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समाजभारत

दिल्ली: सड़क हादसों में हर साल मारे जाते हैं 500 पैदल यात्री

आमिर अंसारी
१३ दिसम्बर २०२३

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के डाटा के मुताबिक इस साल अब तक 526 पैदल यात्री सड़क हादसे में मारे गए और 1698 घायल हुए. डाटा से पता चलता है कि दिल्ली की सड़कें पैदल यात्रियों के लिए कितनी असुरक्षित हैं.

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पैदल यात्रियों के लिए सड़क पर पर्याप्त इंतजाम नहीं
पैदल यात्रियों के लिए सड़क पर पर्याप्त इंतजाम नहींतस्वीर: AP

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने 2022 में हुए सड़क हादसों के विश्लेषण पर आधारित वार्षिक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट से पता चलता है कि 2021 के मुकाबले 2022 में न केवल सड़क दुर्घटनाओं में 19.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, बल्कि सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या में 17 प्रतिशत से अधिक और घायलों की संख्या में 21.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

2022 में दिल्ली में 5,652 सड़क हादसे हुए. इन हादसों में 5,201 लोग घायल हुए और 1,461 लोगों की मौत हुई. मरने वालों में 44 फीसदी ऐसे थे जो पैदल चलने वालों में शामिल थे. कार और भारी गाड़ियों के मुकाबले पैदल चलने वालों के पास सुरक्षा के वे उपाय नहीं होते हैं जिनसे वे सड़क पर होने वाले हादसों से बच पाए.

ट्रक वालों को क्यों नहीं दिखते साइकल सवार

सड़क पर असुरक्षित पैदल यात्री

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक दुनियाभर में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में 1.2 करोड़ से अधिक लोग मारे जाते हैं और दो से पांच करोड़ के बीच लोग घायल हो जाते हैं. सड़क यातायात की दुर्घटनाओं में आधे से अधिक पीड़ित पैदल यात्री, साइकिल सवार और मोटरसाइकिल चालक होते हैं, जो उन्हें कमजोर सड़क उपयोगकर्ता समूह का हिस्सा बनाते हैं.

सड़क हादसे को लेकर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने रिपोर्ट जारी की
सड़क हादसे को लेकर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने रिपोर्ट जारी कीतस्वीर: Getty Images/AFP/STR

घातक सड़क दुर्घटनाओं में पैदल चलने वालों को सबसे अधिक खतरा होता है और रोकी जा सकने वाली सड़क दुर्घटनाओं में भी पैदल यात्री सबसे अधिक पीड़ित होते हैं. दिल्ली में साल 2022 में सड़क दुर्घटनाओं में 629 पैदल यात्रियों की मौत हुई और 1,777 घायल हुए, जबकि 2021 में 504 पैदल यात्रियों की मौत हुई और 1,536 घायल हुए.

दिल्ली में औसतन रोजाना 15 सड़क हादसे

आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली में औसतन रोजाना 15 सड़क हादसे होते हैं और इनमें चार लोगों की मौत होती है. ट्रैफिक पुलिस के डाटा के विश्लेषण से पता चला कि साल 2022 में रात में 806 हादसे और दिन में 622 हादसे हुए.

हिट एंड रन के मामलों की बात जाए तो साल 2021 में जहां 555 मामले सामने आए तो वहीं साल 2022 में यह बढ़कर 668 हो गए. जानकार कहते हैं कि दिल्ली में विश्वस्तर का इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जाता है लेकिन उसमें पैदल यात्रियों की सुरक्षा पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता है, जितना दिया जाना चाहिए.

दिल्ली में फ्लाईओवर और सिग्नलफ्री सड़कों पर ट्रैफिक दोड़ने की व्यवस्था है लेकिन पैदल यात्रियों के लिए फुटओवर ब्रिज या सबवे बेहद सीमित संख्या में हैं. यही नहीं फुटपाथ पर अतिक्रमण की वजह से पैदल यात्रियों को जोखिम उठाते हुए सड़क पर चलने को मजबूर होना पड़ता है, जिसकी वजह से वे सड़क हादसों के शिकार हो जाते हैं.