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पेंग शुआई ने कहा कि किसी पर यौन उत्पीड़न का आरोप नहीं लगाया

७ फ़रवरी २०२२

पिछले साल नवंबर में देश के पूर्व उप-प्रधानमंत्री पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली टेनिस खिलाड़ी पेंग शुआई ने अब किसी पर कोई आरोप न लगाने की बात कही है.

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चीनी टेनिस खिलाड़ी पेंग शुआई ने पूर्व उप-प्रधानमंत्री झांग गाओली पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था.
नवंबर में यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद पेंग शुआई कुछ हफ्तों के लिए गायब हो गई थीं.तस्वीर: Monika Graff/UPI Photo/imago images

चीन की टेनिस खिलाड़ी पेंग शुआई ने कभी किसी पर यौन उत्पीड़न का कोई भी आरोप लगाने से इनकार किया है. पिछले साल नवंबर में उनके सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए चीन के पू्र्व उप-प्रधानमंत्री झांग गाओली पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था. अब शुआई ने कहा है कि यह दावा वायरल होने के बाद उन्होंने खुद ही वह पोस्ट डिलीट की थी.

तीन बार की ओलंपिक खिलाड़ी शुआई के अकाउंट से जब यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए, तो दुनियाभर में उनकी सुरक्षा को लेकर खासी चिंता जताई गई थी. अब बीजिंग के एक होटल में फ्रांसीसी अखबार लिकीप के साथ इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि उन्होंने कभी किसी पर ऐसा कोई आरोप नहीं लगाया.

चीनी टेनिस खिलाड़ी पेंग शुआई ने चीन के पूर्व उप-प्रधानमंत्री झांग गाओली पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इसके बाद वह कुछ सप्ताह के लिए गायब हो गई थीं. लौटकर आने पर उन्होंने किसी पर भी यौन उत्पीड़न का कोई भी आरोप लगाने से इनकार कर दिया. चीन के मानवाधिकार वकील मानते हैं कि शुआई ने ऐसा प्रशासन के दबाव में किया है.
जनवरी 2022 में ऑस्ट्रेलियन ओपेन के एक मैच के दौरान पेंग शुआई के समर्थक उनका मुद्दा उठा रहे थे.तस्वीर: Hamish Blair/AP Photo/picture alliance

अखबार और शुआई में क्या हुई बातचीत?

अखबार ने शुआई से पूछा था, "यूरोप में हमने जो लिखित सामग्री देखी, उसमें आपने किसी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. आपने क्या लिखा था? हम समझ नहीं पा रहे हैं." इस पर पेंग शुआई ने विस्तार से कोई जवाब दिए बिना सिर्फ इतना कहा, "यौन उत्पीड़न? मैंने कभी नहीं कहा है कि किसी ने किसी भी तरह मेरा यौन उत्पीड़न किया है."

चीन का ट्विटर कही जाने वाली वेबसाइट वाइबो पर शुआई ने जो पोस्ट किया था, वह अब डिलीट किया जा चुका है. इसमें लिखा गया था, "तुम मुझे अपने साथ अपने घर क्यों ले गए थे और क्यों मुझे अपने साथ रिश्ता बनाने के लिए मजबूर किया था?" हालांकि, पेंग ने झांग के साथ अपने रिश्ते को अस्थिर बताया था और कहा कि यह उनकी सहमति से था.

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शुआई का पोस्ट वायरल होने के बाद विमेंस टेनिस असोसिएशन ने चीन में टूर्नामेंट स्थगित कर दिए थे. वहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेंग शुआई की सुरक्षा को लेकर खूब चिंता जताई गई थी. चीन में इंटरनेट पर उपलब्ध सामग्री पर खूब पाबंदी भी रहती है. इसका असर इस प्रकरण को लेकर हो रही बातचीत पर भी दिखा. वाइबो पर पेंग शुआई का नाम खोजने पर कोई हालिया सर्च रिजल्ट नहीं दिख रहा था.

ओलंपिक समिति के अध्यक्ष का बयान

नवंबर की पोस्ट डिलीट होने के बाद से पेंग शुआई ने अपने वाइबो अकाउंट पर कुछ भी और पोस्ट नहीं किया है. सोमवार को समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने इस मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के अध्यक्ष थॉमस बाख से सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि इस मामले में अपनी स्थिति बताने की जिम्मेदारी तो पेंग शुआई की ही है.

