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पोलैंड में गिरा मिसाइल रूसी हमले में नहीं आया

१६ नवम्बर २०२२

पोलैंड और नाटो के शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि यूक्रेन से लगते पोलैंड के इलाके में हुआ मिसाइल धमाका एक हादसा था. रूस की ओर से जानबूझ कर हमला करने के अब तक कोई सबूत नहीं मिले हैं.

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Polen, Przewodow | Raketeneinschlag nahe der ukrainischen Grenze
तस्वीर: UGC via REUTERS

ब्रसेल्स में नाटो के महासचिव येंस स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, "इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि यह जान बूझ कर किया गया हमला था. हमारे पास इस बात के भी कोई संकेत नहीं हैं कि रूस नाटो के खिलाफ किसी सैन्य कार्रवाई की तैयारी कर रहा है." स्टोल्टेनबर्ग का यह बयान सदस्य देशों की आपातकालीन चर्चा के बाद आया है. एक दिन पहले यानी मंगलवार को पोलैंड के एक गांव में मिसाइल गिरा था जिसकी चपेट में आकर दो लोगों की मौत हो गई थी.

यूक्रेन की ओर से आया मिसाइल

स्टोल्टेनबर्ग ने यह भी कहा, "हमारे प्राथमिक विश्लेषण से पता चला है कि यूक्रेन की वायु सेना की तरफ से रूसी क्रूज मिसाइलों के हमले से रक्षा के लिए दागी मिसाइलों से यह हादसा हुआ." पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेइ दूदा ने भी हादसे की यही वजह बताई है.

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मंगलवार को रूस ने यूक्रेन पर मिसाइलों से बड़ा हमला किया था. खेरसॉन से पिछले हफ्ते रूसी सेना के हटने के बाद यह पहला बड़ा हमला था. इसके नतीजे में यूक्रेन के कई इलाकों में बिजली की सप्लाई बंद हो गई. पोलैंड के विदेश मंत्रालय के मुताबिक इसी दिन दोपहर में पोलैंड के प्रेजवोडो गांव में सीमा से करीब 6 किलोमीटर दूर एक मिसाइल गिरा.

यूक्रेन की ओर से आया मिसाइल
मिसाइल धमाके के बाद उठता धुआंतस्वीर: Stowarzyszenie Moje Nowosiolki via REUTERS

जानबूझ कर हमला नहीं

पोलैंड ने पहले कहा था कि यह रॉकेट रूस में बना है. रूस और यूक्रेन दोनों के पास सोवियत जमाने में डिजाइन की गई मिसाइलें हैं. जिनका इस्तेमाल इस जंग में हो रहा है. बुधवार को पोलैंड के राष्ट्रपति दूदा ने कहा, "यूक्रेन के प्रतिरक्षा बल ने कई दिशाओं में मिसाइलें दागी और इस बात की बहुत आशंका है कि इनमें से एक मिसाइल दुर्भाग्य से पोलैंड के इलाके में जा गिरा. ऐसा बिल्कुल कुछ भी नहीं है जिससे इस बात का संकेत मिले कि यह पोलैंड पर जान बूझ कर किया गया हमला था."

रूस ने पोलैंड पर हमले से इनकार किया था और यूक्रेनी ठिकानों पर हमले की बात कही थी. रूस का कहना था कि उसने यूक्रेन के "मिलिट्री कमांड सिस्टम" और "ऊर्जा ठिकानों" को निशाना बनाया था. रूस ने पोलैंड की इस बात के लिए आलोचना की थी कि वह घटना को उलझा रहा है.

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इंडोनेशिया के बाली में जी20 की बैठक में शामिल नेताओं को बतायाथा कि यह धमाका यूक्रेन के एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइल से होने के संकेत मिले हैं. 

यूक्रेन का एयर डिफेंस सिस्टम रूसी हमले के खिलाफ मुस्तैदी से जुटा हुआ है. मंगलवार को भी जब रूसी मिसाइलों ने बिजली संयंत्रों पर हमले किए तो उनके खिलाफ इनका जमकर इस्तेमाल हुआ. यूक्रेन की सेना का कहना है कि मंगलवार को दागी गई 90 में से 77 मिसाइलों और 11 ड्रोन को मार गिराया गया.

पोलैंड पर जान बूझ कर रूस की तरफ से हमला करने के संकेत नहीं
पोलैंड और अमेरिका के अधिकारी घटना की जांच कर रहे हैंतस्वीर: Kacper Pempel/REUTERS

अब आगे क्या होगा

यूक्रेन ने इस घटना की जांच में शामिल होने की मांग की है जिसके लिए अमेरिका और पोलैंड ने मंजूरी दे दी है. पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेइ दूदा ने पत्रकारों से कहा, "पोलिश और अमेरिकी विशेषज्ञ इस मामले की छानबीन कर रहे हैं और किसी और को इसमें शामिल होने की अनुमति देने के लिए इन दोनों देशों को रजामंद होना होगा."

स्टोल्टेनबर्ग ने यह भी बताया हि कि फिलहाल आर्टिकल 4 के तहत चर्चा कराने की कोई योजना नहीं है. पोलैंड भी इस बात पर सहमत है कि इसकी कोई जरूरत नहीं है. हालांकि उसने मॉस्को के दूतावास को इस घटना के बारे में एक डिप्लोमैटिक नोट भेजा है. आर्टिकल 4 के तहत नाटो के सदस्य देशों की चर्चा तब होती है जब किसी सदस्य देश की अखंडता, राजनीतिक स्वतंत्रता या सुरक्षा पर कोई खतरा होता है. हालांकि स्टोल्टेनबर्ग ने यह भी कहा कि इस घटना की "अंतिम जिम्मेदारी रूस पर है क्योंकि वह यूक्रेन के खिलाफ अपनी अवैध जंग को जारी रखे हुए है."

एनआर/एमजे (डीपीए, एएफपी)