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पाकिस्तान को मिल सकती है आईएमएफ से मदद

२८ जून २०२२

पाकिस्तान ने कहा है कि आईएमएफ ने उसे कुछ वित्तीय लक्ष्य दिए जिन पर सहमति होने पर उसे संस्था से एक पैकेज मिल जाएगा. क्या पाकिस्तान नाजुक दौर से गुजर रही अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए इन लक्ष्यों को हासिल कर पाएगा?

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Shahbaz Sharif
तस्वीर: Anjum Naveed/AP/picture alliance

पाकिस्तान की सरकार ने बताया है कि उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से आर्थिक और वित्तीय लक्ष्य मिले हैं. इन लक्ष्यों पर अगर सहमति और इनका प्रमाणन हो जाता है तो इससे कोष द्वारा देश को एक सस्पेंडेड बेलआउट पैकेज देने का रास्ता खुल जाएगा.

आंतरिक हालात और दुनिया में तेल और उत्पादों के दामों में उछाल की वजह से पाकिस्तान में भुगतान संतुलन का संकट दिन पर दिन करीब आता जा रहा है. इसे बचाने के लिए देश को इस मदद की बहुत जरूरत है.

इमरान खान
आईएमएफ इमरान खान सरकार की सब्सिडियों से नाखुश थातस्वीर: K.M. Chaudary/AP/picture alliance

पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार गिर कर 8.2 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जो मुश्किल से सिर्फ छह सप्ताह के आयात के भुगतान के लिए काफी है. इसके अलावा पाकिस्तानी रुपये का मूल्य भी गिरता जा रहा है और महंगाई दो अंकों में पहुंच चुकी है.

(पढ़ें: आर्थिक स्थिति खराब, पाकिस्तान के लोगों से कम चाय पीने की अपील)

छह अरब डॉलर का पैकेज

पाकिस्तान के लिए आईएमएफ के एक छह अरब डॉलर के कार्यक्रम की शुरुआत 2019 में हो गई थी. कार्यक्रम तीन साल और तीन महीनों के लिए था लेकिन कुछ महीनों पहले ही कोष ने इसे स्थगित कर दिया.

कोष ने यह कदम तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा तेल और बिजली क्षेत्रों के लिए कुछ ऐसी सब्सिडी की घोषणा करने पर उठाया जो वित्त पोषित नहीं थीं. स्थगन के समय कुल रकम के आधे हिस्से का भी भुगतान नहीं हुआ था.

खान की सरकार अप्रैल में गिर गई. उसके बाद शहबाज शरीफ की नेतृत्व में बनी नई सरकार ने कोष को फिर से लुभाने के लिए इन सब्सिडियों को हटा दिया और आम बजट में कुछ संशोधन भी किए.

आईएमएफ
आईएमएफ के बोर्ड को बेलआउट कार्यक्रम को फिर से शुरू करने की अनुमति देनी होगीतस्वीर: Yuri Gripas/REUTERS

(देखें: पाकिस्तान में लोगों को गरीबी में धकेल रही महंगाई)

10 जून को पेश किए गए इस बजट में सरकार के वित्तीय घाटे को कम करने के लिए एक अहम लक्ष्य बनाया गया है, जो कोष की महत्वपूर्ण शर्तों में से एक थी.

क्या पूरी हो पाएंगी शर्तें

अब सरकार और मुद्रा कोष के अधिकारियों के बीच चल रही बातचीत के बारे में बताते हुए वित्त मंत्री मिफ्ताह इस्माइल ने एक ट्वीट में कहा कि सरकार को कोष की तरफ से कार्यक्रम की सातवीं और आठवीं समीक्षाओं के तहत आर्थिक और वित्तीय लक्ष्य मिले हैं.

इन दोनों समीक्षाओं के एक साथ पूरा हो जाने से 1.9 अरब डॉलर के भुगतान की संभावना बढ़ जाती है. इसके लिए कोष के बोर्ड को बेलआउट कार्यक्रम फिर से शुरू करने की अनुमति देनी होगी.

(देखें: पाकिस्तान में लोगों को चाय पीने से क्यों मना किया जा रहा है?)

मंगलवार को इस्लामाबाद में एक आर्थिक गोष्ठी को संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा, "मुझे आज सुबह सुबह वित्त मंत्री का एक संदेश मिला जिसमें लिखा हुआ था कि हमें कोष से एक अरब डॉलर की जगह दो अरब डॉलर मिल सकते हैं."

आईएमएफ अगर अगली किस्त जारी करने की अनुमति दे दे तो पाकिस्तान के लिए अपने भंडारों को मजबूत करने के दूसरे रास्ते भी खुल सकते हैं. 

सीके/एए (रॉयटर्स)

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