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टैक्टिकल परमाणु हथियार क्या होता है

१२ अक्टूबर २०२२

यूक्रेन में युद्ध से लेकर उत्तर कोरिया के ताबड़तोड़ मिसाइल परीक्षणों तक टैक्टिकल परमाणु हथियारों की बड़ी चर्चा है. शीतयुद्ध के बाद इन हथियारों की ना कभी इतनी चर्चा हुई थी ना विकास. आखिर है क्या टैक्टिकल परमाणु हथियार?

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टैक्टिकल परमाणु हथियार
रूस की 70 किलोमीटर रेंज वाली टोक्टा मिसाइल टैक्टिकल परमाणु हथियारों के लिए इस्तेमाल हो सकती हैतस्वीर: Igor Sarembo/dpa/picture alliance

इस तरह के हथियारों की कोई एक निश्चित परिभाषा नहीं है जिसे सब लोग मानें. विश्लेषकों का कहना है कि किसी भी तरह के परमाणु हथियार का इस्तेमाल उस "परमाणु वर्जना" को तोड़ देगा जो 1945 में जापान पर अमेरिका के परमाणु हथियार गिराये जाने के बाद जन्मी थी. 1945 में परमाणु बमों का इस्तेमाल युद्ध में इसके इस्तेमाल की अकेली घटना है.

टैक्टिकल परमाणु हथियारों के कुछ गुणों के आधार उनकी पहचान बनाई जा सकती है और साथ ही यह भी समझा जा सकता है कि इस वक्त दुनिया का उन पर इतना अधिक ध्यान क्यों है.

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टैक्टिकल परमाणु हथियार क्या है?

टैक्टिकल परमाणु हथियारों को अकसर उनके आकार, रेंज और सीमित सैन्य निशानों के आधार पर पहचान दी जाती है. 

इन्हें "गैर रणनीतिक हथियार" भी कहा जाता है और रणनीतिक हथियारों से अलग माना जाता है. अमेरिकी सेना के मुताबिक रणनीतिक हथियार, "दुश्मन के युद्ध लड़ने की क्षमता, युद्ध करने की इच्छा" को निशाना बनाने के लिए तैयार किया जाता है. इसमें उत्पादन, बुनियादी ढांचा, परिवहन, संचार तंत्र और दूसरे लक्ष्यों को निशाना बनाना शामिल है.

इसके उलट टैक्टिकल हथियारों को सीमित दायरे में तात्कालिक सैन्य लक्ष्यों को हासिल करने के लिए तैयार किया जाता है जिनसे युद्ध जीतने में मदद मिल सकती है. इस टर्म का इस्तेमाल अकसर ऐसे हथियार के लिए किया जाता है जिसकी क्षमता कम होती है और धमाके के दौरान कम ऊर्जा निकलती है.

टैक्टिकल परमाणु हथियार
रूस ने आरडीएस 4 नाम का टैक्टिकल परमाणु हथियार बड़ी संख्या में बनाया है, मॉस्को में इसका एक स्मारक भी हैतस्वीर: Maxim Shipenkov/EFE/EPA

कई बार ये पारंपरिक बमों की तुलना में बड़े होते हैं और इनसे रेडियोधर्मी विकिरण होता है जिसके कारण ये धमाके के बाद भी नुकसान पहुंचाते हैं. हालांकि टैक्टिकल परमाणु हथियार का कोई तय आकार नहीं है.

टैक्टिकल हथियार अकसर मिसाइलों में लगाये जाते हैं या फिर विमान से गिराये या तोप के गोलों से भी दागे जा सकते हैं. हजारों किलोमीटर और महासागरों के पार जाकर वार करने वाली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों की तुलना में इनकी रेंज बहुत कम है. इसके साथ यह भी सच है कि इन हथियारों को गिराने वाले सिस्टम कई बार रणनीतिक परमाणु हथियारों को भी लेकर जा सकते हैं.

किसके पास हैं टैक्टिकल परमाणु हथियार

दुनिया के कई परमाणु ताकत से लैस देशों के पास ऐसे कम घातक हथियार हैं जिन्हें युद्ध के मैदान में इस्तेमाल किया जा सकता है.

अमेरिका की कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की मार्च में जारी रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के पास 230 गैररणनीतिक परमाणु हथियार हैं. इनमें 100 बी61 बम भी शामिल हैं जिन्हें विमानों के साथ यूरोप में तैनात किया गया है.

2018 में ट्रंप प्रशासन ने पनडुब्बी से छोड़ी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए कम ताकत वाले परमाणु हथियार बनाने की योजना का एलान किया था. इसके साथ ही एक गैर रणनीतिक परमाणु क्रूज मिसाइल बनाने की घोषणा की गई.

सीआरएस की रिपोर्ट के मुताबिक रूस के हथियार भंडार में 1000 से 2000 गैर रणनीतिक परमाणु हथियार मौजूद हैं. 

कहा जा रहा है कि हाल ही में उत्तर कोरिया ने जो मिसाइल परीक्षणों में तेजी दिखाई है वह दक्षिण कोरिया पर टैक्टिकल परमाणु हथियारों से हमले की तैयारी के लिहाज से थी. विशेषज्ञों का मानना है कि अगर उत्तर कोरिया परमाणु परीक्षण दोबारा शुरू कर देता है तो इसमें ऐसे छोटे हथियारों का विकास शामिल होगा जो युद्ध के मैदान में इस्तेमाल किये जायेंगे.

टैक्टिकल परमाणु हथियार
कम दूरी की मिसाइलों के जरिये ये परमाणु हथियार युद्ध के मैदान में इस्तेमाल किये जा सकते हैंतस्वीर: Cover-Images/IMAGO

क्या इन परमाणु हथियारों का इस्तेमाल होगा

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दुनिया के सबसे ताकतवर परमाणु हथियार वाले देश पर शासन करते हैं. उन्होंने पश्चिमी देशों को चेतावनी दी है कि रूस पर हुआ हमले का जवाब परमाणु हथियारों से दिया जा सकता है. 

इसी हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि उन्हें इस बात में संदेह है कि पुतिन परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेंगे. विश्लेषकों का कहना है कि यूक्रेन में यु्द्ध का मैदान जिस तरह विशाल और बिखरा हुआ है उसमें टैक्टिकल परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का कोई बड़ा फायदा नहीं है.

इससे पहले बाइडेन ने कहा था कि छोटे परमाणु हथियार का इस्तेमाल भी स्थिति को नियंत्रण से बाहर ले जायेगा.

इस बीच उत्तर कोरिया जिस तरह से हथियारों को बनाने में जुटा है, वह उसके हथियारों की तैनाती को खतरनाक तरीके से बदल सकता है और इसमें परमाणु हथियार शामिल हो सकते हैं.

इसकी वजह से दक्षिण कोरिया में अमेरिकी टैक्टिकल परमाणु हथियारों को लेकर एक नई बहस शुरू हो गई है. इन हथियारों को 1990 में हटा लिया गया था. इसके साथ ही देश में अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है.

एनआर/ओएसजे (रॉयटर्स)