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अमेरिकी कर्ज समझौते से दुनिया में राहत

१ अगस्त २०११

अमेरिका में राष्ट्रपति बराक ओबामा ने घोषणा की है कि आखिकार अमेरिकी सांसदों के बीच कर्ज की सीमा बढ़ाने पर सहमति हो गई है. अब कांग्रेस में इस पर मतदान होगा. काफी जद्दोजहद से हुई डील के बाद शेयर बाजार उछले.

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ओबामा ने किया एलान, हो गई डीलतस्वीर: AP

अमेरिकी कर्ज की सीमा बढ़ाने के लिए तय की गई समयसीमा से सिर्फ दो दिन पहले यह सहमति बनी. अमेरिकी राष्ट्रपति ने सांसदों से कहा कि सही कदम उठाते हुए इस प्रस्ताव को कांग्रेस में मंजूर किया जाए ताकि देनदारियों की चुकाने में नाकाम होने वाली स्थिति से बचा जा सके.

व्हाइट हाउस के साथ सत्ताधारी डेमोक्रैटिक और विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी का कहना है कि उनके बीच हुई डील से अगले 10 साल के दौरान घाटे में 2,400 अरब डॉलर की कमी होगी.

बन गई बात

सोमवार को अमेरिकी संसद के दोनों सदनों सीनेट और प्रतिनिधि सभा में इस विधेयक पर मतदान होने वाला है और रात होते होते यह इसे राष्ट्रपति की मेज पर रख दिया जा सकता है ताकि इसे कानून का रूप दिया जा सके. सीनेट में विधेयक पास हो जाएगा लेकिन प्रतिनिधि सभा में कुछ अड़चनें आ सकती हैं.

Treffen Obama mit Republikanern zu Schuldengesprächen Juli 2011 FLASH-GALERIE
लंबी जद्दोजहद के बाद डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन सांसदों के बीच सहमित बनीतस्वीर: dapd

ओबामा ने व्हाइट हाउस में बताया, "दोनों सदनों में दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच एक सहमति हुई है जिससे हमारा घाटा कम होगा और हम देनदारियों को चुकाने में नाकाम होने से बचेंगे. वरना इससे हमारी अर्थव्यवस्था पर विनाशकारी असर होता." इस योजना में दो चरणों में अमेरिकी घाटे को कम करने की बात कही गई है.

पहले चरण में अगले 10 साल के दौरान खर्चों में लगभग 900 अरब डॉलर की कटौती होगी और फिर कांग्रेस की विशेष समिति को 1,500 अरब डॉलर की बचत के रास्ते तलाशने होंगे. इस डील के तहत अमेरिकी कांग्रेस को 23 दिसंबर 2011 तक कदम उठाने होंगे.

रिपब्लिकन इस बात पर जोर दे रहे थे कि अमेरिकी कर्ज की 1,430 अरब यूरो की सीमा को बढ़ाने पहले वे खर्चों में कड़ी कटौती चाहते हैं.

शेयर बाजार में उछाल

अमेरिका में डील की खबर से सोमवार को शेयर बाजारों में बढ़त देखी गई. हालांकि सोना और जापान की मुद्रा येन के मूल्य में गिरावट रही. यूरोपीय बाजार पिछले हफ्ते की गिरावट से उबरते हुए कुछ संभले. विशाल बैंक एचएसबीसी ने 3.5 प्रतिशत की छलांग लगाई. जापान के निक्केई के शेयर औसतन 1.3 प्रतिशत चढ़े. प्रशांत क्षेत्र के एमएससीआई इंडेक्स में 1.7 प्रतिशत का उछाल देखा गया.

हांग कांग के हांग सेन में भी 1.4 प्रतिशत की बढ़त देखी गई जिसकी बड़ी वजह एसएसबीसी के शेयरों में 1.5 प्रतिशत की वृद्धि रही. यूरोप के इस सबसे बड़े बैंक ने कहा है कि वह अमेरिका में अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाली अपनी आधी शाखाओं को बेचेगा. एचएसबीसी ने दुनिया भर में अपने 5000 कर्मचारियों की छंटनी करने का भी एलान किया है.

