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बद्री की मुश्किलें

१४ जून २०११

भारतीय टीम में वेस्टइंडीज दौरे पर शामिल किए गए मध्यक्रम के बल्लेबाज एस बद्रीनाथ कैरेबियाई धरती पर अब तक फ्लॉप साबित हुए हैं. चार में से तीन मैचों में भी अपने बल्ले का हुनर नहीं दिखा पाए.

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India's batsman Subramaniam Badrinath plays a shot during the Twenty20 international cricket match against West Indies in Port of Spain, Trinidad, Saturday June 4, 2011. (AP Photo/Andres Leighton)
तस्वीर: AP

हालांकि बोर्ड प्रेसिडेंट इलेवन के इस नियमित सदस्य ने दौरे की शुरुआत में ही टी-20 मैच में भारत की तरफ से सर्वाधिक 43 रन बनाकर जीत में अहम भूमिका निभाई. इस मैच में वे मैन ऑफ द मैच भी रहे. लेकिन वनडे की शुरुआत से ही बद्रीनाथ की बल्लेबाजी में वह ठहराव नहीं दिखा, जिसके जरिये वे लगातार छह सीजन से घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगा रहे हैं.

वनडे सीरीज में कप्तान सुरेश रैना ने बद्रीनाथ को खुद और रोहित शर्मा से पहले बल्लेबाजी के लिए भेजा. लेकिन तीन मैचों में वह 17, 12 और 11 के स्कोर ही बना पाए. बद्री के पास चयन को सही साबित करने का पूरा मौका था, पर वे चूक गए. आईपीएल-4 में जिस तरह वे स्लो और तेज विकेट पर अपनी काबीलियत दिखा रहे थे, उसकी जरूरत वेस्टइंडीज दौरे पर थी, लेकिन यह हो नहीं पाया.

बद्री ने आईपीएल-4 के 16 मैचों की 13 पारियों में 56.57 की औसत से कुल 396 रन बनाए, लेकिन वेस्टइंडीज में टी-20 मैच के बाद उनके बल्ले की धार अचानक कुंद हो गई और वह नंबर चार पर बल्लेबाजी करने के बावजूद किसी भी एक मैच में अपनी पारी नहीं जमा पाए.

Cricket fans cheer during the Cricket World Cup semifinal match between India and Pakistan in Mohali, India, Wednesday, March 30, 2011. (Foto:Kirsty Wigglesworth/AP/dapd)
तस्वीर: DW

कप्तान धोनी सहित भारतीय क्रिकेट के विशेषज्ञ कह चुके हैं कि आईपीएल में किए गए प्रदर्शन को राष्ट्रीय टीम में चयन का आधार नहीं बनाना चाहिए. लेकिन बद्रीनाथ को राष्ट्रीय टीम में केवल आईपीएल में दमदार खेल के लिए शामिल नहीं किया गया, बल्कि घरेलू क्रिकेट में उनके लगातार अच्छे फॉर्म के कारण उन्हें टीम में जगह मिली. वेस्टइंडीज दौरा उनके करियर का टर्निंग प्वाइंट हो सकता है, लेकिन इस महत्वपूर्ण मौके पर बद्री आउट ऑफ फॉर्म हो गए.

हालांकि वह पिछले छह सालों से भारतीय टीम में आने के लिए अपने बल्ले से दस्तक दे रहे हैं और इस दौरान इक्का दुक्का अवसरों पर उन्हें टीम में शामिल भी किया गया, लेकिन सात मैचों में वे 15.80 की औसत से केवल 79 रन ही बना सके हैं.

जो बद्री घरेलू क्रिकेट में चमकता सितारा नजर आता है वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी चमक नहीं बिखेर पाता. वेस्टइंडीज दौरे की वनडे सिरीज में बद्री का कमजोर प्रदर्शन उन्हें तब भारी पड़ सकता है, जब अगली सीरीज के लिए सीनियर खिलाड़ी फिट हो जाएंगे और नए खिलाड़ियों के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी.

बद्रीनाथ की असफलता की वजह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का दबाव है या फिर यह समझा जाए कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट लिए बद्रीनाथ खुद को तैयार नहीं कर पाए. बद्रीनाथ का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सफल न होना भारत के घरेलू क्रिकेट और आईपीएल के क्रिकेट की गुणवत्ता पर सवाल उठाता है?

रिपोर्टः शराफत खान (वेबदुनिया)

संपादनः ए जमाल

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