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राजनीतिन्यूजीलैंड

कनाडा के बाद अब न्यूजीलैंड में वैक्सीन से आजादी की मांग

११ फ़रवरी २०२२

न्यूजीलैंड की संसद के बाहर चल रहे प्रदर्शन में पुलिस ने एक ही दिन में 122 लोगों को गिरफ्तार किया है. शुक्रवार को प्रदर्शनकारियों की संख्या में इजाफा हुआ है. न्यूजीलैंड कोरोना से सबसे कम प्रभावित देशों में रहा है.

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न्यूजीलैंड की संसद के बाहर जुटे प्रदर्शनकारी.
न्यूजीलैंड की संसद के बाहर जुटे प्रदर्शनकारी.तस्वीर: Mike Clare/AA/picture alliance

न्यूजीलैंड की राजधानी वेलिंग्टन में संसद के बाहर वैक्सीन और कोविड पाबंदियों के विरोध में जुटे प्रदर्शनकारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है. गुरुवार को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद से ज्यादा संख्या में लोग जुटने लगे हैं. हालांकि शुक्रवार को माहौल शांत रहा. गुरुवार को पुलिस ने प्रदर्शन स्थल खाली करवाने की नीयत से 122 लोगों को गिरफ्तार किया था. प्रदर्शन स्थल पर अस्थायी टेंट बना लिए गए हैं, जिन्हें "कैंप फ्रीडम" यानी "आजादी का कैंप(की छावनी)" नाम दिया गया है. ये नाम कनाडा में चल रहे प्रदर्शनों के नाम- "फ्रीडम कॉनवॉय" की तर्ज पर रखा गया है. शुक्रवार को प्रदर्शनकारी इन टेंटों में गाते और झूमते नजर आए.

(पढ़ें: अनिवार्य टीके के खिलाफ यूरोप में भी निकलने लगा "आजादी का काफिला")

क्या चाहते हैं प्रदर्शनकारी?

न्यूजीलैंड में नियमों के मुताबिक, कुछ पेशेवरों जैसे अध्यापकों, डॉक्टरों, नर्सों, पुलिसकर्मियों और सैनिकों के लिए कोविड वैक्सीन लगवाना जरूरी है. वैक्सीन ना लगवाने की सूरत में इन पेशेवरों की नौकरी जा सकती है. प्रदर्शनकारी अनिवार्य वैक्सीन के साथ ही मास्क लगाने की शर्तों का विरोध कर रहे हैं. कोविड महामारी को अच्छी तरह से नियंत्रित करने के लिए न्यूजीलैंड की तारीफ होती रही है. करीब 50 लाख की आबादी वाले इस देश में कोविड से 53 मौतें हुई हैं, जो बाकियों के मुकाबले काफी छोटा आंकड़ा है. न्यूजीलैंड में शुरू से कोरोना संबंधी नियम सख्ती से लागू किए गए थे. महामारी शुरू होते ही देश ने अपनी सीमाएं बंद कर दी थीं. आज भी किसी रेस्त्रां, खेल या धार्मिक जगहों पर जाने के लिए वैक्सीन पास की जरूरत है. यहां के 77 प्रतिशत निवासी वैक्सीन लगवा चुके हैं. प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डन को भी लोगों की नाराजगी का अंदाजा है. उन्होंने बीते हफ्ते वादा किया था कि सरकार और लॉकडाउन नहीं लगाने जा रही है.

(पढ़ें: न्यूजीलैंड की गर्भवती पत्रकार को काबुल से ही लड़ना पड़ा अपनी सरकार से)

गुरुवार को हुई पुलिस कार्रवाई

गुरुवार को संसद के लॉन में जुटे प्रदर्शनकारियों को हटाने के इरादे से पुलिस ने कार्रवाई की थी. न्यूजीलैंड में इस वक्त संसद का सत्र चल रहा है. संसद के अध्यक्ष ट्रेवर माल्लार्ड ने प्रदर्शनकारियों के जुटने के बाद संसद के मैदानों को बंद करने का कदम उठाया. ये पुलिस की कार्रवाई का आधार बना. पुलिस ने 120 प्रदर्शनकारियों को "अवैध प्रवेश" के आरोप में गिरफ्तार किया. इसके अलावा पुलिस के मुताबिक, दो लोगों को शराब संबंधी मामले में गिरफ्तार किया गया है. प्रदर्शनकारी गिरफ्तारी के इस तरीके को क्रूर बता रहे हैं. कैरी नाम की एक महिला प्रदर्शनकारी ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा कि पुलिस ने बहुत ही क्रूरता से कार्रवाई की है.

बुधवार को करीब 100 प्रदर्शनकारी रात भर संसद के लॉन में जुटे रहे. तस्वीर 10 फरवरी की है.
बुधवार को करीब 100 प्रदर्शनकारी रात भर संसद के लॉन में जुटे रहे. तस्वीर 10 फरवरी की है.तस्वीर: Mike Clare/AA/picture alliance

इससे उलट पुलिस का दावा है कि कार्रवाई बहुत ही नपे-तुले तरीके से हुई है और भीड़ में बच्चे हैं, इस बात का ख्याल रखते हुए ही कार्रवाई की गई थी. राजधानी वेलिंग्टन के अलावा नेल्सन और क्राइस्टचर्च शहरों में भी ऐसे प्रदर्शन हुए हैं.

न्यूजीलैंड में आमतौर पर किसी भी धरने-प्रदर्शन में राजनेता प्रदर्शनकारियों की बात सुनते हैं. खासतौर पर विपक्ष के नेता. लेकिन इस बार संसद तक पहुंच चुके प्रदर्शनकारियों की बात सुनने के लिए पक्ष या विपक्ष  से कोई नहीं पहुंचा है. न्यूजीलैंड की संसद में इस तरह की एकता का ये दुर्लभ मौका है.

आरएस/एनआर (एएफपी, रॉयटर्स)