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नाइजीरिया में सांप्रदायिक हिंसा, 20 हज़ार लोग बेघर

२० जनवरी २०१०

नाइजीरिया के शहर जोस में ईसाइयों और मुसलमानों के बीच रविवार से भड़के दंगों में अब तक करीब तीन सौ लोगों के मारे जाने और करीब 20 हज़ार लोगों के बेघर होने की ख़बर है.

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निशाने पर गिरजेतस्वीर: AP

इन दोनों समुदायों के युवाओं के बीच भड़की लड़ाई अब जोस शहर की सीमाओं से बाहर तक फैल गई है, जिसकी वजह से हज़ारों लोगों को घर छोड़कर भागना पड़ा है. लगभग तीन हज़ार लोग पुलिस की पनाह में हैं. शहर में कर्फ़्यू लगा दिया गया है. नाइजीरिया के अधिकारियों ने कहा है कि सांप्रदायिक दंगे भड़कने के बाद लगभग 60 लोगों को गिरफ़्तार भी किया गया है. नाइजीरिया के उप राष्ट्रपति गुडलक जोनाथन ने आदेश शहर में अधिक सैन्य बल की तैनाती के आदेश दिए हैं. सरकार ने स्थिति पर काबू पाने के लिए जोस में 24 घंटे का कर्फ्यू लगा दिया है.

रविवार से भड़के इन दंगों की वजह से जोस के लोगों को खाने पीने के सामान की कमी भी झेलने पड़ रही है. दंगों का कारण अभी तक साफ नहीं हो सका है. माना जा रहा है कि रविवार को मुस्लिम युवाओं ने एक चर्च को आग लगा दी थी जिसके बाद स्थिति गंभीर हो गई. रविवार को भड़की इस हिंसा में घरों, मस्जिदों और चर्चों को निशाना बनाया गया और कई इमारतों में आग लगा दी गई. मुस्लिम नेताओं के अनुसार हिंसा में मरने वाले लोगों को सामूहिक रूप से दफ़नाने की तैयारियां की जा रही हैं.

नाइजीरिया में इस तरह की लड़ाई सांप्रदायिक भावनाओं का नतीजा है. जोस की एक करोड़ पचास लाख की आबादी मुसलमानों और ईसाइयों के बीच लगभग बराबर बंटी है. जिस कारण पिछले काफ़ी समय से यहां ऐसी कई झड़पें होती रही हैं. ग़ौरतलब है कि नवंबर 2008 में मुस्लमानों और ईसाइयों के बीच भड़के दंगों में 200 लोग मारे गए थे जबकि 2001 में ऐसे ही दंगों में एक हज़ार लोग मारे गए थे.

रिपोर्ट: एजेंसियां/तनुश्री सचदेव

संपादन: उज्ज्वल भट्टाचार्य