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इमरान खान को सत्ता से बाहर करने की विपक्ष को उम्मीद

२९ मार्च २०२२

पाकिस्तान की संसद में विपक्ष के सांसदों ने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की शुरुआत कर दी है. अब प्रस्ताव पर तीन दिनों की चर्चा के बाद मतदान होगा. 

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इमरान खान
इमरान खानतस्वीर: Anjum Naveed/AP/picture alliance

संसद के निचले सदन में विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ ने खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया. डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और 30 मार्च तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. 31 मार्च को प्रस्ताव पर तीन दिनों की बहस शुरू होगी और फिर मतदान होगा.

342 सीटों वाले सदन में सरकार को गिराने के लिए विपक्ष को 172 मत चाहिए. विपक्ष का दावा है कि उसके पास इतने मत हैं. खान पर देश की अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन के आरोप हैं.

(पढ़ें: इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, कई सांसदों ने छोड़ा साथ)

कमजोर हो रहे हैं खान

पाकिस्तानी डेमोक्रेटिक मूवमेंट नाम का विपक्ष का एक गठबंधन खान की गठबंधन सरकार के साझेदारों को अपनी तरफ लुभाने की कोशिश कर रहा है. ऐसा लग रहा है कि उनमें से कुछ तो खान का साथ छोड़ने को तैयार भी हैं.

इमरान खान
जानकारों का मानना है कि इमरान खान से देश की शक्तिशाली सेना का समर्थन खो दिया हैतस्वीर: Anjum Naveed/AP/picture alliance

विपक्ष ने कुछ हफ्तों पहले अविश्वास प्रस्ताव की घोषणा कर देश की राजनीति में उथल पुथल की शुरुआत कर दी थी. यह खान के राजनीतिक जीवन की अभी तक की सबसे मुश्किल चुनौती है.

रविवार 27 मार्च को खान ने एक रैली में उनकी अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ और उनके सहयोगी दलों के सांसदों की मदद से अविश्वास प्रस्ताव को हराने का प्रण लिया. उनकी रैली का मुकाबला करने के लिए विपक्ष के गठबंधन ने भी इस्लामाबाद में एक विशाल सरकार-विरोधी रैली निकाली, जिसमें लाखों लोगों ने भाग लिया.

(पढ़ें: इस्लामिक सहयोग संगठन में इमरान ने उठाया कश्मीर मु्द्दा)

उसके अगले दिन ही खान के गठबंधन सरकार के चार सांसदों ने सरकार से इस्तीफे की घोषणा की. इस घोषणा से विपक्ष और मजबूत हो गया. विपक्ष की बड़ी पार्टी पीपीपी के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने पत्रकारों को बताया, "हमारे पास इमरान खान सरकार को गिराने के आवश्यक संख्या में सांसदों का समर्थन है."

सहारे की तालाश

खान 2018 में 176 मत हासिल कर सत्ता में आए थे. उन्हें अपनी सरकार बचाने के लिए 172 मतों की जरूरत है लेकिन उनकी पार्टी के करीब एक दर्जन सांसद बगावत कर चुके हैं.

पीपीपी
इस्लामाबाद में हुई विपक्षी पार्टी पीपीपी की रैलीतस्वीर: Aamir Qureshi/AFP/Getty Images

उनकी स्थिति अब इतनी नाजुक हो चुकी है कि और सांसदों का समर्थन हासिल करने के लिए उन्होंने 28 मार्च को पीएमएल-क्यू के नेता चौधरी परवेज इलाही को पंजाब प्रांत का मुख्यमंत्री मनोनीत कर दिया.

(पढ़ें: इमरान खान ने अब क्यों की भारत की तारीफ?)

 

बताया जा रहा था कि इलाही खान को समर्थन देने को लेकर मन नहीं बना पा रहे थे लेकिन उनकी पार्टी के नेताओं ने बताया कि उन्हें मुख्यमंत्री बना देने से पांच मत पाने की गारंटी मिल जाएगी.

सीके/एए (एपी, एएफपी)

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