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राजनीतिसंयुक्त राज्य अमेरिका

पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपी का प्रत्यर्पण

१७ जून २०२४

खालिस्तान समर्थक सिख नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपी निखिल गुप्ता को चेक रिपब्लिक ने अमेरिका को सौंप दिया है.

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कनाडा में भारत सरकार के विरोध में प्रदर्शन करता एक कार्यकर्ता
खालिस्तान समर्थक पन्नू की हत्या की साजिश का पिछले साल नवंबर में खुलासा हुआ थातस्वीर: Jennifer Gauthier/REUTERS

अमेरिकी नागरिक और खालिस्तान समर्थक सिख नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के आरोपी एक भारतीय नागरिक को चेक रिपब्लिक से अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया गया है. अमेरिका के फेडरल ब्यूरो ऑफ प्रिजंस की वेबसाइट पर यह जानकारी दी गई है.

भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता पर अमेरिकी अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि उसने न्यूयॉर्क में रहने वाले पन्नू की हत्या के लिए भाड़े पर हत्यारों को काम सौंपा था. पिछले साल जून में गुप्ता को चेक रिपब्लिक में गिरफ्तार किया गया था. उनके प्रत्यर्पण को लेकर वहां की अदालत में सुनवाई चल रही थी.

पिछले महीने ही चेक अदालत ने गुप्ता की प्रत्यर्पण ना किए जाने की अर्जी खारिज कर दी थी जिसके बाद उनका अमेरिका को सौंपे जाने का रास्ता साफ हो गया था.

अमेरिकी जेल में निखिल गुप्ता

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिका के जेल विभाग की वेबसाइट पर जब निखिल गुप्ता का नाम सर्च किया गया तो यह जानकारी सामने आई कि 52 वर्षीय गुप्ता को ब्रुकलिन स्थित मेट्रोपॉलिटन जेल में रखा गया है.

एक अन्य स्रोत ने भी नाम ना प्रकाशित करने की शर्त पर इस बात की पुष्टि की है. हालांकि अमेरिका में गुप्ता के वकील जेफ्री चाब्रो और अमेरिकी न्यायिक अधिकारियों ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है.

पिछले साल नवंबर में अमेरिका ने कहा था कि पन्नू की हत्या की विफल साजिश के पीछे भारतीय अधिकारी काम कर रहा था. अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि निखिल गुप्ता ने भारत सरकार के एक कर्मचारी के साथ मिलकर काम किया. यह अधिकारी सुरक्षा और जासूसी के लिए जिम्मेदार है. अधिकारियों ने आरोप लगाया कि गुप्ता ने इस अधिकारी के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी.

अमेरिका ने इस मामले में भारत सरकार की भूमिका पर चिंता जताई थी और भारत को चेतावनी भी जारी की थी. इससे पहले कनाडा ने आरोप लगाया था कि वहां भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय अधिकारियों की भूमिका के सबूत मिले हैं.

भारतीय एजेंसियों का भी नाम

हाल ही में वॉशिंगटन पोस्ट ने अपनी रिपोर्ट में विक्रम यादव नाम के एक भारतीय अफसर का नाम लिखते हुए कहा था कि "अमेरिकी आरोप पत्र के मुताबिक यादव ने सिख कार्यकर्ता गुरपतवंत सिंह पन्नू की जानकारियां साझा की थीं, जिनमें न्यूयॉर्क के घर का पता भी शामिल था. यादव ने लिखा कि जैसे ही संभावित हत्यारे इस बात की पुष्टि कर देंगे कि पन्नू घर पर है, हमारी तरफ से आगे बढ़ने की इजाजत मिल जाएगी.”

निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा में तीन गिरफ्तार

भारत सरकार ने इस रिपोर्ट को "बेबुनियाद और एक गंभीर मामले के साथ निराधार छेड़छाड़” बताया था. रिपोर्ट प्रकाशित होने के एक दिन बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "अमेरिकी सरकार के संगठित अपराधियों, आतंकवादियों और अन्य तत्वों के गिरोहों पर जताई गई सुरक्षा चिंताओं के बारे में भारत सरकार द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय समिति जांच कर रही है. इस पर अटकलें और गैरजिम्मेदाराना टिप्पणियां उचित नहीं हैं.”

अमेरिका में रह कर पन्नू सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) नाम का संगठन चलाता है. यह संगठन सिखों के लिए अलग खालिस्तान की मांग करता है. इसे 2007 में अमेरिका में स्थापित किया गया था. इसका संस्थापक पन्नू ही है.

पन्नू ने पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की है और फिलहाल अमेरिका में वकालत कर रहा है. वह एसएफजे का कानूनी सलाहकार भी है. भारत ने उसे आतंकवादी घोषित किया है.

रिपोर्टः विवेक कुमार (रॉयटर्स)

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