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राजनीतिउत्तरी अमेरिका

अमेरिकी सम्मेलन में ताइवानी मंत्री का वीडियो बंद

१४ दिसम्बर २०२१

लोकतंत्र पर अमेरिका द्वारा आयोजित सम्मेलन में ताइवान की मंत्री ने चीन को अलग रंग से दिखाया. उसके फौरन बाद उनका वीडियो बंद कर दिया गया. दोनों पक्षों ने इसे तकनीकी खामी बताया.

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तस्वीर: Tasos Katopodis/CNP/Zuma/imago images

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा आयोजित ‘समिट फॉर डेमोक्रेसी' के दौरान ताइवान के एक मंत्री की वीडियो ही बंद कर दी गई. इस मंत्री ने अपनी प्रेजेंटेशन में एक नक्शे का इस्तेमाल किया था जिसमें चीन और ताइवान को अलग-अलग रंगों में दिखाया गया था. इस नक्शे के दिखाए जाने के बाद उनका वीडियो बंद कर दिया गया.

मामले से वाकिफ सूत्र बताते हैं कि बीते शुक्रवार ताइवान की डिजिटल मंत्री ऑड्रे टैंग के वीडियो में चीन और ताइवान को अलग-अलग रंग में दिखाते नक्शे ने अमेरिकी अधिकारियों को चिंता में डाल दिया था. नाम न छापने की शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि व्हाइट हाउस के कहने पर वीडियो को हटा दिया गया और सिर्फ ऑडियो जारी रहने दिया गया.

सूत्रों के मुताबिक व्हाइट हाउस के अधिकारी इस बात को लेकर चिंतित थे कि अमेरिका द्वारा आयोजित किसी सम्मेलन में, जहां ताइवान को इसलिए बुलाया गया ताकि उसके प्रति समर्थन जाहिर किया जाए, वहां ऐसा नक्शा चीन की ‘एक चीन' नीति का विरोध समझा जा सकता है. अमेरिका ने साफ तौर पर ताइवान को लेकर कोई स्पष्ट रुख नहीं जाहिर किया है.

अमेरिका के विदेश मंत्रालय से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि स्क्रीन शेयरिंग को लेकर भ्रम के कारण ऐसा हुआ. इसे एक गलती बताते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "हम मंत्री टैंग की भागीदारी का सम्मान करते हैं. उन्होंने सरकार की पारदर्शिता, मानवाधिकार और फर्जी सूचनाओं से संघर्ष के बारे में ताइवान की विश्व-स्तरीय विशेषज्ञता का प्रदर्शन किया.”

हुआ क्या था?

टैंग ने एक प्रेजेंटेशन दिखाई थी जिसमें दक्षिण अफ्रीकी समाजसेवी संस्था सिविकस द्वारा बनाया दुनिया का एक नक्शा दिखाया गया. इस नक्शे में मानवाधिकारों के खुलेपन के आधार पर विभिन्न देशों को क्रमबद्ध किया गया था.

नक्शे में ज्यादातर एशिया को ताइवान के साथ हरे रंग में दिखाया गया था, जो पूरी दुनिया का एकमात्र ऐसा क्षेत्र था जिसे ‘खुला' बताया गया. अन्य कई क्षेत्र मसलन अमेरिका और उसके सहयोगियों को बंद, दमित, तंग या बाधित आदि विशेषणों के जरिए प्रदर्शित किया गया था. चीन, लाओस, वियतनाम और उत्तर कोरिया को लाल रंग से दिखाया गया था और उसे ‘बंद' कहा गया.

अपनी संस्कृति को बचाने की कोशिश

कुछ मिनट बाद जब संचालक टैंग की तरफ लौटे तो वहां उनका कोई वीडियो नहीं था बल्कि स्क्रीन पर उनका नाम लिखा आ रहा था और सिर्फ ऑडिया सुनाई दे रहा था. साथ ही एक स्पष्टीकरण भी था, "इस पैनल में किसी भी व्यक्ति द्वारा जाहिर किए गए विचार उस व्यक्ति के निजी विचार हैं और आवश्यक नहीं है कि वे अमेरिकी सरकार के विचार परिलक्षित करते हों.”

दोनों पक्षों का खंडन

एक सूत्र ने बताया कि नक्शे के नजर आते ही अमेरिकी अधिकारियों के बीच फौरन ईमेल आने-जाने लगे और व्हाइट हाउस नेशनल सिक्यॉरिटी काउंसिल (NSC) ने नाराजगी भरे अंदाज में विदेश मंत्रालय से संपर्क कर नक्शे पर आपत्ति जाहिर की. अमेरिका ने ताइवान की सरकार से भी आपत्ति जताई जिसके जवाब में ताइवानी नेताओं ने टैंग का वीडियो बंद किए जाने पर नाराजगी जाहिर की.

अमेरिकी अधिकारी इस बात को लेकर भी नाराज थे कि यह स्लाइड तब नहीं दिखाई गई थी जब चीजें टेस्ट की जा रही थीं. इस कारण ये आशंकाएं भी पैदा हुईं कि टैंग और ताइवान ने ऐसा जानबूझ कर किया.

वैसे, एनएससी ने घटना के इस विवरण को गलत बताया है. एक ईमेल के जरिए प्रवक्ता ने कहा, "व्हाइट हाउस ने मंत्री टैंग की वीडियो बंद करने के बारे में कभी नहीं किया.” उन्होंने कहा कि पूरा वीडियो समिट की वेबसाइट पर उपलब्ध है.

ताइवान ने भी इसे तकनीकी खामी बताया है. जब टैंग से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने, "मुझे नहीं लगता कि मेरी स्लाइड में शामिल सिविकस नक्शे के कारण ऐसा हुआ.”

वीके/एए (रॉयटर्स)

ताइवान की पहली एलजीबीटीक्यू काउंसलर