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लीबिया के विद्रोहियों को अमेरिका का गुप्त समर्थन

३१ मार्च २०११

अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रपति बराक ओबामा ने लीबिया के विद्रोहियों के लिए गुप्त समर्थन की रजामंदी दे दी है. वहीं लीबिया के विदेश मंत्री मूसा कूसा चुपचाप ब्रिटेन पहुंचे हैं.

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तस्वीर: AP

लीबियाई विदेश मंत्री के चले जाने से विद्रोहियों को और बल मिल सकता है. पिछले कुछ दिनों में गद्दाफी की सेना ने विद्रोहियों पर कई आधुनिक हथियारों से हमले किए हैं और उन्हें पीछे हटाने के लिए नई रणनीति अपनाई है. लेकिन अमेरिका का किसी भी तरह का सहयोग इस लड़ाई की दिशा बदल सकता है.

USA Präsident Barack Obama in Washington zu Libyen
तस्वीर: dapd

पश्चिमी देश विदेश मंत्री मूसा कूसा से रणनीतिक सलाह ले सकते हैं कि गद्दाफी को किस तरह गद्दी से हटाया जाए. कूसा लीबिया के खुफिया विभाग के भी प्रमुख रहे हैं. वह बुधवार को ब्रिटेन चले गए.

सिरते से भगाया

नवाफालिया, बिन जवाद और रास लानूफ को सरकारी सेना ने भारी हमले कर अपने हाथ में ले लिया. सेना ने विद्रोहियों पर सिरते के बाहर घात लगा कर हमला किया और उन्हें रेगिस्तान में भाग जाने के लिए मजबूर किया.

विद्रोहियों के पास कोई प्रशिक्षण नहीं है, अनुशासन और नेतृत्व भी नहीं. विद्रोह करने वाले लोगों में अलग अलग गुट हैं, अपनी इच्छा से आए लोग और इसलिए फैसले गरमागर्म बहस के बाद आनन फानन में ले लिए जाते हैं. विद्रोहियों के प्रवक्ता कर्नल अहमद बानी ने कहा, "हमें हथियारों की जरूरत है जो टैंकरों और तोपों के खिलाफ काम आ सकें. हमने सोचा कि फिलहाल हम पीछे हट जाते हैं, जब तक हमारे पास इस सेना से भिड़ने के लिए अच्छी रणनीति न हो."

Libyen Muammar Gaddafi
तस्वीर: Picture-Alliance/dpa

हथियार दे सकते हैं

अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन ने संभावना व्यक्त की है कि विद्रोहियों को लड़ने के लिए हथियार दिए जा सकते हैं लेकिन इस बारे में कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया है.

अमेरिकी सूत्रों के हवाले से रॉयटर्स समाचार एजेंसी ने लिखा है कि ओबामा ने पिछले दो तीन हफ्ते में विद्रोहियों को सहायता देने के एक गोपनीय दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए हैं.

इसे प्रेजिडेंशल फाइंडिंग्स कहा जाता है. इस तरह की जांच राष्ट्रपति के निर्देश का मुख्य तरीका होता है ताकि वह केंद्रीय खुफिया एजेंसी के ऑपरेशन शुरु करने के आदेश दे सकें. सीआईए की कार्रवाई के लिए यह वैधानिक कदम जरूरी होता है. लेकिन इस हस्ताक्षर के बाद गुप्त अभियान शुरू होगा यह भी जरूरी नहीं.

अगर अमेरिका गद्दाफी विद्रोहियों को धन या हथियार देना चाहे तो इसके लिए इस दस्तावेज की जरूरत होगी. साथ ही व्हाइट हाउस को भी अतिरिक्त अनुमति देनी होगी. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जय कैर्ने ने कहा, "मैं खुफिया मामलों पर टिप्पणी नहीं देना चाहता. जो कल राष्ट्रपति ने कहा उसे ही में दोहराऊंगा, विपक्षी दल या किसी भी गुट को हथियार देने के बारे में कोई फैसला नहीं किया गया है."

Libyen Gaddafi Plakat in Misda
तस्वीर: dapd

लीबिया में सीआईए

न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा है कि लीबिया में सीआईए की ओर से छोटे छोटे दल भेजे गए हैं. इनके साथ ब्रिटेन की स्पेशल फोर्सेस भी हैं जो पश्चिम के हवाई हमलों के लिए खुफिया जानकारी इकट्ठा करेंगी. सीआईए ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

कूसा ब्रिटेन गए

गद्दाफी के खिलाफ लड़ाई का एक और मोर्चा खुल गया है क्योंकि सरकार के नजदीकी विदेश मंत्री मूसा कूसा अचानक सरकार छोड़ कर ब्रिटेन चले गए हैं. पहले भी कई राजनयिक और प्रशासनिक अधिकारियों ने सरकार से इस्तीफा दिया था. ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि कूसा गद्दाफी की सरकार के अहम व्यक्ति हैं और वह सरकार का अंतरराष्ट्रीय समुदाय में प्रतिनिधित्व करते रहे हैं, वह अब यह काम नहीं करना चाहते. ब्रिटिश सरकार ने उनके इस्तीफे को गद्दाफी सरकार के लिए एक बड़ा झटका बताया है.

बदलाव के कारक

कूसा पश्चिम में पढ़े लिखे, अंग्रेजी बोलने वाले व्यक्ति हैं और वह लीबिया की विदेश नीति में आमूलचूल बदलाव का कारण रहे हैं. अगर वह गद्दाफी सरकार के बारे में जानकारी साझी करना चाहें तो यह जानकारी पश्चिमी देशों के लिए अहम साबित हो सकती है.

वहीं लीबिया सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि कूसा देश छोड़ कर नहीं गए हैं बल्कि एक राजनयिक मिशन पर हैं. इस बारे में और कोई जानकारी उन्होंने नहीं दी है. पश्चिम का मानना है कि कूसा का जाना दूसरे अधिकारियों के लिए एक संदेश हो सकता है जो देश छोड़ना चाहते हैं. ब्रिटेन के विदेश मंत्रालय ने कहा, "हम लीबिया की सरकार छोड़ने वालों को प्रोत्साहित करते हैं ताकि वहां राजनैतिक बदलाव हो सके और सुधार भी."

कूसा के अलावा गद्दाफी के नजदीकी लोगों अब अधिकतर उनके बेटे या संबंधी ही बचे हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम

संपादनः वी कुमार

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