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"डेविस से तालिबान से नजदीकी रिश्ते"

२२ फ़रवरी २०११

पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक दो लोगों की हत्या के आरोप में हिरासत में लिए अमेरिकी अधिकारी रेमंड डेविस के तालिबान से नजदीकी संबंध रहे हैं. उग्रवादियों की भर्ती में भी डेविस का हाथ बताया जा रहा है.

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अमेरिका डेविस की तुरंत रिहाई चाहता हैतस्वीर: AP

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने डेविस के संबंध तहरीके तालिबान से होने का दावा किया है. यह दावा पंजाब प्रांत के गुमनाम पुलिस अधिकारियों के हवाले से किया गया है. सोमवार को अमेरिकी मीडिया में आई खबरों में डेविस को सीआईए का एजेंट बताया गया.

पाकिस्तानी अखबार ने एक अधिकारी के हवाले से लिखा है, "लाहौर में हुई हत्याएं हमारी सुरक्षा एजेंसियों के लिए अच्छी ही रहीं जिनको संदेह था कि डेविस लाहौर और पंजाब के दूसरे इलाकों में आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहा है. तहरीके तालिबान से उसके रिश्तों का पता जांच के दौरान चला. डेविस पंजाब के युवाओं को तालिबान में भर्ती कराने में भी मदद करता था ताकि उग्रवाद जारी रहे."

मोबाइल फोन के कॉल रिकॉर्ड से पता चलता है कि डेविस ने कथित तौर पर 33 पाकिस्तानियों से संपर्क किया जिनमें 33 प्रतिबंधित तालिबान और लश्कर-ए-झांगवी से जुड़े हैं. रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि डेविस इस अमेरिकी धारणा को मजबूत करने के लिए काम कर रहा था कि पाकिस्तान के परमाणु हथियार सुरक्षित नहीं हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, "इसके लिए वह तालिबान का एक समूह बना रहा था जो उसके मुताबिक काम करे."

अखबार कहता है कि पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने 2006 में अमेरिका से एक गोपनीय डील की जिसके तहत सीआईए को पाकिस्तान में अपनी गतिविधियां चलाने की अनुमति दी गई. लेकिन सूत्र ने बताया, "सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इस बात पर खासी हैरान थी कि डेविस और उसके साथी ऐसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं जो समझौते में नहीं दी गई हैं."

सूत्रों का दावा है कि डेविस का काम पाकिस्तान के विभिन्न इलाकों में अल कायदा और तालिबान के बीच संपर्क तलाशना था, लेकिन जांचकर्ताओं को पता चला कि उसने तो तालिबान से ही नजदीकी संबंध कायम कर लिए हैं. डेविस से 158 चीजें बरामद की गई हैं जिनमें 9एमएम ग्लोक पिस्तौल, 75 गोलियां, एक जीपीएस उपकरण, एक इंफ्रारेड टॉर्च, एक वायरलैस सेट, दो मोबाइल फोन, एक डिजीटल कैमरा, एक सरवाइवल किट, पांच एटीएम कार्ड्स और पाकिस्तानी व अमेरिकी मुद्रा शामिल है. कैमरे में पाकिस्तान रक्षा प्रतिष्ठानों की तस्वीरें थीं. खुफिया अधिकारियों का कहना है कि डेविस ऐसी गतिविधियों में लिप्त था जिनसे पाकिस्तान राष्ट्र को नुकसान होता है.

वहीं अमेरिका डेविस की तुरंत रिहाई की मांग कर रहा है. अमेरिकी सरकार उसे अपने लाहौर कॉन्सुलेट का कर्मचारी बताती है और इन नाते डेविस को राजनयिक संरक्षण की दलील दी जा रही है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः उभ

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