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गेंदबाजों ने भारत को पहला टेस्ट जिताया

२४ जून २०११

किंग्सटन टेस्ट में भारत ने वेस्ट इंडीज को 63 रन से हरा दिया है. वेस्ट इंडीज के पुछल्ले बल्लेबाजों ने भारत की जीत का इंतजार लंबा तो किया लेकिन वे हार को टाल नहीं पाए और तीन मैचों की सीरीज में भारत को 1-0 की बढ़त मिल गई.

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तस्वीर: AP

भारत ने वेस्ट इंडीज को जीत के लिए 326 रन का लक्ष्य दिया था. लेकिन उसकी पूरी टीम 262 रन पर आउट हो गई. वेस्ट इंडीज की आखिरी जोड़ी देवेंद्र बिशू (33 गेंदों पर 26 रन) और फिदेल एडवर्ड्स (54 गेंदों पर 15 रन) ने भारतीय गेंदबाजों को परेशान जरूर किया. दोनों लंच के बाद लगभग 10 ओवर तक टिके रहे. आखिरकार सुरेश रैना ने बिशू को आउट करके भारत का जीत का इंतजार खत्म किया.

Mahendra Singh Dhoni
तस्वीर: AP

भारतीय गेंदबाजों ने इस मैच में बेहतरीन प्रदर्शन किया. खासतौर पर अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे प्रवीण कुमार ने दूसरी पारी में सिर्फ 42 रन देकर तीन अहम विकेट चटकाए. मैच में उन्होंने छह विकेट लेकर टेस्ट करियर की बढ़िया शुरुआत की.

ईशांत शर्मा ने भी अच्छी गेंदबाजी की. हालांकि उन्होंने कुछ कमजोर गेंदें फेंक कर 81 रन खर्च किए, लेकिन अहम मौकों पर तीन विकेट लेकर अपने योगदान को कम नहीं होने दिया.

चौथे दिन जब वेस्ट इंडीज के बल्लेबाज मैदान पर उतरे तब वेस्ट इंडीज को जीत के लिए 195 रन की जरूरत थी और उसके पास सात विकेट बाकी थे. लेकिन उसका मध्य और निचला क्रम पूरी तरह प्रभावहीन रहा. सिर्फ 95 रन के अंतर पर छह विकेट लेकर भारतीय गेंदबाजों ने रोमांचक हो चले मैच को एकतरफा बना दिया.

किंग्सटन के सबीना पार्क ग्राउंड पर यह भारतीय टीम की दूसरी जीत है. 2006 में उसने यहीं मैच जीतकर सीरीज पर कब्जा किया था. वेस्ट इंडीज की मिट्टी पर भारत की यह पांचवीं जीत है. अब दोनों टीमें बारबाडोस में भिड़ेंगी. दूसरा टेस्ट 28 जून से शुरू होगा.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एस गौड़

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