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कनिमोड़ी की याचिका पर फैसला सुरक्षित

३० मई २०११

2जी घोटाले में आरोपी डीएमके सांसद कनिमोड़ी और कलइग्नार टीवी के प्रबंध निदेशक शरद कुमार की जमानत याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा. सिनेयुग फिल्म्स के निदेशक करीम मोरानी न्यायिक हिरासत में.

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तस्वीर: UNI

सीबीआई की विशेष अदालत ने कनिमोड़ी की जमानत याचिका को खारिज कर 20 मई को उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिया था. कनिमोड़ी दो हफ्तों से दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं. अदालत ने कहा कि अगर कनिमोड़ी को छोड़ा गया तो वह गवाहों पर दबाव डाल सकती हैं. सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ कनिमोड़ी ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है लेकिन अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है.

2जी घोटाले में सीबीआई चार्जशीट में कनिमोड़ी का नाम सह-साजिशकर्ता के तौर पर दर्ज किया गया है. डीएमके सांसद पर 214 करोड़ रुपये रिश्वत लेने और पूर्व टेलीकॉम मंत्री ए राजा के साथ मिलकर घोटाले की साजिश रचने का आरोप है. ए राजा भी जेल भी बंद हैं.

Flash-Galerie Andimuthu Raja
तस्वीर: AP

करीम मोरानी पर भी 2जी स्पैक्ट्रम घोटाले में शामिल होने के आरोप लगे हैं. दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में ले लिया गया. मोरानी पर आरोप है कि डीबी रियल्टी और कलइग्नार टीवी में 200 करोड़ रुपये के लेनदेन में उनकी भूमिका है. कलइग्नार टीवी की 20 फीसदी हिस्सेदारी डीएमके सांसद और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि की बेटी कनिमोड़ी के पास है.

सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 200 करोड़ रुपये का लेनदेन कराने के बदले मोरानी को 6 करोड़ रुपये मिले. अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद करीम मोरानी ने 24 मई को जमानत याचिका दायर की.

2जी मामले में सीबीआई ने अपनी दूसरी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि स्वॉन टेलीकॉम और डीबी रियल्टी के प्रमोटर शाहिद बलवा और विनोद गोयनका ने डीएमके के कलइग्नार टीवी में 200 करोड़ रुपये लगाए. यह पैसा मोरानी की सिनेयुग फिल्मस प्राइवेट लिमिटेड और क्युजेगां फ्रूंट्स एंड वेजीटेबल्स प्राइवेट लिमिटेड के जरिए लगाया गया.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ओ सिंह

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