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आपदा में मददगार बनते फेसबुक ट्विटर

१८ मार्च २०११

मेलजोल बढ़ाने के लिए शुरु की गई फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल नेटवर्किंग साइट अब आपदाओं में मददगार भी साबित हो रहे हैं. सिर्फ वक्त गुजारने का नहीं वक्त को बेहतर बनाने में भी काम आ रहा है फेसबुक.

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तस्वीर: picture-alliance/ dpa

ऑस्ट्रेलिया में संचार की पढ़ाई से जुड़े एक प्रोफेसर ने आपदाओं के दौरान सोशल नेटवर्किंग साइट के बढ़ते इस्तेमाल की तारीफ की है. यूनीवर्सिटी ऑफ वेस्टर्न सिडनी की प्रोफेसर ग्वेनिथ हॉवेल ने कहा है, "हाल में आई आपदाओं के दौरान फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग साइटों ने मानवीयता का एक अच्छा चेहरा पेश किया." पिछले साल न्यूजीलैंड के दूसरे सबसे बड़े शहर क्राइस्टचर्च में आए भूकंप ने हॉवेल को सोशल नेटवर्किंग साइट के इस्तेमाल के बारे में रिसर्च करने के लिए प्रेरित किया. इस भूकंप में किसी की जान तो नहीं गई लेकिन नुकसान बहुत हुआ. उस वक्त हॉवेल को ये नहीं पता था कि आने वाले दिनों में क्वींसलैंड में तूफान, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में आग के बाद जापान में भूकंप और सूनामी का कहर टूटेगा.इस साल क्राइस्टचर्च के भूकंप में 180 से ज्यादा लोगों की मौत हुई.

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हॉवेल ने बताया कि जनवरी में क्वींसलैंड में आई भयानक बाढ़ के पीड़ितों के लिए फेसबुक पर मदद के लिए एक समूह बनाया गया. इसे बनाने वालों से बातचीत के दौरान हॉवेल को महसूस हुआ कि वर्चुअल दुनिया में भी समुदाय की भावना पनप रही है. समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में हॉवेल ने कहा, "इस चीज ने मुझे हैरान किया...मानवीय चेहरा और उदार सोच के साथ ही ये भी सामने आया कि लोग बिना एक दूसरे को जाने मदद के लिए सामने आए. अगर फेसबुक और सोशल मीडिया संकट के समय में इस तरह सामने आते हैं तो मेरे ख्याल में ये संचार के बेहतरीन साधन हैं."

हॉवेल ने कहा कि उनकी रिसर्च इस बात की पड़ताल में जुटी है कि लोग संकट के समय में फेसबुक और ट्विटर जैसी वेबसाइट का कैसे इस्तेमाल करते हैं. इसके जरिए ये जानने की कोशिश की जाएगी कि इस माध्यम का और बेहतर इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है. क्वींसलैंड में आई बाढ़ के दौरान फेसबुक ने लोगों को एक दूसरे के बारे में जानकारी दी. पालतू पशुओं को उनके घर पहुंचाने में मदद की और बाढ़ की स्थिती के बारे में लगातार बताते रहा. इस दौरान लोग टीवी पर भी बाढ़ के बारे में जानकारी लेते रहे लेकिन अपने आसपास के बारे में और कई बार दूरदराज की चीजों के बारे में भी उन्हें जानकारी फेसबुक से मिली. हॉवेल ने बताया कि क्वींसलैंड के टूवूमबा शहर में बाढ़ में कई लोग बह गए हैं. इसके बारे में जानकारी बहुत से लोगों को तब मिली जब उनके फेसबुक दोस्तों ने अपनी स्थिति के बारे में फेसबुक में जानकारी डाली. हॉवेल ने कहा,"लोगों को मुख्यधारा की मीडिया के बजाय फेसबुक पर मौजूद लोगों से ज्यादा जानकारी मिली.

जापान में इतने भयानक भूकंप और सूनामी के बाद फेसबुक और ट्विटर का इस्तेमाल लोग पीड़ितों के साथ खड़े होने में कर रहे हैं. हॉवेल कहती हैं, "फेसबुक पर समुदाय की भावना बढ़ रही है लोग एक दूसरे से जुड़ रहे हैं और इसकी हमें जरूरत है ये शानदार है."

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

सपादनः एमजी

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