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इमरान खान ने एक बार फिर उठाया कश्मीर का मुद्दा

२३ मार्च २०२२

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस्लामिक सहयोग संगठन के विदेश मंत्रियों की बैठक में कश्मीर का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि कश्मीर और फलस्तीन के मुद्दे पर मुस्लिम देश नाकाम रहे हैं.

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तस्वीर: Rahmat Gul/AP Photo/picture alliance

इमरान खान ने मुसलमानों की समस्याओं से निपटने और दुनिया भर में शांति लाने के लिए इस्लामी दुनिया की एकता का आह्वान किया है. मंगलवार को शुरू हुई इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक में इमरान खान ने अपने उदघाटन भाषण के दौरान यह बयान दिया. साथ ही उन्होंने एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया. कश्मीर पर उनका ताजा बयान ऐसे समय पर आया है जब उन्होंने पिछले दिनों भारत की विदेश नीति की तारीफ की थी.

उन्होंने बैठक में कश्मीर मुद्दे पर मदद नहीं मिलने का इशारा किया. उन्होंने कहा, "कश्मीर में दिन के उजाले की लूट की जा रही है. जबकि मुस्लिम दुनिया इसे मौन रूप से देख रही है. भारत जम्मू-कश्मीर राज्य की आबादी को मु्स्लिम बहुल राज्य से मुस्लिम अल्पसंख्यक राज्य में बदल रहा है."

"कश्मीर के लोगों को निराश किया"

साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने का मुद्दा भी उठाया. खान ने अपने बयान में कहा, "हमने फलस्तीन और कश्मीर दोनों जगह के लोगों को निराश किया है. मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है हम उनके लिए कुछ नहीं कर पाए. वो हमें गंभीरता से नहीं लेते क्योंकि हम आपस में ही बंटे हुए हैं और इस बात को वो ताकतें अच्छी तरह से जानती हैं. हम मुसलमान करीब 1.5 अरब लोग हैं और फिर भी इस घोर अन्याय को रोकने के लिए हमारी आवाज काफी नहीं है. हम किसी देश पर कब्जा करने की बात नहीं कर रहे हैं. हम बस कश्मीर और फलस्तीन के लोगों के मानवाधिकारों की बात कर रहे हैं." 

खान ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय कानून जो उनकी तरफदारी करते हैं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जो उनके अधिकारों की बात करता है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने कश्मीर के लोगों से वादा भी किया था कि उन्हें जनमत संग्रह के जरिए अपना भविष्य निर्धारण का अधिकार दिया जाएगा लेकिन वो अधिकार कश्मीरियों को कभी नहीं दिया गया बल्कि कश्मीरियों से विशेष राज्य का दर्जा भी गैरकानूनी तरीके से छीन लिया गया." इमरान खान ने अब क्यों की भारत की तारीफ?

खान ने ओआईसी की बैठक में कश्मीर और फलस्तीन का मुद्दा क्यों उठाया यह भी दिलचस्प है, क्योंकि घरेलू राजनीति में वे अलग-थलग पड़ते नजर आ रहे हैं और उनकी सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं.

दूसरी ओर इसी बैठक में चीन के विदेश मंत्री वांग यी भी शामिल हुए, हालांकि चीन पर खुद लाखों उइगुर मुसलमानों को कैद करने के आरोप लगते रहे हैं. यी ने कहा, "चीन और इस्लामिक देशों के बीच मित्रता का लंबा इतिहास है. चीन इस्लामिक देशों के साथ आपसी समझ और सहयोग को बढ़ाना चाहता है."

इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, कई सांसदों ने छोड़ा साथ

खान इसी हफ्ते नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने वाले हैं. विपक्ष ने उन पर अर्थव्यवस्था और विदेश नीति के गलत प्रबंधन का आरोप लगाया है.

रिपोर्ट: आमिर अंसारी (एएफपी, एपी से जानकारी के साथ)