शनिवार को बीजिंग में पेंग शुआई के साथ डिनर करने वाले बाख ने कहा, "हमें जो कहना था, वह हमने कहा. अपनी बात रखना उनके ऊपर है. यह उनकी जिंदगी है. यह उनकी कहानी है. इसलिए इस बारे में क्या बातचीत करनी है, यह भी उनके ही ऊपर है." पेंग शुआई ने फ्रांसीसी अखबार से यह भी कहा कि उनके सोशल मीडिया पोस्ट से 'भारी गलतफहमी' पैदा हो गई थी. साथ में उन्होंने दिसंबर में दिया अपना बयान भी दोहराया कि वह नहीं चाहती हैं कि अब इस बारे में मीडिया में और बात हो.

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अखबार ने उनके हवाले से लिखा है, "मैं कहना चाहूंगी कि भावनाएं, खेल और राजनीति, तीनों बहुत ही अलग चीजें हैं. मेरी लवलाइफ की समस्याएं, मेरी निजी जिंदगी को खेल और राजनीति के साथ नहीं मिलाना चाहिए. खेल का राजनीतिकरण बिल्कुल नहीं होना चाहिए, क्योंकि ऐसा होने पर ज्यादातर इसका मतलब ओलंपिक भावना से मुंह मोड़ना होता है. इसका खेल जगत और खिलाड़ियों की इच्छाशक्ति पर विपरीत असर पड़ता है."

चीनी टेनिस खिलाड़ी पेंग शुआई ने चीन के पूर्व उप-प्रधानमंत्री झांग गाओली पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इसके बाद वह कुछ सप्ताह के लिए गायब हो गई थीं. लौटकर आने पर उन्होंने किसी पर भी यौन उत्पीड़न का कोई भी आरोप लगाने से इनकार कर दिया. चीन के मानवाधिकार वकील मानते हैं कि शुआई ने ऐसा प्रशासन के दबाव में किया है.
21 नवंबर 2021 को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने यह तस्वीर जारी करते हुए कहा था कि उनकी पेंग शुआई से बातचीत हुई है.तस्वीर: Greg Martin/AFP

इंटरव्यू को लेकर थीं कुछ शर्तें

लिकीप अखबार ने यह जानकारी भी दी कि यह इंटरव्यू चीनी भाषा में लिया गया था. इंटरव्यू के दौरान एक चीनी ओलंपिक अधिकारी और पेरिस में एक दुभाषिए ने इसका अंग्रेजी में अनुवाद किया था. इंटरव्यू के सवाल पहले ही दे दिए गए थे और अखबार ने यह शर्त स्वीकार की थी कि पेंग शुआई के जवाब को बिना किसी टिप्पणी के छापा जाएगा.

चीनी निशान वाला एक लाल ट्रैकसूट पहने पेंग ने अपनी सुरक्षा को लेकर जताए जा रहे डर को भी खत्म करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि नवंबर के बाद से उनकी जिंदगी में कुछ खास नहीं हुआ है. नवंबर में पोस्ट वायरल होने के बाद वह कुछ हफ्तों तक सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं दी थीं, लेकिन अब उन्होंने 'गायब होने' की बात से इनकार किया है.

चीनी टेनिस खिलाड़ी पेंग शुआई ने चीन के पूर्व उप-प्रधानमंत्री झांग गाओली पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इसके बाद वह कुछ सप्ताह के लिए गायब हो गई थीं. लौटकर आने पर उन्होंने किसी पर भी यौन उत्पीड़न का कोई भी आरोप लगाने से इनकार कर दिया. चीन के मानवाधिकार वकील मानते हैं कि शुआई ने ऐसा प्रशासन के दबाव में किया है.
वीबो पर पेंग शुआई का पोस्ट आने के बाद #MeToo की बहस एक बार फिर तेज हो गई थी.तस्वीर: Weibo

दिग्गज टेनिस खिलाड़ियों ने जताई थी चिंता

पेंग शुआई के सार्वजनिक तौर पर न दिखने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर #WhereIsPengShuai हैशटैग वायरल हुआ. दुनिया की मशहूर टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स से लेकर नाओमी ओसाका जैसी खिलाड़ियों ने इस बारे में पोस्ट किए थे. इस बारे में पेंग ने कहा कि वह विदेशी मीडिया पर निगाह नहीं रखती हैं और अंग्रेजी नहीं पढ़ सकती हैं, इसलिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर जताई गई चिंता के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी.

