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'अफगानिस्तान में बढ़े सीमा पार से हमले'

१८ अक्टूबर २०११

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने कहा है कि पाकिस्तान में जब से अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन को मारा गया है, वहां से अफगानिस्तान में अमेरिका के नेतृत्व वाली सेनाओं पर हमले बढ़े हैं.

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तस्वीर: AP

जब प्रेस सचिव से पूछा गया कि क्या सीमा पार से अफगानिस्तान में हाल में बढ़ने वाले हमलों में तोपें और रॉकेट इस्तेमाल किए गए हैं तो प्रेस सचिव जॉर्ज लिटिल ने एक जवाबी ईमेल में कहा, "इन गर्मियों में जून से लेकर अगस्त तक हमने सीमापार से होने वाली गतिविधियो में वृद्धि देखी है."

पेंटागन ने कोई और ब्यौरा नहीं दिया है और न ही हमले बढ़ने की वजह मई में पाकिस्तान के एबटाबाद शहर में नेवी सील के अभियान को बताया है. इस विशेष अमेरिकी सैन्य टुकड़ी ने 2 मई को ओसामा बिन लादेन को मार गिराया.

हमलों में इजाफा

वहीं अफगानिस्तान के पूर्वी पकतिका प्रांत में तैनात अमेरिकी सैनिकों ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया कि मई के बाद से पाकिस्तान की तरफ से होने वाले रॉकेट हमलों में वृद्धि हुई है. एक अमेरिकी सैन्य अधिकारी के हवाले से न्यूयॉर्क टाइम्स ने कहा है कि यह साफ नहीं है कि अकसर दागे जाने वाले 107 एमएम के रॉकेट हमलों की वजह मजबूत होता उग्रवाद है, पाकिस्तान सेना का पलटवार है या ये दोनों ही वजहें हैं.

कुछ मामलों में रॉकेट अफगानिस्तान के भीतर ही उग्रवादी ठिकानों से दागे गए, और फिर उन्हें छोड़ने वाले भाग कर सीमा पार पाकिस्तान में चले गए. अखबार लिखता है कि मई से पकतिका में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर कम से कम 102 हमले किए गए जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान ऐसे सिर्फ 13 हमले हुए.

सेना पर शक

टाइम्स की खबर के मुताबिक जब अमेरिकी अधिकारियों ने सीमा पर तैनात पाकिस्तानी सैनिकों से इस बारे में संपर्क किया तो उन्होंने इस तरह के हमलों से अनभिज्ञता जताई. हालांकि हमले पाकिस्तान सेना के ठिकानों से बिल्कुल नजदीक से होते हैं.

Montage Hamid Karzai Afghanistan Flagge
अफगान सरकार के भी ऐसे ही आरोपतस्वीर: AP/DW-Montage

अखबार कहता है कि ये हमले जिस तरह अत्याधुनिक उपकरणों और तालमेल के साथ होते हैं, उन्हें देखते हुए कुछ अमेरिकी अधिकारियों को संदेह है कि इनके पीछे पाकिस्तानी सेना या उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई है. सीमा पार से होने वाले इन हमलों में तेजी ऐसे समय में देखने को मिल रही है जब बिन लादेन की मौत के बाद पाक-अमेरिकी रिश्ते बेहद खराब चल रहे हैं. अमेरिका के पूर्व सेना प्रमुख एडमिरल माइक मुलेन ने तो पिछले दिनों यहां तक कह दिया कि अफगानिस्तान में तैनात अमेरिकी सैनिकों पर हक्कानी नेटवर्क के हमले आईएसआई की मदद से हो रहे हैं.

पाक सैनिकों पर हमला

उधर, देश के पश्चिमोत्तर हिस्से में सोमवार को दर्जनों हथियारबंद उग्रवादियों के हमले में नौ पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं. लगभग 30 चरमपंथियों ने मोर्टार गोलों और राइफलों के साथ खैबर इलाके के बारा जिले में सैनिकों पर घात लगा कर हमला किया. यह इलाका अफगान सीमा से लगने वाले पाकिस्तान के उस कबायली क्षेत्र के तहत आता है जहां सरकार की एक नहीं चलती. यहीं से अफगानिस्तान में नाटो सैनिकों के लिए आपूर्ति का सामान ले जाने वाले ट्रक गुजरते हैं.

सेना के प्रवक्ता अतहर अब्बास ने कहा, "दोपहर में घात लगा कर हमला किया गया. यह दो तीन-घंटों तक चलता रहा और कइयों की जानें गईं. आतंकवादी भी मारे गए हैं." अन्य अधिकारियों ने बताया कि हमले में नौ सैनिक मारे गए हैं जबकि तीन घायल हुए हैं. वहीं 14 आतंकवादी भी इस हमले में मारे गए हैं. हमले वाली जगह खैबर पख्तून ख्वाह की राजधानी पेशावर से ज्यादा दूर नहीं पड़ती.

रिपोर्टः एएफपी, रॉयटर्स/ए कुमार

संपादनः आभा एम

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