जोनाथन की जीत से उत्तरी नाइजीरिया में हिंसा
१९ अप्रैल २०११रेड क्रॉस के अनुसार नाइजीरिया में हालात नाजुक बने हुए हैं. देश के उत्तरी हिस्से में कई जगह आगजनी हुई है, जिसमें कई लोगों की जान चली गई है. रिपोर्टों के अनुसार रिहायशी इलाकों के साथ साथ दुकानों, मस्जिदों और चर्चों को भी आग के हवाले कर दिया गया. हिंसा में सैंकड़ों लोग घायल हो चुके हैं. रेड क्रॉस ने कहा है कि मारे जाने वालों की संख्या के बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन कम से कम 300 लोग घायल हुए हैं और 15,000 लोगों को विस्थापित होना पड़ा है.
रेड क्रॉस के अधिकारी उमर मैरीगा ने बताया, "कदुना में हमने सड़कों पर शव देखे हैं." अधिकारियों ने पांच शहरों में कर्फ्यू लगा दिया है. जरिया शहर में प्रदर्शनकारियों ने उप राष्ट्रपति नामादी साम्बो के निवास पर भी आग लगा दी. कदुना में सुरक्षा बालों ने "हमें बुहारी चाहिए" के नारे लगाते प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोल दागे हैं. हवाई फायरिंग भी की गई.
नतीजों से नाराज
चुनावों में 53 वर्षीय ईसाई नेता जोनाथन को 57 प्रतिशत वोट मिले, जब कि 68 वर्षीय मुस्लिम नेता बुहारी को 31 प्रतिशत. बुहारी समर्थकों का कहना है कि चुनाव में धांधली हुई, हालांकि जोनाथन ने इससे इनकार किया है और कहा है कि चुनाव बिलकुल लोकतांत्रिक ढंग से हुए हैं. 2007 में जब नाइजीरिया में चुनाव हुए थे तब भी हिंसा और धांधलेबाजी की खबरें आईं थीं. इस बार हुए चुनावों को लेकर जानकारों की राय अलग है. माना जा रहा है कि देश में पहली बार साफ सुथरे ढंग से चुनाव हुए हैं.
विजेता घोषित किए जाने के बाद जोनाथन ने अपने भाषण में कहा, "हमें जल्द से जल्द खुद को भेदभाव वाली इस लड़ाई से दूर कर लेना चाहिए." नाइजीरिया में चुनावों के दौरान भी हिंसा की खबरें आती रहीं. नतीजे घोषित होने से पहले राष्ट्रपति जोनाथन ने इनकी निंदा करते हुए कहा, "मुझे यह जानकर बहुत दुख हो रहा है कि देश में छुट पुट हिंसा की खबरें आ रही हैं, लेकिन मैं आशा करता हूं कि इनका चुनाव से कोई लेना देना नहीं है." बुहारी की पार्टी ने भी हिंसा की निंदा की, लेकिन नतीजों की घोषणा के बाद से बुहारी ने कोई बयान नहीं दिया.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया
संपादन: ओ सिंह