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भारत में मकानों की बिक्री ने तोड़े रिकॉर्ड

५ जनवरी २०२३

बीते साल भारत में मकानों की बिक्री 2021 के मुकाबले 50 प्रतिशत तक ज्यादा रही. एक ब्रोकरेज फर्म की रिपोर्ट के ये आंकड़े दिखाते हैं महंगाई के बावजूद देश में प्रॉपर्टी बाजार नई ऊंचाइयां छू रहा है.

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भारत में घरों की मांग में कोई कमी नहीं
भारत में घरों की मांग में कोई कमी नहींतस्वीर: su5/Zumapress/picture-alliance

2022 में भारत में लोगों ने जमकर घर खरीदे हैं. 2021 के मुकाबले इनकी बिक्री 50 प्रतिशत ज्यादा रही और नई परियोजनाओं के शुरू होने में 101 फीसदी की वृद्धि हुई. एक रीयल एस्टेट ब्रोकरेज कंपनी प्रॉपटाइगर ने ये आंकड़े जारी किए हैं.

इस रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में 4,31,510 नए घर बाजार में आए जो 2015 के स्तर से छह प्रतिशत ज्यादा है. यह अध्ययन कहता है कि 2022 में 3,08,940 घर बिके जबकि 2021 में 2,05,940 घर बिके थे.

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इस रिपोर्ट में देश के आठ बड़े शहरों का अध्ययन किया गया है. ये आठ शहर हैं – अहमदाबाद, बेंगलुरू, चेन्नै, हैदराबाद, कोलकाता, दिल्ली-एनसीआर, पुणए और एमएमआर यानी मुंबई, नवी मुंबई और ठाणे.

सबसे ज्यादा 39 प्रतिशत नए घर मुंबई में बने जबकि हैदराबाद 19 फीसदी सप्लाई के साथ दूसरे नंबर पर रहा. कुल घरों की 18 प्रतिशत सप्लाई पुणे में रही, जो तीसरे नंबर पर रहा.

उत्साहित हैं उपभोक्ता

रिपोर्ट कहती है, "कृषि के बाद दूसरे सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले इतने अहम क्षेत्र के दोबारा पटरी पर आने का श्रेय उपभोक्ताओं की इस भावना में हुए सुधार को दिया जा सकता है कि अपना घर होना कितना जरूरी है.”

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इस मांग में मुंबई और पुणे का योगदान सबसे ज्यादा रहा है. 2022 की कुल बिक्री में इन दोनों का योगदान 56 प्रतिशत है. आंकड़े दिखाते हैं कि साल की चारों तिमाहियों में इन दोनों शहरों में मांग लगातार बढ़ती रही है.

2022 की आखिरी तिमाही में मकानों की मांग उसी स्तर पर वापस आ चुकी है, जहां कोविड महामारी से पहले हुआ करती थी. सिर्फ चौथी तिमाही में 80,770 मकान बिके जो 2021 की चौथी तिमाही से 19 प्रतिशत ज्यादा थे.

एक करोड़ से ऊपर के मकानों की मांग

रिपोर्ट के मुताबिक, "बिक्री का एक बड़ा हिस्सा (26 प्रतिशत) 45-75 लाख रुपये की रेंज के बीच में रहा. लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि एक करोड़ की रेंज में भी मांग लगातार बढ़ रही है.” 2022 में हुई कुल बिक्री का 22 फीसदी इसी रेंज में 2022 में रहा, जो कि पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा है. वैसे जो कुल मकान बिके हैं उनमें से 21 फीसदी ही तैयार थे. बाकी 79 फीसदी मकान अभी निर्माणाधीन हैं.

क्या जूट नया प्लास्टिक है?

जो नए मकान बिके हैं उनमें भी एक करोड़ से तीन करोड़ तक के मकानों की संख्या बहुत बड़ी रही है. कुल नए बने मकानों में करीब 28 फीसदी इसी रेंज में थे. 45 लाख से 75 लाख रुपये तक के मकानों की संख्या 27 प्रतिशत रही है.

प्रॉपटाइगर के सीईओ विकास वधावन ने एक बयान जारी कर कहा, "होम लोन की ब्याज दरों में हो रही लगातार वृद्धि के बावजूद उपभोक्ता ब्याज दरों को लेकर दुखी होने के बजाय कम हुईं कीमतों को फायदा उठा रहे हैं. यह कंज्यूमर सेंटिमेंट सर्वे से भी जाहिर है जिसमें यह दिखा है कि 2022 में लोग अर्थव्यवस्था और भविष्य की आय को लेकर सकारात्मक हैं.”

रिपोर्टः विवेक कुमार

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