बांग्लादेश ने अदाणी पावर से बिजली खरीद की आधी
३ दिसम्बर २०२४अमेरिका में गौतम अदाणी और उनके छह सहयोगियों पर घूसखोरी और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के बीच बांग्लादेश ने अदाणी पावर से बिजली खरीद आधी कर दी है. अदाणी समूह ने घूसखोरी और भ्रष्टाचार के आरोपों को "बेबुनियाद" बताया है.
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अदाणी पावर ने बकाया भुगतान में देरी के कारण 31 अक्टूबर से बांग्लादेश को बिजली की सप्लाई आधी कर दी है. बांग्लादेश इस वक्त विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रहा है. बांग्लादेश के अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद बांग्लादेश ने अदाणी को फिलहाल आधी बिजली ही आपूर्ति करने को कहा, हालांकि वह अपना पुराना बकाया चुकाता रहेगा.
बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (बीपीडीबी) के अध्यक्ष मोहम्मद रेजाउल करीम ने कहा, "जब उन्होंने हमारी बिजली सप्लाई में कटौती की, तो हम हैरान और नाराज थे." उन्होंने कहा, "सर्दियों की मांग अब कम है, इसलिए हमने उन्हें बताया है कि प्लांट की दोनों यूनिट चलाने की जरूरत नहीं है."
अमेरिका में केसः क्या हैं अदाणी के विकल्प
शेख हसीना के समय हुआ था करार
अदाणी पावर झारखंड में दो अरब डॉलर की लागत से बने पावर प्लांट से बिजली सप्लाई कर रहा है. यह प्लांट 800 मेगावाट की दो यूनिटों वाला है और 2017 में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के साथ 25 साल के कॉन्ट्रैक्ट के तहत स्थापित किया गया था.
रॉयटर्स द्वारा देखे गए एक दस्तावेज से पता चला है कि नवंबर में संयंत्र केवल 41.82 फीसदी क्षमता पर चला, जो इस साल का सबसे कम है और एक यूनिट 1 नवंबर से बंद है.
बीपीडीबी के दो सूत्रों ने बताया कि बांग्लादेश ने पिछली सर्दियों में अदाणी से लगभग 1,000 मेगावाट प्रति माह बिजली खरीदी थी. उन्होंने बताया कि अदाणी ने बोर्ड से पूछा था कि वह सामान्य खरीद कब शुरू करेगा, लेकिन उसे कोई निश्चित जवाब नहीं मिला
बकाया नहीं चुका पा रहा बांग्लादेश
अदाणी पावर के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी बांग्लादेश को सप्लाई जारी रखे हुए है, हालांकि बढ़ता बकाया एक बड़ी चिंता का विषय है, जिससे संयंत्र का ऑपरेशन अस्थिर हो रहा है. प्रवक्ता ने कहा, "हम बीपीडीबी के वरिष्ठ अधिकारियों और सरकार के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं, जिन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि हमारा बकाया जल्द ही चुका दिया जाएगा."
उन्होंने कहा कि कंपनी को पूरा भरोसा है कि बांग्लादेश अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करेगा, ठीक उसी तरह जैसे अदाणी ने अपने कॉन्ट्रैक्ट दायित्वों को पूरा किया है.
करीम ने बताया कि बांग्लादेश पर अदाणी का 65 करोड़ डॉलर बकाया है और उसने नवंबर में लगभग 8.5 करोड़ डॉलर और अक्टूबर में 9.7 करोड़ डॉलर का भुगतान किया है. अदाणी पावर के एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि बकाया बढ़कर लगभग 90 करोड़ डॉलर हो गया है, जिससे इसकी ऋण प्रोफाइल को नुकसान पहुंचा है और फंड की लागत बढ़ने का जोखिम है.
बांग्लादेश के बिजली और ऊर्जा मंत्री ने 1 दिसंबर को रॉयटर्स को बताया कि बांग्लादेश अदाणी सौदे के तहत कीमतों में भारी कमी चाहता है, जब तक कि इसे अदालत द्वारा रद्द नहीं कर दिया जाता, जिसने इसकी जांच के लिए कहा है.
बांग्लादेश को झटका देता बिजली संकट
बांग्लादेश को महंगी बिजली
अदाणी पावर के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी को इस बात का कोई संकेत नहीं मिला है कि बांग्लादेश उसके बिजली खरीद समझौते की समीक्षा कर रहा है.
रॉयटर्स द्वारा देखे गए एक सरकारी दस्तावेज से पता चला है कि अदाणी पावर बांग्लादेश को सबसे अधिक दर पर बिजली सप्लाई करता है. वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान अदाणी की प्रति यूनिट बिजली दर 14.87 टका रही, जबकि अन्य भारतीय आपूर्तिकर्ताओं का औसत 9.57 टका था. बांग्लादेश में खुदरा बिजली की कीमत 8.95 टका प्रति यूनिट है, जिससे सालाना बिजली सब्सिडी बिल 320 अरब टका (2.7 अरब डॉलर) तक पहुंच गया है.
बांग्लादेश के बिजली और ऊर्जा सलाहकार मुहम्मद फौजुल कबीर खान ने कहा, "चूंकि कीमतें अधिक हैं, इसलिए सरकार को सब्सिडी देनी होगी." उन्होंने कहा, "हम चाहते हैं कि बिजली की कीमतें कम हों और वह न केवल अदाणी से बल्कि औसत खुदरा कीमतों से भी नीचे आ जाएं."
एए/वीके (रॉयटर्स, एएफपी)