1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

शांति भूषण एक और विवाद में फंसे

२० अप्रैल २०११

भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चला रहे वरिष्ठ वकील शांति भूषण ताजा विवाद में फंस गए हैं. बुधवार को उन्हें और उनके बेटे को उत्तर प्रदेश में ऊंची कीमत वाली जमीन फॉर्महाउस बनाने के लिए आवंटित किए जाने का मामला सामने आया है.

https://p.dw.com/p/10x3M
तस्वीर: picture alliance/dpa

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने शांति भूषण और उनके बेटे को नोएडा के पास जमीन दिए जाने पर सवाल उठाते हुए उनसे खुद ही लोकपाल बिल की ड्राफ्ट कमेटी से अलग हो जाने की मांग की है. नया विवाद इन खबरों के सामने आने के बाद उठा जिसके मुताबिक शांति भूषण को उत्तर प्रदेश सरकार ने 10 हजार स्क्वेयर मीटर जमीन आवंटित की जिनमें से हर एक की कीमत साढ़े तीन करोड़ है.

2009 में दी गई इस जमीन के बारे में भारत के एक अखबार ने खबर छापी है साथ ही कहा गया है कि आवंटन की प्रक्रिया में कोई पारदर्शिता नहीं बरती गई. इसके साथ ही ये भी नहीं बताया गया कि बाप बेटे को किस आधार पर जमीन दी गई. अखबार में शांति भूषण और उनके बेटे का बयान भी छपा है जिसमें उन्होंने बिना किसी आधार के जमीन मिलने की बात कही है.

शांति भूषण के बेटे जयंत भूषण उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ नोएडा पार्क में मूर्तियां लगाए जाने के खिलाफ कोर्ट गए थे. उनका कहना है कि इसमें विवाद की वजह नहीं थी. नए विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए शांति भूषण ने कहा है, कुछ "भ्रष्ट और महत्वपूर्ण" राजनेता उन पर लगाए गए आरोपों के पीछे हैं क्योंकि कमेटी में उनके (शांति भूषण) रहते "नरम" लोकपाल बिल तैयार करना मुमकिन नहीं होगा. शांति भूषण इस कमेटी के उपप्रमुख भी हैं.

Die Vorsitzende des Uttar Pradesh Congress COmmitee (UPCC) Rita Bahuguna Joshi
तस्वीर: UNI

उनका कहना है कि उन्हें और जयंत को जमीन किसी खास सुविधा के तहत नहीं मिली न ही इसके लिए किसी ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया. शांति भूषण के मुताबिक,"जमीन आवंटन के लिए आवेदन मांगे गए...ये साफ है कि उनके खिलाफ कुछ भ्रष्ट और महत्वपूर्ण नेताओं ने अभियान चला रखा है क्योंकि मैं अगर समिति में बना रहा तो बनने वाला कानून नरम नहीं होगा. मेरे समिति में रहते जो कानून बनेगा वो कठोर होगा और यही वजह है कि ये नेता मेरे खिलाफ अभियान चला रहे हैं. उनका असल मकसद लोकपाल बिल पास करने की प्रक्रिया की राह में बाधा खड़ी करना है."

विवाद सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी ने कहा है, "हम अन्ना हजारे की लोकपाल बिल पर की जा रही कोशिशों का स्वागत करते हैं लेकिन भूषण परिवार के सदस्यों को उनके खिलाफ उठ रहे मामलों पर जवाब देना है. इस तरह के विवाद को उठने के बाद अच्छा होगा अगर शांति भूषण कमेटी से बाहर हो जाएं." उधर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता मोहन सिंह ने कहा है कि जब वो खुद मान रहे हैं कि जमीनों के आवंटन में गड़बड़ी की बात सुनी है तो उन्होंने ये जमीन क्यों लिए. उधर पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी ने कहा है "ऐसा लगता है कुछ लोग नहीं चाहते कि लोकपाल कमेटी बने. मैं नहीं समझ पा रही हूं कि जब सामान्य प्रक्रिया का पालन किया गया तो उस पर सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं."

शांति भूषण के खिलाफ एक मामला पहले से ही सुर्खियो में है. शांति भूषण की मुलायम सिंह और अमर सिंह के साथ बातचीत वाली एक सीडी जारी की गई है जिसमें वरिष्ठ वकील किसी केस को फिक्स करने पर चर्चा कर रहे हैं. शांति भूषण ने इस सीडी को जाली बताते हुए आरोपों से इनकार किया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः उभ

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें