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अर्थव्यवस्थाऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया में 50 लाख रुपये सालाना तक कमा रहे हैं सफाईकर्मी

विवेक कुमार
२६ जुलाई २०२२

ऑस्ट्रेलिया में सफाई कर्मी 50 लाख रुपये सालाना तक कमा रहे हैं. सम्मानजनक परिस्थितियों में काम कर रहे इन सफाईकर्मियों के लिए कोविड-19 महामारी वरदान बन गई.

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ऑस्ट्रेलिया में सफाईकर्मियों की मांग बहुत बढ़ गई है.
ऑस्ट्रेलिया में सफाईकर्मियों की मांग बहुत बढ़ गई है.तस्वीर: Vivek Kumar/DW

प्रियंका अपनी कमाई बताने को इस शर्त पर तैयार हुईं कि उनका पूरा नाम नहीं छापा जाएगा. ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में पढ़ाई कर रहीं प्रियंका हफ्ते के 1,500 से 2,000 डॉलर तक यानी भारतीय रुपयों में लगभग एक लाख रुपये तक कमा रही हैं. ऐसा पहले नहीं था. एक क्लीनिंग कंपनी के लिए काम कर रहीं प्रियंका के लिए ये अच्छे दिन हाल ही में आए हैं. वह बताती हैं, "कोविड के पहले तो 300-500 डॉलर के लिए भी हाथ-पांव मारने पड़ते थे. अब तो काम इतना है कि फुर्सत नहीं है. कई बार तो मैं हफ्ते में 80-90 घंटे तक काम कर रही हूं.”

प्रियंका और उनके जैसे बहुत से ऑस्ट्रेलियाई इस ‘अच्छे समय' का पूरा फायदा उठा लेना चाहते हैं. भारत से आकर ऑस्ट्रेलिया में मास्टर्स कर रहीं प्रियंका कहती हैं कि उन्होंने दो सेमेस्टर की फीस जमा कर ली है जिससे उनका तनाव खत्म हो गया है. उन्होंने बताया, "पहले चिंता रहती थी कि फीस का इंतजाम कैसे होगा. अब यह चिंता तो खत्म हुई. अब पढ़ाई पर ध्यान दिया जा सकेगा.”

ऑस्ट्रेलिया में सफाई कंपनियां और कर्मचारी इस वक्त चांदी कूट रहे हैं. स्वतंत्र रूप से सफाई करने वाले 67 साल के आइवर बताते हैं कि इतना काम तो उन्होंने जवानी के दिनों में नहीं किया. वह कहते हैं, "मैं करना नहीं चाहता हूं लेकिन लोग कहते हैं कि प्लीज कर दो. इतनी रिक्वेस्ट करते हैं कि काम करना पड़ता है.”

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ऑस्ट्रलिया में कई कंपनियां अपने कर्मचारियों को 90 हजार डॉलर तक सालाना वेतन दे रही हैं क्योंकि मांग बहुत ज्यादा है और काम करने वाले कम. एब्सल्यूट डॉमेस्टिक नाम की क्लीनिंग कंपनी की प्रबंध निदेशक जॉय वेस कहती हैं कि वह अभी काम शुरू कर रहे अनुभवहीन कर्मचारियों को भी 45 डॉलर प्रतिघंटा का भुगतान कर रही हैं. यानी कि हफ्ते में पांच दिन, आठ घंटे रोजाना काम करने पर 93,600 डॉलर की तन्ख्वाह.

स्थानीय अखबार डेली टेलीग्राफ से बातचीत में वेस ने कहा, "सैलरी बढ़ाने का फर्क साफ दिख रहा है. अप्लाई करने वाले प्रफुल्लित हैं.”

सालाना 93,600 डॉलर की सैलरी के क्या मायने हैं इसका अनुमान इस आधार पर लगाया जा सकता है कि डिग्रीधारक कर्मचारियों को फाइनैंस सेक्टर में काम करने पर औसतन 64,000 डॉलर मिलते हैं. सरकारी सेवाओं में 66,000 डॉलर की औसतन शुरुआती सालाना सैलरी मिलती है तो ऊर्जा क्षेत्र में 70,000 डॉलर, स्वास्थ्य क्षेत्र में 72,000 डॉलर और खनन में 70,000 डॉलर की औसतन सैलरी से शुरुआत होती है. और ऑस्ट्रेलिया में न्यूनतम वेतन 21.68 डॉलर प्रति घंटा तय है.

कोविड महामारी के कारण सरकार और निजी कंपनियों का सफाई पर जोर काफी बढ़ा है. कई राज्य सरकारों ने व्यापारिक परिसरों को साफ और कोविड-सुरक्षित रखने के लिए छोटे उद्योगों को वित्तीय मदद दी है. साथ ही कंपनियों पर इस बात का भी दबाव है कि सफाई की कमी के कारण एक भी कर्मचारी के कोविड संक्रमित हो जाने पर दफ्तर बंद करना पड़ सकता है, जिसका नुकसान बड़ा हो सकता है. इसलिए सफाई के वास्ते ये कंपनियों खूब पैसा देने को तैयार हैं.

काम करने वालों की कमी

बाकी दुनिया की तरह ऑस्ट्रेलिया में भी इस वक्त काम करने वालों की भयंकर कमी देखी जा रही है. देश के छोटे-बड़े तमाम उद्योग कर्मचारियों की कमी का रोना रो रहे हैं. ऑस्ट्रेलियन ब्यूरो ऑफ स्टैटिसटिक्स के मुताबिक जून महीने में देश में चार लाख 23 हजार रिक्तियां थीं. देश की बेरोजगारी दर 48 साल में सबसे कम स्तर (3.9) प्रतिशत पर है और नौकरियां तलाश रहे या कर रहे वयस्कों की संख्या ऐतिहासिक रूप से सर्वोच्च स्तर (66.7) प्रतिशत पर है.

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पिछले महीने ही ऑस्ट्रेलिया के सांख्यिकी ब्यूरो (ABS) ने आंकड़े जारी कर बताया था कि कम से कम एक तिहाई व्यापार और उद्योग कामगारों की कमी से जूझ रहे हैं. इनमें से 59 प्रतिशत ने कहा कि जो लोग अप्लाई कर रहे हैं उनके पास जरूरी कौशल नहीं हैं जबकि 79 प्रतिशत ने कहा कि लोग अप्लाई ही नहीं कर रहे हैं.

अर्थशास्त्री डॉ. विनोद मिश्रा कहते हैं कि कामगारों की कमी की विभिन्न वजह हैं जो आपस में जुड़ी हुई हैं. मेलबर्न की मोनाश यूनिवर्सिटी में पढ़ाने वाले डॉ. मिश्रा कहते हैं, "ये सारी वजह किसी न किसी रूप से कोविड-19 महामारी से जुड़ी हुई हैं. तमाम विकसित देशों में लेबर की डिमांड और सप्लाई में बड़ा अंतर देखा जा रहा है.”

ऑस्ट्रेलिया में सफाईकर्मियों की स्थिति

अन्य विकसित देशों की तरह ऑस्ट्रेलिया में सफाईकर्म भी वैसा ही एक पेशा है जैसा कि अन्य कोई काम. सफाई का काम करने वालों को किसी भी तरह से कमतर नहीं माना जाता है. उनके काम करने के हालात कमोबेश अच्छे होते हैं. ज्यादातर काम मशीनों से व दस्ताने तथा अन्य सुरक्षा उपकरण पहनकर होता है.

प्रियंका बताती हैं, "शुरू में लगता था कि क्या हम सफाई कर रहे हैं. पर धीरे-धीरे समझ आया कि यहां कोई काम छोटा-बड़ा नहीं है. सब काम अच्छे और बराबर हैं. हम जब किसी घर या दफ्तर को साफ करने जाते हैं तो हमारे पास केमिकल होते हैं, वैक्यूम क्लीनर और वॉशर वगैरह होते हैं जिनसे आसानी और बढ़िया से काम होता है. हां, घर में बताने में अब भी थोड़ी झिझक होती है कि हम सफाई का काम करते हैं लेकिन काम करने में कोई झिझक नहीं है.”

 

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