1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

ऑस्ट्रेलिया में क्यों आ रही है बार-बार बाढ़?

विवेक कुमार
५ जुलाई २०२२

ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा राज्य न्यू साउथ वेल्स एक बार फिर बाढ़ ग्रस्त है. इस साल ऐसा दूसरी बार हुआ है और 18 महीने में चौथी बार. ऑस्ट्रेलिया में बार-बार बाढ़ क्यों आ रही है?

https://p.dw.com/p/4DekK
ऑस्ट्रेलिया में बाढ़
ऑस्ट्रेलिया में बाढ़तस्वीर: Mark Baker/AP Photo/picture alliance

ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा राज्य एक बार फिर बाढ़ झेल रहा है. न्यू साउथ वेल्स की राजधानी सिडनी और उसके आसपास के इलाके करीब चार दिन से जारी भारी बारिश के बाद लबालब भर गए और हजारों लोगों की जिंदगी प्रभावित हुई. बड़ी संख्यों में लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा.

सिडनी से लगते पैरामाटा शहर के बीचोबीच एक परिवार के पांच लोगों को डूबने से बचाया गया जबकि एक व्यक्ति की बाढ़ के पानी में बह जाने से मृत्यु हो गई. केंद्रीय आपदा प्रबंधन मंत्री मर्रे वॉट ने कि कम से कम पांच क्षेत्रों की 23 नगरपालिकाओं में हजारों लोगों को राहत आपदा के लिए मदद राशि उपलब्ध कराने का ऐलान किया है. वॉट ने कहा, "इस भुगतान की कोई सीमा नहीं है. जहां जितनी मांग होगी और जो इसका हकदार होगा उसे उपलब्ध कराई जाएगी."

देश के मौसम विभाग ने कहा कि कई जगहों पर तो चार दिन में 800 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हो चुकी है. विभाग की अधिकारी जेन गोल्डिंग ने मीडिया को बताया, "इस वक्त जमीन पानी सोखने की स्थिति में नहीं है और सूखने में कुछ समय लगेगा. आज कुछ इलाकों में 100 मिलीमीटर तक बारिश होने की आशंका है."

इस साल की दूसरी बाढ़

दो हफ्ते भी नहीं बीते हैं जब न्यू साउथ वेल्स के शहर लिजमोर में उन सड़कों की मरम्मत पूरी हुई थी जो मार्च में आई भयानक बाढ़ से टूट गई थीं. मार्च की शुरुआत में लिजमोर और उसके आसपास के इलाकों में दो दिन में 670 मिलीमीटर से ज्यादा पानी बरसा था जिसके बाद पूरा शहर डूब गया था.

इस बारिश के बाद लिजमोर में जो बाढ़ आई थी वह अब तक के इतिहास की सबसे खतरनाक बाढ़ साबित हुई थी. कई जल स्रोतों में तो पानी 14 मीटर से भी ज्यादा भर गया था. तब हजारों लोग बेघर हो गए थे और उनमें से बहुत से तो अब तक वापस अपने घरों को नहीं जा पाए हैं. कई लोग आज भी अस्थायी निवासों में रह रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः ऑस्ट्रेलिया में मधुमक्खियों पर लगाया गया "लॉकडाउन"

इससे पहले 2020 में भी न्यू साउथ वेल्स में कई जगह एक से दो बार बाढ़ आई थी और लोगों को घर छोड़ छोड़ जाना पड़ा था. तब भी सैकड़ों लोगों के घर बर्बाद हो गए थे. जाहिर है, लगातार दूसरे साल बाढ़ झेलने के बाद लोगों की सहनशक्ति भी सीमाएं तोड़ रही है और राजनेता भी इस बात पर गौर कर रहे हैं.

न्यू साउथ वेल्स के प्रीमियर (मुख्यमंत्री) ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि राज्य में बाढ़ की बारंबारता बढ़ ही है. राज्य की आपदा सेवा और बाढ़ राहत मंत्री स्टेफ कुक ने कहा, "कुछ समुदायों के लिए तो यह 18 महीने में दूसरी बाढ़ है. कई तस्वीरें, लोगों के घरों को देखना और उनकी जिंदगियों को उलट-पुलट देखना दिल तोड़ने वाला है."

क्यों आ रही इतनी बाढ़?

