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राजनीतिपोलैंड

पोलैंड पर किसने दागी मिसाइल? रहस्य के बीच बाइडेन ने की बैठक

१६ नवम्बर २०२२

जी-20 में जमा हुए दुनियाभर के नेताओं के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने एक आपातकालीन बैठक की है जिसमें पोलैंड में हुए धमाकों के बाद की स्थिति पर चर्चा हुई. यूक्रेन का दावा है कि ये धमाके रूस ने किए हैं.

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पोलैंड में मिसाइलों से हमला किसने किया?
पोलैंड में मिसाइलों से हमला किसने किया?तस्वीर: Stowarzyszenie Moje Nowosiolki via REUTERS

पोलैंड में हुए धमाकों को लेकर जो बाइडेन ने विश्व-नेताओं के साथ इंडोनेशिया के बाली में आपातकालीन बैठक की. मंगलवार को हुए इन धमाकों में कम से कम दो लोग मारे गए हैं. व्हाइट हाउस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि जो बाइडेन के अलावा इस बैठक में जर्मनी, कनाडा, नीदरलैंड्स, जापान, स्पेन, इटली, फ्रांस और ब्रिटेन के नेता शामिल हुए.

पोलैंड ने इस संबंध में वॉरसा में रूसी राजदूत को समन किया. हालांकि रूस का कहना है कि इन धमाकों में उसकी कोई भूमिका नहीं है. पोलैंड के राष्ट्रपति ने भी कहा है कि जिन मिसाइलों के कारण धमाके हुए, उनके स्रोत की फिलहाल कोई पुख्ता जानकारी नहीं है. उनके मुताबिक ‘बहुत संभव है कि ये मिसाइल रूस में निर्मित थीं.'

रूस की भूमिका का शक

बुधवार को राष्ट्रपति आंद्रेय डूडा ने पत्रकारों को बताया, "फिलहाल हमारे पास कोई ठोस सबूत नहीं है कि ये मिसाइल किसने दागीं. जांच चल रही है. संभवयता ये रूस-निर्मित मिसाइल हैं.” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह इकलौती घटना थी और कहीं और ऐसे धमाकों की कोई घटना नहीं हुई है.

डूडा ने कहा, "ऐसा कोई संकेत नहीं है कि ऐसे और हमले होने वाले हैं.” उन्होंने कहा कि इस संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से चर्चा हुई है और उन्होंने "इस त्रासद घटना की जांच में अमेरिकी विशेषज्ञों द्वारा मदद का आश्वासन दिया है.”

राष्ट्रपति ने कहा, "हमें यह पता है कि रूसी मिसाइलों से पूरे दिन यूक्रेन पर हमले हुए हैं लेकिन हमारे पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ये मिसाइलें किसने दागीं.”

नाटो में सक्रियता

डूडा ने यह भी कहा कि बहुत संभव है कि नाटो में पोलैंड के दूत नॉर्थ अटलांटिक संधि की धारा 4 के तहत सलाह-मश्विरा करने का आग्रहृ करेंगे. नाटो संधि की धारा 4 कहती है कि जब कोई नाटो सदस्य अपनी सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता पर खतरा महसूस करे तो वह अन्य नाटो सदस्यों के साथ परामर्श के लिए बैठक बुला सकता है.

इससे पहले पोलैंड के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा था कि रूस-निर्मित मिसाइलों से यूक्रेन सीमा के पास पोलैंड के एक गांव में धमाका हुआ है जिसमें दो लोग मारे गए हैं. उसके बाद वॉरसा स्थित रूसी राजदूत को समन किया गया और उनसे "तुरंत विस्तृत सफाई” मांगी गई. मंत्रालय के मुताबिक राजदूत के साथ यह बैठक आधी रात तक चली. हालांकि बैठक में क्या चर्चा हुई, यह सार्वजनिक नहीं किया गया है.

जर्मनी और फ्रांस के रिश्तों में दूरी क्यों बढ़ रही है

जर्मनी समेत कई पड़ोसी देशों ने पोलैंड के साथ खड़े होने का वादा किया है. जर्मन के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने पोलिश राष्ट्रपति को भरोसा दिलाया कि जर्मनी उनके साथ है. शॉल्त्स के प्रवक्ता ने एक ट्वीट कर कहा, "चांसलर ने पोलिश राष्ट्रपति डूडा से फोन पर बात की और संवेदनाएं जताईं. कल रात दो लोगों के मारे जाने वाली यह घटना किन हालात में हुई, उसकी पोलैंड गहनता से जांच करेगा. जर्मनी अपने नाटो साझीदार के साथ मजबूती से खड़ा है.”

वीके/एए (रॉयटर्स, एपी, एएफपी)

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