Großbritannien Logo Wirtschaft Bank HSBC
तस्वीर: AP Graphics

वैसे बैंक ने पहले छह महीने के दौरान 11.5 अरब डॉलर का मुनाफा होने की बात कही है और बाकी बचे छह महीनों के लिए उसे उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं से बेहद उम्मीदें हैं क्योंकि यूरोप और अमेरिका अब भी मुश्किलों से जूझ रहे हैं.

येन के मुकाबले डॉलर ने छलांग लगाई. एक डॉलर 77.63 येन की कीमत पर आने से पहले 78.00 के स्तर को भी छू चुका था. कुल मिला कर दिन भर में येन के मुकाबले डॉलर के मूल्य में 0.3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. वहीं सोने के दाम 0.8 प्रतिशत गिर कर प्रति ओंस 1,611.89 डॉलर पर आ गए. शुक्रवार को यह आंकड़ा 1,632 डॉलर के रिकॉर्ड स्तर तक जा पहुंचा था.

USA Finanzkrise Rettungspaket abgelehnt
अमेरिकी संसद में पेश होगा विधेयकतस्वीर: AP

क्या है डील में

डील के तहत राष्ट्रपति ओबामा तीन चरणों में कर्ज की सीमा बढ़ा पाएंगे. इनमें से दो को अमेरिकी कांग्रेस के पास नामंजूर करने का मौका होगा, लेकिन वह इन्हें रोक नहीं सकती बशर्ते सीनेट और प्रतिनिधि सभा में उनके खिलाफ दो-तिहाई प्रचंड बहुमत हो, जिसकी संभावना नहीं दिखती.

डील के तहत 10 साल के दौरान खर्चों में 2,400 अरब डॉलर की कटौती की बात कही गई है जिसे कांग्रेस दो चरणों में मंजूर करेगी. पहले चरण की कटौतियां उन विवेकाधिकार कार्यक्रमों में होगी जिन्हें हर साल कांग्रेस मंजूर करती है. इनमें सेना से लेकर खाद्य निरीक्षण तक से जुड़े सभी तरह के कार्यक्रम शामिल हैं.

917 अरब में 350 अरब डॉलर की बचत रक्षा और सुरक्षा से जुड़े अन्य कार्यक्रमों से आएगी जिनके खाते में विवेकाधिकार खर्चों की आधी से ज्यादा रकम जाती है. हालांकि रिपब्लिकन इसका विरोध कर रहे हैं और यह उन चंद मुद्दों में शामिल है जिन पर अभी सहमति नहीं हो पाई है.इसके अलावा दोनों सदनों से दोनों पार्टियों के छह छह सांसदों को लेकर एक 12 सदस्यी कमेटी बनाई जाएगी जो 1500 अरब डॉलर की बचत के रास्ते बताएगी. यह कमेटी टैक्स कोड और मेडीकेयर जैसे लाभकारी कार्यक्रमों की पुनर्संरचना से बचत तलाशेगी. हालांकि राजनीतिक रूप से जोखिम भरे इस तरह के फैसलों पर अभी सांसदों में सहमति नहीं है.

NO FLASH Straßenszene mit Soldaten in der Provinz Laghman Afghanistan
अफगानिस्तान समेत कई देशों में अमेरिकी सेना के मिशनों पर अरबों डॉलर का खर्चा हो रहा हैतस्वीर: picture-alliance/dpa

अगर समिति 1,200 अरब डॉलर तक की बचत करने पर भी सहमत नहीं हुई या फिर कांग्रेस ने उसके सुझाए कदमों को खारिज कर दिया तो 2013 में इतनी रकम बचाने के लिए खर्चों में स्वतः कटौती शुरू हो जाएगी. ये कटौतियां घरेलू और सैन्य कार्यक्रमों को बराबर झेलनी होंगी. मेडीकेयर पर भी कटौती होगी, लेकिन सामाजिक सुरक्षा, मेडीकैड, संघीय रोजगार भत्ता और गरीबों व उम्रदराज लोगों को मिलने वाले फायदों को इससे दूर रखा जाएगा.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ए जमाल

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