1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

काले धन के खिलाफ लड़ाई में विनियमकों की भूमिका

२४ सितम्बर २०२०

विश्व के चोटी के बैंकों के जरिए काले धन के इधर से उधर किए जाने का पर्दाफाश होने पर विनियमकों की भूमिका चर्चा में आई है. जानकारों का कहना है कि धन शोधन से मुकाबला करने के लिए नियामकों को दोषियों पर भारी दंड लगाना चाहिए.

https://p.dw.com/p/3ivEV
FinCEN Files / Banken Kombolbild

कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों द्वारा की गई एक जांच में सामने आया है कि दुनिया के कई बड़े बैंकों के जरिए कई सालों से बहुत बड़ी मात्रा में काले धन का व्यापार चल रहा था. यह जांच बजफीड और खोजी पत्रकारों के अंतर्राष्ट्रीय संघ (आईसीआईजे) ने मिलकर की थी. जांच से पता चला कि 1999 से 2017 के बीच में कई बैंकों के बीच करीब 2,000 अरब डॉलर मूल्य के संभावित रूप से संदिग्ध पैसे का लेन-देन हुआ.

इस जांच पर छपी खबरों में दावा किया गया है कि ड्रग माफिया के बीच घातक लड़ाइयों से आया पैसा, विकासशील देशों से गबन किया हुआ पैसा और पॉन्जी योजनाओं से कमाया हुआ पैसा इन संस्थानों से आसानी से गुजरा. पांच बड़े बैंकों का नाम लिया गया, जिनमें जेपी मॉर्गन शेज, एचएसबीसी, स्टैंडर्ड चार्टर्ड, डॉयचे बैंक और बैंक ऑफ न्यू यॉर्क मेलन शामिल हैं.

जांच में कहा गया कि काले धन के प्रसार को रोकने में इन बैंकों की असफलता पर पहले भी इनपर जुर्माना लगाया गया है, लेकिन उसके बाद भी इन्होंने कथित अपराधियों के पैसों का लेन देन जारी रखा. जानकार कहते हैं कि मौजूदा वित्तीय प्रणाली इन बैंकों पर ही बहुत ज्यादा निर्भर करती है कि वो संदिग्ध लेन देन के बारे में जांच एजेंसियों को बताएं.

अर्थशास्त्री क्लोथिल्ड शैमपेराश का कहना है, "यह रिपोर्ट दिखाती है कि बैंकों के अच्छे बर्ताव पर निर्भर करने वाले धन शोधन विरोधी तरीके बहुत ही सीधे हैं." शैमपेराश फ्रांस के सीनैम विश्वविद्यालय में अपराध विज्ञान की विशेषज्ञ हैं.

FinCEN Files / HSBC Bank, London
इस जांच में पांच बड़े बैंकों का नाम लिया गया, जिनमें जेपी मॉर्गन शेज, एचएसबीसी, स्टैंडर्ड चार्टर्ड, डॉयचे बैंक और बैंक ऑफ न्यू यॉर्क मेलन शामिल हैं. तस्वीर: Imago Images/Imagebroker

इस समस्या के संभावित समाधान के बारे में वो कहती हैं, "और ज्यादा बैंकों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए और यह मानना बंद कर देना चाहिए कि संदिग्ध लेन देन के बारे में बैंक खुद बताएंगे." इस जांच में 88 अलग अलग देशों से 100 से भी ज्यादा मीडिया संस्थान शामिल थे. जांच बैंकों द्वारा अमेरिकी वित्त मंत्रालय की एजेंसी फिनसेन को दी गई 2,000 से भी ज्यादा संदिग्ध लेन-देन रिपोर्ट (एसएआरएस) पर आधारित थी.

गैर सरकारी संगठन ग्लोबल विटनेस में वरिष्ठ भ्रष्टाचार विरोधी कैंपेनर नेंके पाल्सत्रा के अनुसार, "ये कितने बड़े पैमाने पर हो रहा था यही विशेष रूप से चौंकाने वाला है." उन्होंने यह भी कहा कि एसएआरएस रिपोर्टों के दर्ज होने के बाद भी बैंकों या नियामक संस्थाओं ने कोई कदम नहीं उठाया. उनका मानना है, "एसएआरएस जारी करना प्रक्रिया का अंत नहीं उसकी शुरुआत होनी चाहिए.

हमारे लिए यही चिंताजनक है." बुधवार को ब्रिटेन में सांसदों ने सरकार को इस जांच के नतीजों पर आक्रोश व्यक्त करते हुए चिट्ठी लिखी. ट्रेजरी सेलेक्ट समिति ने इस खुले पत्र में पूछा, " वित्तीय सिस्टम को आर्थिक अपराध से सुरक्षित रखने के लिए क्या किया जाना चाहिए?" समिति ने कानूनी एजेंसियों को उन सब की जांच करने आग्रह किया जिनका नाम फिनसेन पेपर्स में आया है.

सीके/एए (एएफपी)

__________________________

हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी