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अमेरिकी कांग्रेस में मोदी:मिलकर दुनिया को बेहतर भविष्य देंगे

आमिर अंसारी
२३ जून २०२३

प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को करीब-करीब एक घंटे तक संबोधित किया. मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध, आतंकवाद, अर्थव्यवस्था, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, महिला सशक्तिकरण जैसे विषयों पर अपने विचार साझा किए.

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अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीतस्वीर: Jonathan Ernst/REUTERS

मोदी भारत के पहले ऐसे प्रधानमंत्री बन गए हैं, जिन्होंने अमेरिकी कांग्रेस को दो बार संबोधित किया.

मोदी ने कहा, "अमेरिका की स्थापना समान लोगों वाले राष्ट्र के दृष्टिकोण से प्रेरित थी, आप दुनिया भर के लोगों को गले लगाते हैं और आपने उन्हें अमेरिकी सपने में समान भागीदार बनाया है. यहां लाखों लोग हैं जिनकी जड़ें भारत में हैं. उनमें से कुछ इस कक्ष में शान से बैठते हैं. और एक मेरे पीछे भी हैं जिन्होंने इतिहास रचा."

मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करना हमेशा एक बड़ा सम्मान होता है. इस सम्मान के लिए मैं भारत की 140 करोड़ जनता की तरफ से हार्दिक आभार व्यक्त जाहिर करता हूं. मैं अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों का उत्साह देख रहा हूं. "

मोदी ने कहा लोकतंत्र अमेरिका और भारत के लिए साझा मूल्य है.

मोदी ने कहा अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करना हमेशा एक बड़ा सम्मान होता है
मोदी ने कहा अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करना हमेशा एक बड़ा सम्मान होता हैतस्वीर: Jonathan Ernst/REUTERS

अमेरिका-भारत संबंध में विकास हुआ: मोदी

मोदी ने भारत-अमेरिका के रिश्तों की तुलना आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से की. उन्होंने कहा एआई का एक और मतलब अमेरिका और इंडिया है. मोदी ने कहा कि पिछले कुछ सालों के दौरान एआई में काफी तरक्की हुई. इस दौरान सदन में कई बार तालियों से उनका अभिवादन किया गया.

अपने संबोधन में मोदी ने कहा भारत-अमेरिकी साझेदारी लोकतंत्र के भविष्य के लिए शुभ है. उन्होंने कहा कि अमेरिका सबसे पुराना और भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है और इसकी संस्कृति ही विचार और अभिव्यक्ति आगे बढ़ाती है. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र हमारी रगों में है और हम अमेरिका के साथ खास रिश्ता साझा करते हैं.

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महिला शक्ति, पर्यावरण पर क्या बोले मोदी

मोदी ने कहा कि आज आधुनिक भारत में महिलाएं हमें बेहतर भविष्य की ओर ले जा रही हैं. उन्होंने कहा, "भारत का दृष्टिकोण सिर्फ महिलाओं को लाभ पहुंचाने वाला विकास नहीं है. यह महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास का है जहां महिलाएं प्रगति की यात्रा का नेतृत्व करती हैं. एक साधारण आदिवासी पृष्ठभूमि से निकलकर एक महिला हमारी राष्ट्रप्रमुख बनी हैं. लोकतंत्र, समावेश और स्थिरता की भावना हमें परिभाषित करती है."

मोदी के भाषण को सुनने के लिए सांसद काफी उत्सुक दिखे. मोदी ने कहा, "भारत अपने ग्रह के लिए जिम्मेदार होते हुए भी विकास कर रहा है. पृथ्वी हमारी माता है और हम उसकी संतान हैं. भारतीय संस्कृति पर्यावरण और हमारे ग्रह का गहरा सम्मान करती है."

मोदी ने आतंकवाद पर भी भाषण दिया और कहा कि आतंकवाद लोकतंत्र, कानून के शासन और मानवाधिकारों के लिए वास्तविक खतरा बना हुआ है. पाकिस्तान का नाम लिए बिना मोदी ने कहा, "भारत और अमेरिका आतंकवाद और उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं. हम इस बात पर सहमत हैं कि सीमा पार से आतंकवाद खत्म करने के लिए ठोस कार्रवाई की जरूरत है."

मोदी ने अपने संबोधन में 9/11 और 26/11 के आतंकी हमले का जिक्र किया.

अल्पसंख्यकों के सवाल पर क्या बोले मोदी

पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरूवार को द्विपक्षीय वार्ता की. व्हाइट हाउस में लंबी चली बैठक के बाद मोदी और बाइडेन ने साझा बयान जारी किए. दोनों देशों के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध, निवेश, एआई, सेमीकंडक्टर, और स्पेस जैसे मुद्दों पर बातचीत हुई.

पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरूवार को द्विपक्षीय वार्ता की
पीएम मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरूवार को द्विपक्षीय वार्ता कीतस्वीर: Evan Vucci/AP Photo/picture alliance

हालांकि, मोदी से भारत में अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले कथित भेदभाव पर सवाल किया गया था. जिसके जवाब में मोदी ने हैरानी जताते हुए प्रतिक्रिया दी.

अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जनरल की पत्रकार सबरीना सिद्दीकी ने मोदी से सवाल किया कि "आप और आपकी सरकार भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों में सुधार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को सुनिश्चित करने लिए कौन से कदम उठाने को तैयार हैं."

इसके जवाब में मोदी ने कहा, "लोकतंत्र हमारे डीएनए में है, लोकतंत्र हमारी आत्मा है, लोकतंत्र हमारी रगों में दौड़ता है. भारत में किसी भी तरह के भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं."

यह पूछे जाने पर कि भारत धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों में सुधार के लिए क्या करेगा, मोदी ने कहा, "आपने जो कहा उससे मैं आश्चर्यचकित हूं. हम एक लोकतंत्र हैं. लोकतंत्र हमारी आत्मा, हमारे खून का हिस्सा है. हम लोकतंत्र में जीते हैं और सांस लेते हैं. और यह हमारे संविधान में है."

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लोकतंत्र में भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं: मोदी

मोदी ने कहा, "जब हम लोकतंत्र में रहते हैं, तो भेदभाव के लिए बिल्कुल भी जगह नहीं होती है. और यही कारण है कि भारत सबके साथ, विश्वास के साथ और सबके प्रयासों से आगे बढ़ने में विश्वास करता है. ये हमारी नींव हैं, सिद्धांत हैं, जो आधार हैं."

जब राष्ट्रपति बाइडेन से भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने और असहमति पर कार्रवाई को "नजरअंदाज" करने के लिए उनके प्रशासन की आलोचना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने खुद को बचाव की मुद्रा में पाया.

बाइडेन ने कहा कि उन्होंने और प्रधानमंत्री ने लोकतांत्रिक मूल्यों के बारे में अच्छी चर्चा की. बाइडेन ने कहा, "यह हमारे रिश्ते की प्रकृति है. हम एक-दूसरे के साथ सीधे हैं और हम एक-दूसरे का सम्मान करते हैं."

मोदी ने व्हाइट हाउस के ओवल कार्यालय में बाइडेन के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए. दोनों देशों के बीच भारत-अमेरिका साझेदारी को और गहरा करने के तरीकों पर भी चर्चा की गई.

राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि उन्होंने मोदी के साथ बहुत अच्छा समय बिताया और आज का यह आयोजन भारत और अमेरिका के बीच मैत्री के अटूट बंधन का जश्न मनाने का अवसर है.

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