विकासशील देश के बिन हम्माम पर कई आरोप लगे और आखिर में उन्होंने नाम वापस ले लिया. इसके बाद ब्लाटर की जीत तय हो गई लेकिन गहरे विवादों के साथ.

सबसे बड़ी खेल संस्था

फीफा दुनिया की सबसे बड़ी खेल संस्था है और इसके 208 सदस्य हैं. लेकिन वर्ल्ड कप की मेजबानी तय करने के लिए सिर्फ 24 सदस्यों वाली कार्यकारिणी समिति की राय ली जाती है और उन्हीं के बीच वोटिंग होती है. विवादों और दबाव के बीच ब्लाटर अब पूरी व्यवस्था बदल देने का वादा कर रहे हैं और कह रहे हैं कि आगे की मेजबानी तय करने में सभी देशों की राय ली जाएगी.

epa02757077 (FILE) A file picture dated 23 November 2009 shows Asian Football Confederation (AFC) President Mohamed bin Hammam speaking during the AFC Project Future 2007 Graduation Ceremony in Kuala Lumpur, Malaysia. Mohamed bin Hammam has pulled out of the race to become president of world governing body FIFA amid bribery allegations. The Qatari announced on his website early on 29 May 2011 he had decided to withdraw his candidacy. EPA/SHAMSHAHRIN SHAMSUDIN +++(c) dpa - Bildfunk+++
बिन हम्माम ने वापस ली उम्मीदवारीतस्वीर: picture alliance / dpa

ब्लाटर का कहना है, "भविष्य में फीफा कांग्रेस ही वर्ल्ड कप की मेजबानी तय करेगी. कार्यकारिणी समिति कुछ नामों को छांटेगी जरूर लेकिन उसके आगे कोई सिफारिश नहीं करेगी. कांग्रेस ही मेजबान का फैसला करेगी."

ब्लाटर के इस बयान से पहले दिसंबर के उनके फैसले पर सवाल उठ रहे हैं, जिसके तहत 2018 के फुटबॉल वर्ल्ड कप की मेजबानी रूस और 2022 की मेजबानी कतर को दी गई है. फीफा की रैंकिंग में कतर बहुत नीचे आता है और गर्मी के दिनों में वहां पारा 50 डिग्री तक पहुंच जाता है. ऐसे में उसकी मेजबानी के दौरान वर्ल्ड कप में खासी दिक्कत आने की आशंका है.

घोटाले का खुलासा

ब्रिटेन के द संडे टाइम्स ने इस फैसले के बाद अपनी खोजी रिपोर्ट में दावा किया कि कार्यकारिणी समिति के दो सदस्यों ने पैसे लेकर कतर के लिए वोटिंग की. इन सदस्यों को सस्पेंड कर दिया गया है. कुछ और सदस्यों पर भी शक किया जा रहा है.

इसी बीच फीफा के महासचिव वेरोमे फाल्के का एक ईमेल लीक हो गया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि कतर ने टूर्नामेंट खरीदा है. इस पर खासा विवाद हुआ और बाद में फाल्के को सफाई देनी पड़ी.

इस बीच जर्मन फुटबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष थियो स्वानसिंगर का कहना है कि 2022 के वोटों की दोबारा जांच की जानी चाहिए. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि इस मामले में काफी शक पैदा हो रहा है." हालांकि वह खुद कार्यकारिणी समिति के सदस्य नहीं हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः ए कुमार

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