चीनी गुब्बारों ने भारत की भी जासूसी कीः अमेरिका
८ फ़रवरी २०२३अमेरिकी मीडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक जो बाइडेन सरकार ने कई देशों को सूचित किया है कि चीन गुब्बारे के जरिए उनके यहां भी जासूसी कर रहा था. यह जानकारी शनिवार को कैलिफॉर्निया तट के पास एक गुब्बारे को मिसाइल से मार गिराने के बाद दी गई है. अमेरिका ने गुब्बारे के अवशेषों को भी खोज लिया है.
द वॉशिंगटन पोस्ट अखबार ने खबर छापी है कि सोमवार को अमेरिकी उप विदेश मंत्री वेंडी शर्मन ने 40 देशों के दूतावास अधिकारियों को इस गुब्बारे के बारे में सूचित किया.
चीनी वायुसेना करती है संचालित
द वॉशिंगटन पोस्ट की खबर कहती है, "निगरानी करने वाला गुब्बारा कई सालों से चीन के दक्षिणी तट पर हानियान प्रांत से काम कर रहा था. उस गुब्बारे ने चीन के लिए रणनीतिक अहमियत वाले देशों की सैन्य क्षमताओं के बारे में जानकारियां जमा कीं. इन देशों में भारत, जापान, वियतनाम, ताइवान और फिलीपींस शामिल हैं.”
वॉशिंगटन पोस्ट ने कई अधिकारियों और रक्षा व जासूसी विशेषज्ञों से बातचीत के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की है. इन अधिकारियों ने बताया कि चीनी वायु सेना इन गुब्बारों को संचालित करती है. और इन्हें पांच महाद्वीपों के ऊपर देखा जा चुका है.
दर्जनों अभियानों की खबर
एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट कहती है, "ये गुब्बारे पीआरसी (पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना) के उस गुब्बारों के बेड़े का हिस्सा हैं जिसे जासूसी अभियानों के लिए तैयार किया गया है और जिसने कई देशों की संप्रभुता का उल्लंघन किया है.”
अखबार के मुताबिक हाल के सालों में अब तक अमेरिका में ही कम से कम चार गुब्बारे देखे जा चुके हैं. इससे पहले हवाई, फ्लोरिडा, टेक्सस और ग्वाम में ये गुब्बारे देखे गए थे. पिछले हफ्ते पांचवीं बार ऐसा गुब्बारा अमेरिका के आसमान में नजर आया. पहले चार में तीन बार ये घटनाएं तब हुईं जब डॉनल्ड ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति थे. हालांकि चीन के जासूसी उपकरणों के रूप में इनकी पहचान हाल ही में हुई है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हम उन देशों के साथ जितनी संभव हो सूचनाएं साझा करना चाहते हैं जो इस तरह के अभियानों के संदिग्ध शिकार हो सकते हैं.”
वैसे विश्लेषक अब तक यह नहीं बता पाए हैं कि चीन के गुब्बारों के बेड़े में कितने गुब्बारे हैं लेकिन अमेरिकी अधिकारियों ने यह कहा है कि 2018 के बाद से ऐसे दर्जनों अभियान भेजे गए हैं.
चीन बढ़ा रहा है गुब्बारेः विशेषज्ञ
हाल ही में चीनी सैन्य शोधकर्ताओं ने गुब्बारों और एयरशिप का इस्तेमाल बढ़ाने की वकालत की थी. ऐसे शोधपत्र सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध हैं जिनमें कहा गया है कि चीन को गुब्बारों का प्रयोग बढ़ाना चाहिए और उन्हें विभिन्न जगहों पर तैनात करना चाहिए.
वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि इन सैन्य अभियानों में एक निजी कंपनी द्वारा विकसित की गई तकनीक का इस्तेमाल हुआ है. यह निजी कंपनी चीन के सैन्य तंत्र का हिस्सा है.
पिछले हफ्ते अमेरिका के आसमान में चीनी गुब्बारा नजर आने के बाद इसे लेकर कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर विवाद उठ खड़ा हुआ था. अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने तो अपनी चीन यात्रा तक रद्द कर दी थी जबकि दोनों देश इस यात्रा से संबंधों की बेहतरी की उम्मीद लगाए हुए थे.
चीन का कहना है कि यह एक वेदर-बलून था जो अपना रास्ता भटक गया और अमेरिकी वायु क्षेत्र में चला गया. अमेरिका दावा कर रहा है कि यह वेदर-बलून नहीं था बल्कि एक एयरशिप था जो जासूसी कर रहा था और इसे चीन की सेना नियंत्रित कर रही थी.
वीके/एडी (रॉयटर्स, एएफपी)