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हमने लीबिया में नरसंहार रोकाः ओबामा

२९ मार्च २०११

लीबियाई शासक मुअम्मर गद्दाफी की सेना कमजोर पड़ गई है और विद्रोहियों के खिलाफ बढ़ते उनके कदम पूरी तरह से रूक गए हैं. अमेरिकी राष्टपति बराक ओबामा ने ये कहा है.

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तस्वीर: AP

सोमवार को लीबिया पर अमेरिका की नीति और सैन्य भूमिका के बारे में बोलते हुए राष्ट्रपति ओबामा ने कहा,"हमने घातक रूप से आगे बढ़ती गद्दाफी की सेना को रोक दिया है." ओबामा ने ये भी कहा कि अमेरिका कर्नल गद्दाफी पर 42 साल पुरानी अपनी सत्ता छोड़ने के लिए दबाव बनाता रहेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति ने चेतावनी भरे लहजे में ये भी कहा कि राजनीतिक रूप से गद्दाफी को अलग थलग और उनकी सत्ता से लीबिया को मुक्त कराने में वक्त लगेगा.

ओबामा ने कहा, "ये काम रातों रात नहीं होगा क्योंकि बुरी तरह से कमजोर पड़ चुके गद्दाफी सत्ता अपने हाथ में बनाए रखने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. लेकिन गद्दाफी के इर्द गिर्द मौजूद लोगों और हर लीबियाई नागरिक को ये समझ लेना चाहिए कि इतिहास उनकी तरफ नहीं है." ओबामा प्रशासन ने लीबिया पर पहले से ही पाबंदी लगा दी है और गद्दाफी की सत्ता से जुड़ी 33 अरब डॉलर की परिसंपत्तियां जब्त कर ली है. राष्ट्रपति ने कहा है कि ये पैसा लीबिया के पुनर्निर्माण में खर्च होगा, "ये पैसा न तो गद्दाफी का है न हमारा, बल्कि ये लीबिया के लोगों का है और हम ये सुनिश्चित करेंगे कि उन्हें ये पैसा मिले."

Obama Brasilien Rio de Janeiro Theatro Municipal
तस्वीर: AP

लीबिया पर साफ साफ कोई नीति न बनाने के लिए अमेरिका में राष्ट्रपति को काफी आलोचना झेलनी पड़ी है. कुछ लोगों ने और ज्यादा आक्रामक सैन्य भूमिका की मांग की है तो कुछ ने सीधे सीधे इस मामले में दखलंदाजी पर ही सवाल उठाए हैं. ओबामा ने अपनी नीति का यह कह कर बचाव किया कि अमेरिका आम नागरिकों की रक्षा और संयुक्त राष्ट्र के नो फ्लाई जोन को लागू करने के लिए सीमित भूमिका निभा रहा है. ओबामा ने कहा कि गद्दाफी को सत्ता से बाहर करने के लिए बल प्रयोग 'भूल' होगी. ओबामा के मुताबिक इसमें अंतरराष्ट्रीय बिरादरी के बंटने का जोखिम है और इसके लिए सैनिकों को जमीन पर उतरना होगा.

ओबामा ने इराक युद्ध की याद दिलाते हुए कहा, "हम इराक की सड़कों पर उतरे, वहां सत्ता बदलने में आठ साल लग गए. हजारों अमेरिकी और इराकी लोगों की जान गई और खरबों डॉलर खर्च हो गए. इस तरह का कदम हम लीबिया में नहीं दोहराना चाहते." ओबामा ने कहा कि बड़ी मानवीय त्रासदियों को रोकना अमेरिका की जिम्मेदारी है और ऐसा न करना धोखा होगा.

ओबामा ने ये भी कहा कि कुछ देश दूसरे देशों में हो रहे अत्याचारों की तरफ से अपनी आंखे मूंद सकते हैं लेकिन अमेरिका उनसे अलग है. "राष्ट्रपति के रूप में मैं कार्रवाई करने के लिए नरसंहार और कब्रों की तस्वीर देखने का इंतजार नहीं कर सकता." लीबिया पर कार्रवाई में अमेरिका ने बड़ी भूमिका निभाई और फ्रांस, ब्रिटेन, स्पेन, इटली और दूसरे यूरोपीय देशों के साथ मिल कर क्रूज मिसाइलों से गद्दाफी की फौज पर हमला बोला. अब नाटो ने इस लीबिया पर कार्रवाई अपने हाथ में लेने पर रजामंदी जताई है. बुधवार को नाटो अपनी जिम्मेदारी संभाल लेगा. इसी दिन अमेरिका ने अपनी फौजी कार्रवाई बंद करने के संकेत दिए हैं. ओबामा ने लीबिया में अंतरराष्ट्रीय मिशन को सहयोग जारी रखने का वादा किया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः एमजी

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