विमेंस टेनिस असोसिएशन ने दिसंबर में कहा था कि पेंग के सामने आने के बावजूद इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि वह ठीक हैं या नहीं. इस बार जब असोसिएशन से पेंग शुआई के लिकीप के साथ इंटरव्यू पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने तुरंत कुछ भी कहने से इनकार किया है.

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सोमवार को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने कहा था कि पेंग कुछ ओलंपिक खेलों में मौजूदगी दर्ज कराएंगी. समिति ने कहा कि महामारी के बाद उनकी यूरोप यात्रा करने की भी योजना है और वह स्विट्जरलैंड स्थित समिति के हेडक्वॉर्टर भी जाएंगी. पेंग ने यह भी कहा कि घुटने में चोट लगने के बाद कई बार हुई सर्जरी और अपनी उम्र की वजह से मुश्किल ही है कि वह दोबारा मुकाबलों में खेल पाएं.

चीनी टेनिस खिलाड़ी पेंग शुआई ने चीन के पूर्व उप-प्रधानमंत्री झांग गाओली पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. इसके बाद वह कुछ सप्ताह के लिए गायब हो गई थीं. लौटकर आने पर उन्होंने किसी पर भी यौन उत्पीड़न का कोई भी आरोप लगाने से इनकार कर दिया. चीन के मानवाधिकार वकील मानते हैं कि शुआई ने ऐसा प्रशासन के दबाव में किया है.
चीन के मानवाधिकार वकील पेंग शुआई के मौजूदा बयान को प्रशासन के दबाव का नतीजा बता रहे हैं.तस्वीर: Andy Brownbill/AP Photo/picture alliance

मानवाधिकार वकील कह रहे दबाव की बात

डॉयचे वेले ने इस मुद्दे पर चीन के मानवाधिकार वकील तेंग बिआओ से जाना कि क्या पेंग के आरोपों से पीछे हटने के पीछे प्रशासन की ओर से किसी तरह का दबाव हो सकता है. इस पर बिआओ ने कहा, "चीन में अतीत में कुछ मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, वकीलों और विदेशी लोगों को टीवी पर इकबालिया बयान देने के लिए मजबूर किया जा चुका है. उन पर वही बातें कहने का भारी दबाव होता है, जो चीनी प्रशासन उनसे कहता है. पेंग के मामले में भी लग रहा है कि ऐसा ही हुआ है."

बिआओ ने कहा, "बीते कुछ वक्त में पेंग जितनी बार सार्वजनिक रूप से दिखाई दी हैं, उनके साथ कुछ लोग रहे हैं. साथ ही, अक्सर उनसे जुड़ी जानकारी चीन के सरकारी मीडिया द्वारा जारी की गई है. इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि सार्वजनिक जगहों पर उनके साथ कौन था और उन्होंने क्या कहा, लेकिन यह सब रचा हुआ था. हालांकि, पेंग ओलंपिक समिति के प्रतिनिधियों से मिलीं, लेकिन हो सकता है कि उन्होंने अपना बयान भारी दबाव में दिया हो."

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बिआओ ने बातचीत में यह भी कहा, "पेंग शुआई के मामले में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति और इसके अध्यक्ष बाख लगातार चीनी सरकार के प्रोपेगैंडा को प्रमोट करने में मदद कर रहे हैं. वह बार-बार कहते आए हैं कि पेंग सुरक्षित हैं और आजाद हैं. चीनी सरकार तो यही चाहती है कि पश्चिमी देश इसी बात पर भरोसा करें. ओलंपिक समिति का अपने हितों को खिलाड़ियों के मानवाधिकारों से ऊपर रखना शर्मनाक है."

वीएस/एमजे (रॉयटर्स, एपी, एएफपी)

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