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अफगानिस्तान के भविष्य में पाक भूमिका अहम: वेस्टरवेले

१९ नवम्बर २०११

अफगानिस्तान के भविष्य पर जर्मनी में अगले महीने होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन से पहले जर्मन विदेश मंत्री गीडो वेस्टरवेले शनिवार को काबुल पहुंचे. अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 5 दिसंबर से जर्मनी के बॉन शहर में होगा.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

अफगानिस्तान में नाटो फौजों के अभियान को 10 साल पूरे हो गए हैं. और अब जबकि नाटो ने अफगानिस्तान से जाने का फैसला कर लिया है तो देश का भविष्य अधर में है. 2014 के बाद अफगानिस्तान के साथ क्या होगा, यह सवाल अंतरराष्ट्रीय तबके में हर जगह पूछा जा रहा है. बॉन में भी इसी बात पर चर्चा होगी.

Pakistans Hina Rabbani Kha Guido Westerwelle
तस्वीर: dapd

क्या कहता है काबुल

इस सिलसिले में वेस्टरवेले अफगानी नेताओं से मिलने पहुंचे हैं. अफगानिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जनान मोसाजई ने बताया कि वेस्टरवेले राष्ट्रपति करजई के साथ साथ विदेश मंत्री जलमई रसूल से भी मुलाकात करेंगे. मोसाजई ने बताया कि अफगानिस्तान पहले ही एक दस्तावेज जर्मनी को दे चुका है जिसमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ अफगानिस्तान के संबंधों की रूपरेखा पर बात की गई है.

लेकिन इस मुलाकात में वेस्टरवेले का ज्यादा जोर बॉन सम्मेलन की तैयारियों पर होगा. इस सम्मेलन में दुनियाभर के 90 से ज्यादा प्रतिनधि पहुंचेंगे.

शुक्रवार को वेस्टरवेले पाकिस्तान में थे. उन्होंने पाकिस्तान से अपील की कि आंतकवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखे. वेस्टरवेले ने कहा, "यह आवश्यक, महत्वपूर्ण और निर्णायक है कि हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में साथ रहें." उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के स्थायित्व में पाकिस्तान की अहम भूमिका है.

Guido Westerwelle und Gurbanguli Berdymuchamedow in Turkmenistan
तस्वीर: dapd

क्या कहता है पाकिस्तान

मुलाकात के बाद पाकिस्तान की विदेश मंत्री हिना रब्बानी खर ने कहा कि अफगानिस्तान के साथ संबंधों में उनके देश के कोई गुप्त हित नहीं हैं. खर ने अफगानिस्तान के लोगों से मांग की कि वे इस्लामाबाद की आलोचना बंद करें और ज्यादा सहयोग करें.

अफगानिस्तान का मानना है कि उसकी सरकार के खिलाफ तालिबान की लड़ाई पाकिस्तानी जमीन पर ही आयोजित होती है. पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी आईएसआई पर भी तालिबान की मदद के आरोप लगातार लगते रहते हैं.

इस महीने की शुरुआत में इस्तांबुल में हुए अफगान सम्मेलन में राष्ट्रपति हामिद करजई ने उम्मीद जताई थी कि तालिबान को उसके 'पारंपरिक नेटवर्क' से मदद मिलना बंद हो जाएगी. पारंपरिक नेटवर्क से उनका इशारा पाकिस्तान की ओर ही था.

वेस्टरवेले से मिलने के बाद खर ने कहा कि ऐसे कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं जिनके आधार पर अफगानिस्तान के अविश्वास को जायज ठहराया जा सके. उन्होंने कहा, "पाक सरकार जितना हो सकता है उतनी जिम्मेदारी से काम कर रही है." बॉन सम्मेलन की चर्चा में पाकिस्तान की भूमिका अहम मुद्दा होगा.

इस बीच अफगानिस्तान में आतंकी हमले लगातार जारी हैं. शनिवार को भी राजधानी काबुल में एक छापे के दौरान विदेशी सैनिकों और आतंकियों की मुठभेड़ हुई. इस मुठभेड़ में दो अफगानी पुलिस अफसर मारे गए. यह छापा रात के वक्त मारा गया. अफगानिस्तान सरकार नाटो के रात के छापों को लेकर खुश नहीं है. विदेशी सैनिक इसे अपना सबसे असरदार हथियार मानते हैं लेकिन करजई सरकार चाहती है कि रात के छापे बंद किए जाएं.

रिपोर्टः डीपीए/एएफपी/रॉयटर्स/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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