1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
अपराधभारत

जोधपुर: यूनिवर्सिटी कैंपस में दलित नाबालिग से गैंगरेप

१७ जुलाई २०२३

राजस्थान के जोधपुर में एक दलित नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप का मामला सामने आया है. आरोपियों के संबंध एबीवीपी के एक नेता से बताए जा रहे हैं.

https://p.dw.com/p/4TzV9
गैंगरेप के तीनों आरोपी गिरफ्तार किए गए
गैंगरेप के तीनों आरोपी गिरफ्तार किए गएतस्वीर: Anupam Nath/AP Photo/picture alliance

राजस्थान के जोधपुर जिले में एक दलित नाबालिग लड़की के साथ तीन लोगों ने कथित तौर पर गैंगरेप किया. नाबालिग लड़की के प्रेमी के साथ मारपीट की गई और उसके सामने गैंगरेप को अंजाम दिया गया.

जोधपुर पुलिस ने बताया कि रविवार सुबह करीब 4 बजे नाबालिग लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया और उसके 17 वर्षीय प्रेमी के साथ तीन लोगों ने मारपीट की. पुलिस ने कहा कि आरोपियों को रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया.

पुलिस के मुताबिक अजमेर की रहने वाली 17 वर्षीय लड़की शनिवार को एक नाबालिग लड़के के साथ घर छोड़कर निकली थी. दोनों शनिवार रात बस से जोधपुर पहुंचे और बस स्टैंड के पास रहने के लिए जगह तलाश रहे थे. पुलिस का कहना है कि दोनों को रहने के लिए जगह नहीं मिली और वे रोड पर चल रहे थे. इसी दौरान तीनों ने मदद की पेशकश की.

मदद के बहाने गैंगरेप का आरोप

पुलिस ने यह भी बताया कि आरोपियों ने दोनों नाबालिगों को भोजन की पेशकश की और यह सलाह दी कि वे आगे की यात्रा ट्रेन से कर सकते हैं. इसके बाद आरोपियों ने उन्हें अपने साथ रेलवे स्टेशन तक जाने को कहा. इसके बाद तीनों आरोपी दोनों को लेकर जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी कैंपस गए.

कैंपस के हॉकी ग्राउंड में ले जाने के बाद तीनों ने लड़की के प्रेमी को पीटा और लड़की के साथ कथित तौर पर बलात्कार किया. पुलिस ने आरोपियों की पहचान समुंदर सिंह, धर्मपाल सिंह और भट्टम सिंह के रूप में की है. तीनों आरोपी 21 से 22 साल के बीच के हैं.

पुलिस का कहना है कि जब सुबह के करीब पांच बजे लोग टहलने के लिए मैदान पर पहुंचे तब इस घटना का पता चला. मैदान पर आते हुए लोगों को देख आरोपी मौके से फरार हो गए थे. पुलिस ने बताया कि घटना के कुछ घंटे बाद तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.

दलित लड़की के साथ गैंगरेप के बाद महिला सुरक्षा फिर उठे सवाल
दलित लड़की के साथ गैंगरेप के बाद महिला सुरक्षा फिर उठे सवाल तस्वीर: Danish Siddiqui/REUTERS

एबीवीपी से आरोपियों के संबंध?

मीडिया रिपोर्टों में एक पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा जा रहा है कि ये तीनों लोग एक अन्य व्यक्ति की सहायता के लिए जोधपुर में थे, जो कथित तौर पर एबीवीपी के टिकट पर जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा था. इसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने आरोपियों के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया.

एबीवीपी के राष्ट्रीय सचिव हुशियार सिंह मीना ने ट्वीट कर कहा, "जोधपुर में नाबालिग छात्रा के साथ हुई घटना में हमारा कोई भी कार्यकर्ता शामिल नहीं है, संगठन की छवि को धूमिल करने के लिए इस तरह की चीजें की गई है और बिना तथ्यों के गलत जानकारी दी गई है. एबीवीपी राजस्थान बहन को न्याय दिलाने के लिए जोधपुर में आंदोलन कर रही है और दरिंदों को फांसी होनी चाहिए."

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक ट्वीट में कहा कि हमारी बेटियां सुरक्षा और सम्मान की हकदार हैं. उन्होंने ट्वीट में लिखा, "बलात्कार की घटनाएं सभ्य समाज के लिए कलंक हैं. ऐसे जघन्य कृत्य की जितनी निंदा की जाए कम है. लेकिन भाजपा नेता हमेशा ऐसी घटनाओं की निंदा करने की बजाय राजनीतिक स्वार्थपूर्ति हेतु सरकार पर झूठे आरोप लगाने लग जाते हैं."

जोधपुर पुलिस की डीसीपी अमृता दुहन ने मीडिया को बताया कि नाबालिग लड़की से बलात्कार के अलावा, तीनों आरोपियों पर पॉक्सो और एससी-एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.

दुहन ने कहा, "पुलिस ने फॉरेंसिक साक्ष्य इकट्ठा कर लिए हैं... हम एक सप्ताह के भीतर चार्जशीट दायर करने की कोशिश करेंगे. पुलिस मामले में फास्ट-ट्रैक सुनवाई की मांग करेगी."

कुछ समय पहले राजस्थान के करौली जिले में एक दलित महिला की हत्या की वजह से काफी राजनीतिक बवाल मचा था. इस ताजा घटना को लेकर एनएसयूआई ने यूनिवर्सिटी कैंपस के बाहर प्रदर्शन किया तो वहीं एबीवीपी ने घटना के विरोध में प्रदर्शन किया.