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समाज

पांच महीने बाद जम्मू-कश्मीर में एसएमएस सेवा बहाल

१ जनवरी २०२०

जम्मू-कश्मीर के सरकारी अस्पतालों में इंटरनेट सेवा और सभी मोबाइल फोन पर एसएमएस सेवा बहाल कर दी गई है. जम्मू-कश्मीर में इंटरनेट, लैंडलाइन और मोबाइल सेवा 4 अगस्त 2019 को बंद कर दी गई थी.

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Indien Kaschmir Opferfest
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/C. Anand

भारत की केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को  केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने की घोषणा के बाद एसएमएस और इंटरनेट पर रोक लगा दी थी. 31 दिसंबर और 1 जनवरी की आधी रात से जम्मू-कश्मीर के सरकारी अस्पतालों में  इंटरनेट सेवा और सभी मोबाइल फोन पर एसएमएस सेवा बहाल कर दी गई है. हालांकि नागरिकों के ब्रॉडबैंड इस्तेमाल पर फिलहाल रोक जारी है.

जम्मू कश्मीर के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने कहा, "सभी मोबाइल फोन पर एसएमएस सेवा और सरकारी अस्पतालों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा आधी रात से बहाल हो रही है." एसएमएस सेवा और मोबाइल इंटरनेट पर रोक जम्मू-कश्मीर में पाबंदियों का हिस्सा थी. 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधान को खत्म करने के पहले ही मोबाइल इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवा बंद कर दी गई थी. बिना इंटरनेट के लोगों को अब भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा रहा है.

Indien Kaschmir-Konflikt nach Änderung Artikel 370
इंटरनेट सेवा बंद होने से लोगों को दिक्कतें हो रही हैं. तस्वीर: Reuters/D. Saddiqui

विशेष राज्य का दर्जा खत्म होने के बाद सैकड़ों नेता अब भी हिरासत में हैं. मोबाइल इंटरनेट सेवा और अस्पतालों के अलावा इंटरनेट सेवा कब बहाल करनी है इसका फैसला स्थानीय प्रशासन ले सकता है जब उसे राज्य में हालात ठीक लगेंगे.  स्थानीय प्रशासन ने रोक लगाते समय कहा था कि इंटरनेट पर रोक जरूरी है नहीं तो अलगाववादी हिंसक प्रदर्शन को बढ़ावा देंगे.

घाटी को धीरे-धीरे राहत

27 दिसंबर को पहली बार करगिल में मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल की गई थी. करगिल के अलावा केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के अन्य जिलों और कश्मीर घाटी में अभी भी इंटरनेट सेवाएं बहाल नहीं की गई हैं. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में सभी नेटवर्क और लैंडलाइन कनेक्शन को 5 अगस्त को सस्पेंड कर दिया गया था. जम्मू कश्मीर के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने बताया कि नजरबंद किए गए नेताओं की रिहाई पर फैसला स्थानीय प्रशासन को करना है. एक दिन पहले ही कश्मीर के 5 नेताओं को हिरासत से रिहा कर दिया गया था.

बीते अगस्त महीने से ये नेता हिरासत में थे. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला अब भी हिरासत में बने हुए हैं. कश्मीर में अभी मोबाइल पर इंटरनेट और प्री-पेड मोबाइल सेवा बहाल होना बाकी है.  जम्मू में प्रतिबंध के कुछ दिनों बाद ही संचार सेवाएं बहाल कर दी गई थीं और अगस्त के मध्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी शुरू कर दी गई थीं. 18 अगस्त को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थी.

एए/आरपी (डीपीए)

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