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राजनीतिइस्राएल

तीन साल में पांचवें आम चुनाव की तरफ बढ़ा इस्राएल

२१ जून २०२२

इस्राएल तीन साल में पांचवें आम चुनाव की ओर बढ़ रहा है. इस्राएली सरकार ने संसद भंग करने का फैसला किया है. प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट कहा है कि यह आसान फैसला नहीं था, लेकिन 'इस्राएल के अच्छा फैसला है.'

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Kabinettssitzung in Israel
इस्राएल में सत्ताधारी गठबंधन को एकजुट रखने की कोशिशें कामयाब नहीं हो सकींतस्वीर: Abir Sultan/Pool European Pressphoto Agency/AP/dpa/picture alliance

इस्राएल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट और विदेश मंत्री याइर लापिड देश में समय से पहले चुनाव कराने पर सहमत हो गए हैं. अगले आम चुनाव इस साल अक्टूबर या नवंबर में हो सकते हैं. बेनेट ने प्रधानमंत्री पद छोड़ने का भी एलान किया है. इस तरह अगले चुनावों तक लापिड प्रधानमंत्री पद संभालेंगे. इस्राएली संसद क्नेसेट में अगले हफ्ते मतदान होगा, जिसमें नए चुनाव कराने पर मुहर लग जाएगी.

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में लापिड ने बेनेट की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने देश को अपने निजी हितों से आगे रखा. उन्होंने कहा, "भले ही हम कुछ महीनों में चुनावों की तरफ जा रहे हों, लेकिन देश के तौर पर हमारे सामने जो चुनौतियां हैं, वे इंतजार नहीं कर सकतीं".

उन्होंने कहा, "हमें बढ़ती महंगाई से निपटना है. ईरान, हमास और हिज्बोल्लाह के खिलाफ अभियान चलाना है और उन ताकतों के खिलाफ खड़े होना है, जो इस्राएल को एक अलोकतांत्रिक देश में बदलना चाहती हैं." यह बीते तीन साल में पांचवां मौका है, जब इस्राएल में आम चुनाव होने जा रहे हैं.

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यहां तक बात कैसे पहुंची?

लापिड और बेनेट ने जून 2021 में कई और पार्टियों के साथ मिलकर गठबंधन सरकार बनाई थी. इस तरह से दो साल से चला आ रहा राजनीतिक गतिरोध टूटा,  क्योंकि तत्कालीन प्रधानमंत्री नेतान्याहू बार-बार सरकार बनाने में नाकाम साबित हो रहे थे.

इस गठबंधन में दक्षिणपंथी, उदारवादी और मुस्लिम अरब पार्टियां हैं और इनके बीच अहम मुद्दों पर तीखे मतभेद पाए जाते हैं. बेनेट ने गठबंधन बनाए रखने के लिए बहुत संघर्ष किया, लेकिन गठबंधन में आई दरारों को रोका नहीं जा सका. इसी का नतीजा है कि सरकार बीते दो महीनों से संसद में अपना बहुमत खो चुकी है.

मौजूदा सत्ताधारी गठबंधन की दो बड़ी पार्टियों की तरफ से जारी बयान में कहा गया, "गठबंधन को स्थिर करने की तमाम कोशिशें नाकाम होने के बाद प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट और याइर लापिड ने अगले हफ्ते संसद भंग करने का विधेयक पेश करने का फैसला किया है."

इस गठबंधन का गठन बुनियादी रूप से पूर्व प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतान्याहू को सत्ता से हटाने के लिए किया गया था, जो अभी विपक्ष के नेता हैं. नेतान्याहू का गठबंधन बार-बार होने वाले चुनावों में सबसे बड़े धड़े के रूप में उभरा, लेकिन उसे बहुमत नहीं मिला. हर चुनाव के बाद सरकार बनाने की उनकी कोशिशें नाकाम होती गईं. लेकिन, उनकी जगह लेने वाला गठबंधन भी अपने अंतर्विरोधों के कारण ज्यादा नहीं टिक पाया और देश अब फिर आम चुनाव के मुहाने पर खड़ा है.

एके/वीएस (एपी, एएफपी, रॉयटर्स)

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