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बदले की कार्रवाई में चीन ने कनाडा को दिया बड़ा आर्थिक झटका

१७ अगस्त २०२३

कोविड महामारी के बाद अपना पर्यटन बाजार खोलने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए चीन ने कई देशों से ग्रुप टुअर्स को इजाजत दे दी है, लेकिन कनाडा पर बैन को जारी रखा है. दोनों देशों के रिश्ते खराब चल रहे हैं.

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कनाडा
कनाडा नहीं जा सकेंगे चीनी टूरिस्टतस्वीर: Boomer Jerritt/All Canada Photos/picture alliance

चीन ने कनाडा के ग्रुप टुअर्स को इजाजत नहीं दी है. अमेरिका और यूके समेत विभिन्न देशों के ग्रुप टुअर्स पर लगीं पाबंदियां हटा ली गयी हैं लेकिन तनावग्रस्त रिश्तों के चलते कनाडा को उस सूची से बाहर रखा गया है. दोनों देशों के बीच पिछले कुछ समय से रिश्ते लगातार खराब हो रहे हैं. कनाडा का आरोप है कि चीन उसकी घरेलू राजनीति में दखलअंदाजी कर रहा है.

चीनी अधिकारियों ने कहा कि राजनीतिक दखलअंदाजी के इन आरोपों के कारण ही चीन ने कनाडा को ग्रुप टुअर्स की सूची से बाहर रखा है. इस फैसले का कनाडा के पर्यटन उद्योग पर गंभीर असर हो सकता है क्योंकि चीन के पर्यटक कनाडा नहीं जा पाएंगे. कोविड आने से पहले के सालों में चीनी पर्यटकों ने कनाडा में 74 करोड़ डॉलर सालाना तक खर्च किये हैं.

चीन के संस्कृति व पर्यटन मंत्रालय ने बुधवार को ग्रुप टुअर्स पर लगीं पाबंदियां हटाने का ऐलान करते हुए बताया कि अब चीनी टुअर ऑपरेटर किन-किन देशों के लिए ग्रुप टुअर्स का आयोजन कर सकते हैं. लेकिन कनाडा को इस सूची से बाहर रखने के फैसले पर मंत्रालय ने कहा कि विदेश जाने वाले अपने पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला किया गया है.

138 देशों में कनाडा गायब

चीन ने 78 देशों की सूची जारी की है, जहां उसके नागरिक समूहों में घूमने जा सकते हैं. कनाडा को छोड़कर अन्य जी20 देश जैसे अमेरिका, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण कोरिया शामिल हैं. अब इस सूची में कुल 138 देश हो गये हैं. एक बयान में ओटावा स्थित चीनी दूतावास ने कहा, "कनाडा ने बार-बार कथित चीनी दखलअंदाजी को बहुत बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है. हम अपने प्रवासी नागरिकों की सुरक्षा और कानूनी अधिकारों पर केंद्रित हैं और चाहते हैं कि वे सुरक्षित व दोस्ताना माहौल में यात्रा कर सकें.”

कनाडा और चीन के बीच रिश्ते इस साल तेजी से खराब हुए हैं. ऐसा तब हुआ जब कनाडा के मीडिया में घरेलू जासूसी एजेंसियों के हवाले से ऐसी खबरें आईं कि चीन ने हालिया स्थानीय चुनावों में दखलअंदाजी की.

कनाडा ने चीन पर ऐसे आरोप भी लगाये हैं कि वह कंजरवेटिव पार्टी के सांसद माइकल चोंग को डराने की कोशिश कर रहा है और उनके खिलाफ चीनी सोशल मीडिया ऐप वीचैट पर दुष्प्रचार को बढ़ावा दे रहा है. इस मुद्दे पर मई में कनाडा ने चीनी दूतावास के अधिकारी जाओ वेई को निष्कासित भी कर दिया था. बदले में चीन ने कनाडा के शंघाई कांस्युलेट की अधिकारी लिन लालोंदे को निष्कासित कर दिया था.

कनाडा को होगा भारी नुकसान

देश में पर्यटन को बढ़ावा देनी वाली एजेंसी डेस्टिनेशन कनाडा के समाचार प्रसारक ने सीबीसी को दिये बयान में कहा कि एशिया प्रशांत क्षेत्र में चीन से ही सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं. कनाडा- चाइना बिजनस काउंसिल की 2021 में जारी रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में कनाडा में सात लाख चीनी पर्यटक आये थे. इन पर्यटकों ने औसतन 2,600 कनाडाई डॉलर प्रति व्यक्ति खर्च किये. अपनी रिपोर्ट में इस संस्था ने चेतावनी दी थी कि दोनों देशों के बीच जारी तनाव के कारण पर्यटन उद्योग में अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गयी है.

चीन ने कनाडा के लिए ग्रुप टुअर्स को सबसे पहले 2010 में इजाजत दी थी. इससे दोनों देशों के बीच हवाई यात्रा और पर्यटन में काफी वृद्धि हुई थी. लेकिन 2018 में दोनों देशों के संबंधों को तब बड़ा झटका लगा जब अमेरिका के अनुरोध पर कनाडा ने चीनी कंपनी वावे के अधिकारी मेंग वानजोऊ को हिरासत में ले लिया. उसके फौरन बाद चीन ने दो कनाडाई नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया. 2021 में दोनों तरफ से कैदियों को रिहा किया गया लेकिन पर्यटकों की संख्या पर 2019 में ही असर पड़ चुका था.

विवेक कुमार (एएफपी)