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अमेरिका से नहीं मिली कोई औपचारिक अर्जीः पाकिस्तान

१० मई २०११

अमेरिका ने ओसामा बिन लादेन की पत्नियों से पूछताछ की मांग करने की बात कही है, लेकिन पाक विदेश मंत्रालय का कहना है कि उन्हें इस सिलसिले में कोई औपचारिक अर्जी नहीं मिली है.

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मारा गया बिन लादेनतस्वीर: AP Photo/MBC via APTN

पाकिस्तान की विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता तहमीना जंजुआ ने कहा, "विदेश मंत्रालय को अब तक अमेरिका से औपचारिक आवेदन नहीं मिला है." जंजुआ ने साथ ही कहा कि बिन लादेन की पत्नियों के देशों, यमन और सउदी अरब से भी उनके प्रत्यर्पण को लेकर कोई संदेश पाकिस्तानी सरकार के पास नहीं आया है.

अमेरिका की यह मांग है कि पाकिस्तान बिन लादेन की पत्नियों से सवाल जवाब की इजाजत दे. इस्लामाबाद में पाकिस्तान सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका के अनुरोध पर अब तक फैसला नहीं हो पाया है. 2 मई को अमेरिकी सैनिकों ने कमांडो कार्रवाई में अलकायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मार गिराया था, जिसके बाद से उसकी तीनों बीवियां पाकिस्तान में हिरासत में हैं.

Pakistan Premierminister Yusuf Raza Gilani
गिलानी की संसद में सफाईतस्वीर: picture-alliance/dpa

सालों से पाकिस्तान इस बात को नकारता रहा कि ओसामा बिन लादेन उसकी सीमा में मौजूद नहीं है. अब पाकिस्तान सरकार पर इस बात का दबाव है कि कैसे मिलिट्री अकादमी के पास बिन लादेन सालों से रह रहा था. घर में भी पाकिस्तान सरकार की परेशानी कम नहीं है.

सवाल उठाए जा रहे हैं कि अमेरिकी सेना देश के भीतर कार्रवाई करके चली गई और उन्हें भनक तक नहीं लगी. अमेरिका द्वारा देश की वायुसीमा का उल्लंघन भी पाकिस्तान सरकार की गले की फांस बना हुआ है.

अहम भूमिका

आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की भूमिका अहम मानी जाती है. अफगानिस्तान में इस्लामिक चरमपंथियों से लड़ने में अमेरिका पाकिस्तान की मदद लेता आया है. साथ ही अफगानिस्तान में शांति बहाली के लिए भी उसका साथ जरूरी है. एबटाबाद में सैन्य कार्रवाई के दौरान अमेरिका को बिन लादेन के ठिकाने से कई

अहम दस्तावेज मिले हैं. जिनमें कई कंप्यूटर हार्ड डिस्क भी शामिल हैं. इन सबके अलावा अमेरिका चाहता है कि उसे ओसामा की तीन बीवियों से पूछताछ की इजाजत दी जाए ताकि वह ओसामा के अंतरराष्ट्रीय टेरर नेटवर्क को समझ सके. ऐसा माना जा रहा है कि तीनों बीवियों को अलकायदा से जुड़ी कई जानकारियां हो सकती हैं.

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक अमेरिकी अधिकारी का कहना है कि पाकिस्तानी सरकार तीनों बीवियों से पूछताछ की अनुमति देने को तैयार दिखाई दे रही है. हालांकि इस बारे में व्हाइट हाउस की तरफ से कोई बयान नहीं आया है. दूसरी और पाकिस्तान सरकार के एक अधिकारी ने ऐसी किसी इजाजत से इनकार किया है. उनके मुताबिक इस बारे में सोचना अभी बहुत जल्दबाजी होगी. उन्होंने बताया कि स्थानीय एजेंसियों की अभी पूछताछ पूरी नहीं हुई है.

कहां जाएंगी ओसामा की बीवियां

बिन लादेन की पत्नियों में से दो सउदी अरब की हैं, जबिक तीसरी यमन की हैं.

इनके साथ बच्चे भी हैं. पाकिस्तान का कहना है कि इन्हें इनके मुल्क भेज दिया जाएगा. पाकिस्तान इनके संबंधित देशों से संपर्क में है लेकिन इन देशों की तरफ से अभी कोई जवाब नहीं मिला है कि वह इन्हें वापस अपने देश में आने की इजाजत देंगे या नहीं.

राडार पर आईएसआई

बिन लादेन के मारे जाने के बाद इस बात पर शक गहराता जा रहा है कि आईएसआई के संबंध अल कायदा प्रमुख से हो सकते हैं. पहले कई आईएसआई एजेंट्स के रिश्ते इस्लामिक चरमपंथियों से रह चुके हैं.

अमेरिकी सांसद अब सवाल उठा रहे हैं कि सालाना अरबों डॉलर पाकिस्तान को मदद के तौर पर देना कितना जायज है. अमेरिका अब इस बात पर भी ज्यादा जोर नहीं दे रहा है कि बिन लादेन पाकिस्तान की जमीन पर मारा गया है. व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्नी का कहना है हमें विश्वास है कि यह बहुत महत्वपूर्ण सहयोग को बनाए रखे. उनके मुताबिक ऐसा करना उनकी देश की सुरक्षा के हित में है.

नाटो के महासचिव आंदर्स फो रासमुसेन का कहना है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान का सहयोग करने के अलावा पश्चिमी देशों के पास कोई और रास्ता नहीं है. वर्ल्ड अफेयर्स काउंसिल को संबोधित करते हुए रासमुसेन ने कहा है कि अगर हम लंबे समय के लिए अफगानिस्तान में शांति चाहते हैं तो पाकिस्तान के साथ सकरात्मक सोच के साथ काम करना होगा.

रिपोर्टः एजेंसियां/आमिर अंसारी

संपादनः आभा एम