1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
राजनीतिऑस्ट्रेलिया

इस साल ऑस्ट्रेलिया का दूसरा सबसे अच्छा दोस्त बन गया भारत

विवेक कुमार
२२ जून २०२३

ऑस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित लोवी इंस्टिट्यूट की सालाना रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत अब एशिया में ऑस्ट्रेलिया का दूसरा सबसे अच्छा दोस्त है.

https://p.dw.com/p/4SuZn
सिडनी में एंथनी अल्बानीजी और नरेंद्र मोदी
सिडनी में एंथनी अल्बानीजी और नरेंद्र मोदीतस्वीर: David Gray/AFP/Getty Images

ऑस्ट्रेलिया में हुए एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि 58 प्रतिशत लोगों को भरोसा है कि वैश्विक स्तर पर भारत एक जिम्मेदार भूमिका निभा सकता है. इनमें से 7 फीसदी का भरोसा बेहद मजबूत है जबकि 51 फीसदी को कुछ हद तक ऐसा यकीन है. लेकिन 24 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्हें भारत की भूमिका पर भरोसा बेहद कम है जबकि 8 फीसदी को कतई भरोसा नहीं है.

ऑस्ट्रेलिया के प्रतिष्ठित लोवी इंस्टिट्यूट ने अपनी सालाना रिपोर्ट जारी की है जिसमें विभिन्न देशों के प्रति ऑस्ट्रेलिया के लोगों की भावनाओं को समझने की कोशिश की गई है. इस रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के लोगों को सबसे ज्यादा भरोसा जापान (85 फीसदी) और ब्रिटेन (84) को लेकर है जबकि फ्रांस (79) तीसरे नंबर पर है. उसके बाद अमेरिका (61 प्रतिशत), भारत (58 प्रतिशत) और इंडोनेशिया (51 प्रतिशत) का नंबर है. भारत पर पिछले साल भी इतने ही लोगों ने भरोसा जताया था.

ऑस्ट्रेलिया के लोग जो खुद को देश का नागरिक नहीं मानते

बड़ा बदलाव रूस और चीन को लेकर भी नहीं आया है, जो अब भी ऑस्ट्रेलिया में सबसे कम भरोसा किये जाने वाले देश हैं. रूस पर मात्र 8 फीसदी लोग भरोसा करते हैं जबकि चीन 15 फीसदी लोगों के भरोसे के साथ नीचे से दूसरे नंबर पर है.

नरेंद्र मोदी पर कितना भरोसा?

इस सर्वेक्षण में एक सवाल यह भी था कि आप विश्व के नेताओं के जिम्मेदारी निभाने पर कितना भरोसा करते हैं. इस मामले में ऑस्ट्रेलिया ने सबसे ज्यादा भरोसा यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस हिपकिंस पर जताया है. 72 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें इन दोनों नेताओं पर बहुत ज्यादा या कुछ हद तक भरोसा है.

कैसे हुई सिडनी में मोदी के कार्यक्रम की तैयारी

इस सूची में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सातवें नंबर पर हैं. 44 फीसदी लोगों ने कहा कि वे नरेंद्र मोदी की नेतृत्व क्षमता पर कुछ हद तक या काफी भरोसा करते हैं जबकि 24 फीसदी ने कहा कि उन्हें कोई खास भरोसा नहीं है जबकि 8 फीसदी ने नरेंद्र मोदी को पूरी तरह से खारिज कर दिया.

नरेंद्र मोदी से नीचे इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो (34 फीसदी), चीन के राष्ट्रपति शी जिन पिंग (18 फीसदी), रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (7 फीसदी) और नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग-उन (3 प्रतिशत) रहे.

दूसरा सबसे अच्छा दोस्त बना भारत

एक मामले में ऑस्ट्रेलिया के लोगों के बीच भारत का रुतबा बढ़ा है. उन्होंने भारत को जापान के बाद एशिया में दूसरा सबसे अच्छा दोस्त माना है. 2022 के मुकाबले इस साल भारत के लिए ऐसा मानने वालों की संख्या 9 फीसदी बढ़कर 16 पर आ गयी है. जापान अब भी 44 फीसदी समर्थन के साथ पहले नंबर पर है.

पहली बार ऑस्ट्रेलिया में किसी काउंसिल का मेयर बना भारतीय मूल का व्यक्ति

पिछले साल 21 फीसदी लोगों ने सिंगापुर को एशिया में दूसरा सबसे अच्छा दोस्त माना था लेकिन इस बार उसे 15 फीसदी लोगों का ही समर्थन मिला. भारत को इस साल 16 फीसदी लोगों का समर्थन मिला और वह दूसरे नंबर पर आ गया.

चीन 2016 में एशिया में ऑस्ट्रेलिया के लोगों के लिए सबसे अच्छा दोस्त था लेकिन उसकी स्थिति लगातार कमजोर हुई है और पिछले साल के छह फीसदी के मुकाबले इस साल उसे 7 फीसदी लोगों का समर्थन मिला और वह चौथे नंबर पर रहा.

युद्ध का खतरा

इस रिपोर्ट के बारे में लोवी इंस्टिट्यूट ने कहा कि 2023 में ऑस्ट्रेलिया के लोग पिछले साल से ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और उनका लोकतंत्र में भरोसा भी मजबूत बना हुआ है. आमतौर पर वे आर्थिक हालात को लेकर भी आशावादी बने हुए हैं. लेकिन रिपोर्ट कहती है कि कुछ मामलों में नाटकीय बदलाव हुए हैं.

मिसाल के लिए बहुतायत ऑस्ट्रेलिया अब चीन को भविष्य में एक खतरे के रूप में देख रहे हैं. और तीन चौथाई लोग मानते हैं कि अमेरिका के साथ गठजोड़ के कारण ऑस्ट्रेलिया एशिया में किसी तरह के युद्ध में घसीटा जा सकता है. आधे से कुछ ज्यादा ऑस्ट्रेलिया मानते हैं कि क्वॉड जैसे संगठनों का सदस्य होने के कारण ऑस्ट्रेलिया पहले से ज्यादा सुरक्षित है.

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी