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बिना किसी एलान के कीव पहुंचे जर्मनी के उप चांसलर

३ अप्रैल २०२३

जर्मनी के उप चांसलर रॉबर्ट हाबेक औचक दौरे पर यूक्रेन की राजधानी कीव गए हैं. इस बीच रूस ने जल्द बेलारूस-पोलैंड बॉर्डर पर परमाणु हथियार तैनात करने का एलान किया है.

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कीव में हाबेक
तस्वीर: Christoph Soeder/dpa/picture alliance

जर्मन मीडिया के मुताबिक उप चांसलर रॉबर्ट हाबेक कारोबारियों के एक छोटे से प्रतिनिधि मंडल के साथ ट्रेन से कीव गए. हाबेक के मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है. समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए मंत्रालय ने इससे ज्यादा जानकारी नहीं दी.

जर्मनी के सबसे ज्यादा बिकने वाला अखबार बिल्ड त्साइटुंग के मुताबिक, कीव के रेलवे स्टेशन पर हाबेक ने पत्रकारों से बातचीत की और कहा कि वे यूक्रेन को यह संकेत देने आए हैं कि, "हमें यकीन है कि जीत होगी और पुर्ननिर्माण भी." हाबेक ने यह भी कहा कि यूक्रेन "भविष्य में आर्थिक रूप से मजबूत साझेदार" होगा.

यूक्रेन में पावर ग्रिड का मुआयना करते जर्मन उप चांसलर रॉबेर्ट हाबेक
यूक्रेन में पावर ग्रिड का मुआयना करते जर्मन उप चांसलर रॉबेर्ट हाबेकतस्वीर: Christoph Soeder/picture alliance/dpa

24 फरवरी 2022 को रूसी सेना ने बॉर्डर पारकर यूक्रेन पर हमला किया. जंग के बाद यह पहला मौका है जब जर्मनी के उप चांसलर हाबेक यूक्रेन पहुंचे हैं. उनके साथ फेडरेशन ऑफ जर्मन इंडस्ट्रीज (बीडीआई) के प्रमुख जिगफ्रिड रुसवुर्म भी हैं. यूक्रेन युद्ध के बाद से कई जर्मन नेता यूक्रेन का दौरा कर चुके हैं. कीव जाने वाले नेताओं में जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स और विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक भी शामिल हैं.

यूक्रेन की मदद के लिए नाटो, ईयू बढ़ाएंगे सहयोग

रूसी हमलों ने यूक्रेन के कई शहरों में भारी नुकसान पहुंचाया है. यूक्रेन का औद्योगिक केंद्र कहा जाने वाला मारियोपोल शहर अस्त व्यस्त हो चुका है. विश्व बैंक के अनुमान के मुताबिक नुकसान से उबरने और पुर्ननिर्माण करने के लिए यूक्रेन को कम से कम 411 अरब डॉलर की जरूरत पड़ेगी. सबसे ज्यादा खर्च परिवहन ढांचे को फिर से दुरुस्त करने में आएगा. इसके बाद हाउसिंग और एनर्जी सेक्टर को हुए नुकसान का नंबर आता है.

यूक्रेन में जर्मनी के आर्थिक व ऊर्जा मंत्री हाबेक
यूक्रेन में जर्मनी के आर्थिक व ऊर्जा मंत्री हाबेकतस्वीर: Christoph Soeder/picture alliance/dpa

पोलैंड सीमा के पास परमाणु हथियार

इस बीच रूस ने कहा कि तीन महीने के भीतरटैक्टिकल न्यूक्लियर हथियार बेलारूस में तैनात कर दिए जाएंगे. बेलारूस की राजधानी मिंस्क में तैनात रूसी राजदूत बोरिस ग्रिजलोव के मुताबिक ये हथियार बेलासरूस-पोलैंड बॉर्डर पर लगाए जाएंगे, "यूरोप और अमेरिका के शोर के बावजूद यह किया जाएगा."

परमाणु हथियार बेलारूस में तैनात क्यों करना चाहते हैं पुतिन

आसानी से ट्रांसपोर्ट किए जा सकने वाले छोटे एटमी हथियारों को टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियार कहा जाता है. यूक्रेन युद्ध के बाद से पश्चिमी और रूस के बीच सैन्य तनाव चरम पर है. हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एलान किया था कि रूस, बेलारूस में टैक्टिकल न्यूक्लियर वैपन तैनात करेगा.

करीब 400 किलोमीटर लंबी है पोलैंड और बेलारूस की सीमा
करीब 400 किलोमीटर लंबी है पोलैंड और बेलारूस की सीमातस्वीर: Michal Dyjuk/AP Photo/picture alliance

ग्रिजलोव कहते हैं, "अगर हम यूरोप में अमेरिकी परमाणु हथियारों की बात करें तो फिर हमें भी अपने संघीय देशों बेलारूस और रूस की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कदम उठाने होंगे."

पोलैंड का पूर्वोत्तर इलाका बेलारूस से लगा है. दोनों देशों के बीच करीब 400 किलोमीटर लंबा बॉर्डर है. पोलैंड का नाम लिए बैगर उसको चेतावनी देते हुए रूसी राजदूत ने कहा, "उनके लिए ये देश कठपुतली की तरह हैं, लेकिन हमारे साथ वे इलाका साझा करते हैं."

ओएसजे/एए (एएफपी, डीपीए)