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जान बचाने की कोशिश में गद्दाफी

४ अप्रैल २०११

लीबिया में गद्दाफी शासन और विद्रोहियों के बीच सैनिक मोर्चे पर जिच बनी हुई है, लेकिन राजनीतिक मोर्चे पर गद्दाफी की हालत खस्ता होती जा रही है.

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लीबिया के सैनिक निशानों पर टोमाहॉक मिसाइलतस्वीर: dapd

संघर्ष खत्म करने के उपायों पर विचार के लिए गद्दाफी सरकार के उप विदेश मंत्री अब्देलाती ओबैदी यूरोप की यात्रा कर रहे हैं. लेकिन ऐसा कोई संकेत नहीं दिया गया है कि गद्दाफी गद्दी छोड़ने के लिए तैयार होंगे. ओबैदी सबसे पहले ग्रीस पहुंचे और उन्होंने ग्रीस के प्रधानमंत्री आंद्रेयास पापांद्रेउ को मुअम्मर गद्दाफी का एक व्यक्तिगत संदेश प्रदान किया. ग्रीस के विदेश मंत्री दिमित्रिस द्रोउत्सास ने पत्रकारों से कहा कि ऐसा लगता है कि लीबिया झगड़े का अंत चाहता है. इस बीच ऐसी भी रिपोर्टें मिली हैं कि भावी रणनीति के सवाल पर गद्दाफी के बेटों के बीच भारी मतभेद पैदा हो गया है.

मुश्किल में सेना

पश्चिमी हवाई हमलों की वजह से गद्दाफी की सेना को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है और विद्रोहियों को मदद मिली है. इसके अलावा विद्रोहियों को हथियारों से लैस करने की भी कोशिशें जारी हैं. इन सबके बावजूद सैनिक मोर्चे पर किसी भी पक्ष को सफलता नहीं मिली है. दोनों पक्षों के सैनिक ब्रेगा के इलाके में एक दूसरे का सामना कर रहे हैं. पश्चिमी देशों की ओर से स्पष्ट कर दिया गया है कि वे विद्रोहियों की मदद के लिए थल सेना नहीं भेजेंगे.

पश्चिम लीबिया में गद्दाफी की सेना ने गोदीनगर मिसराता की नाकेबंदी कर रखी है. यहां ढाई सौ घायल लोगों को बाहर निकालने के लिए एक तुर्क जहाज पहुंचा हुआ था. लेकिन लोगों की भारी भीड़ देश छोड़ने के लिए इस जहाज में आना चाहती थी. ऐसी हालत में जहाज को आनन फानन में तट छोड़ना पड़ा. लीबियाई सरकार की अनुमति न मिलने के बावजूद इसने बंदरगाह में लंगर डाला था. उसकी सुरक्षा के लिए तुर्क वायुसेना के दस एफ-16 विमान व नौसेना के दो जहाज मौजूद थे.

इस बीच विद्रोहियों की पांत में अनुशासन लाने की कोशिशें जारी हैं. इसकी खातिर एक क्राइसिस टीम तैयार की गई है, गद्दाफी के पूर्व गृह मंत्री जिसके सैनिक प्रधान हैं. वायुसेना के पूर्व मेजर जलीद अल लिबी ने बेनगाजी में पत्रकारों को बताया कि इस बीच पूर्व सैनिकों व अवकाशप्राप्त सैनिकों की मदद से सेना की पहली ब्रिगेड तैयार कर ली गई है.

रिपोर्ट एजेंसियां/उभ

संपादन आभा एम

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