लगातार चौथी बाढ़ झेलने के बाद न्यू साउथ वेल्स राज्य में यह सवाल आम तौर पर पूछा जा रहा है कि आखिर क्यों इतनी ज्यादा बाढ़ आ रही है. विशेषज्ञ इस बात पर एकमत हैं कि जलवायु परिवर्तन ही इसके लिए जिम्मेदार है. मंत्री मर्रे वॉट ने एक टीवी कार्यक्रम में कहा, "सच्चाई यह है कि हम बदलती जलवायु को जी रहे हैं और यदि कोई इस भ्रम में रहना चाहता है कि जलवायु परिवर्तन असलियत नहीं है वो जाहिर है इस वक्त आपका कार्यक्रम नहीं देख रहा है. ये ऐसी आपदाएं हैं जो बार-बार आ रही हैं और दिखाती हैं कि हमें क्यों जलवायु परिवर्तन को ज्यादा गंभीरता से लेना चाहिए और क्यों राज्य व केंद्र के स्तर पर इसके लिए ज्यादा निवेश की जरूरत है."

कुछ विशेषज्ञ अन्य कारणों को भी बार-बार आ रही बाढ़ के लिए जिम्मेदार मानते हैं. वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी में फंक्शनल इकोलॉजी पढ़ाने वाले जानेमाने पर्यावरण वैज्ञानिक डॉ. इयान राइट कहते हैं कि यह बाढ़ इतनी भी असामान्य नहीं है.

डॉयचे वेले से बातचीत करते हुए डॉ. राइट ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया नया देश है. हमारे पास 1799 के बाद की ही जानकारी है लेकिन ऐसी बाढ़ उससे पहले भी आती रही हैं. बीच-बीच मे ऐसे दौर आते रहते हैं जबकि इस तरह लगातार बाढ़ आती हैं. 1816 से 1899 के बीच चार बार बाढ़ आई थी. फिर 1864 से 1870 के बीच भी एक के बाद एक करके कई बार बाढ़ आई. और फिर ऐसे लंबे दौर आते हैं."

यह भी पढ़ेंः ऑस्ट्रेलिया की जनगणनाः सबसे तेजी से बढ़ रही है भारतीयों की आबादी

डॉ. राइट ध्यान दिलाते हैं कि पश्चिमी सिडनी में 2020 की बाढ़ से पहले 1990 में बाढ़ आई थी और 31 साल तक एक लंबा दौर बाढ़ रहित था. वह कहते हैं, "1904 से 1960 तक कोई बड़ी बाढ़ दर्ज नहीं की गई थी."

साथ ही डॉ. राइट कहते हैं कि इसका अर्थ यह कतई नहीं है कि जलवायु परिवर्तन को खारिज किया जा सकता है. वह कहते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण जो मौसमी बदलाव आ रहे हैं वे निश्चित तौर पर एक अहम भूमिका निभा रहे हैं. वर्तमान बाढ़ की वजह वह कथित रेन बम को बताते हैं. वह कहते हैं, "इस वक्त जमीन समुद्र के मुकाबले ज्यादा ठंडी है इसलिए ईस्ट कोस्ट लो नाम का क्षेत्र बनता है जो एक साथ भारी से बहुत भारी बारिश लेकर आता है. हाल में वही हुआ है जिस कारण तीन-चार दिन में आठ सौ मिलीमीटर से ज्यादा पानी एक ही जगह पर बरस गया."

सिडनी यूनिवर्सिटी में हैजर्ड्स एंड डिजास्टर रिस्क साइंसेज के ऑनरेरी प्रोफेसर डेल डॉमिनी-हॉव्स ने एक लेख में इसका विश्लेषण किया है. ‘द कनवर्सेशन' वेबसाइट पर छपे इस लेख में उन्होंने लिखा है, "इस आपदा के पहले कारक हैं कुदरत और भूगोल. कई महीनों से न्यू साउथ वेल्स में बहुत ज्यादा बारिश और उसके कारण बाढ़ से परेशान है."

डॉमिनी हॉव्स कहते हैं कि इसके लिए इस इलाके का भूगोल भी जिम्मेदार है. वह कहते हैं, "हॉक्सबरी-नेपियन और लिजमोर में बाढ़ की वजह है भूगोल. दोनों ही इलाके कटोरे जैसे इलाकों में हैं. लिजमोर ऐसी जगह पर है जहां बहुत सारी नदियां मिलती हैं और बड़ी बाढ़ की वजह बन सकती हैं."

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी