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विज्ञानऑस्ट्रेलिया

ऑस्ट्रेलिया ने एक अरब डॉलर का सैटलाइट प्रोग्राम बंद किया

३० जून २०२३

जब पूरी दुनिया में अंतरिक्ष कार्यक्रमों पर निवेश बढ़ाया जा रहा है, ऐसे समय में महंगाई और आर्थिक मंदी की मार के चलते ऑस्ट्रेलिया ने अपना उपग्रह कार्यक्रम बंद करने का ऐलान किया है.

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ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में ओपेरा हाउस
ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में ओपेरा हाउसतस्वीर: Wendell Teodoro/AFP/Getty Images

जब पूरी दुनिया के देश अपने-अपने अंतरिक्ष और उपग्रह कार्यक्रमों का विस्तार कर रहे हैं और उन पर निवेश बढ़ा रहे हैं, ऐसे समय में ऑस्ट्रेलिया ने एक अरब डॉलर की अपनी उपग्रह योजना को बंद करने का फैसला किया है. धीमे पड़ते आर्थिक विकास और महंगाई से लड़ने के लिए यह कटौती करने का फैसला किया गया है.

शुक्रवार को ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि 1.2 अरब ऑस्ट्रेलियन डॉलर यानी लगभग 65 अरब रुपये का उपग्रह कार्यक्रम बंद किया जाएगा. पिछले साल ही नेशनल स्पेस मिशन फॉर अर्थ ऑब्जरवेशन कार्यक्रम का ऐलान किया गया था जिसके तहत कई उपग्रह बनाने और अंतरिक्ष में भेजने की योजना थी.

बजट की मरम्मत के लिए

इस कार्यक्रम की शुरुआत में 2028 से 2033 के बीच चार उपग्रहों के निर्माण और प्रक्षेपण का ऐलान किया गया था जिनका मकसद पृथ्वी पर निगरानी के लिए आंकड़े जुटाना था. ये आंकड़े मौसम पूर्वानुमान से लेकर कुदरती आपदाओं और पर्यावरण के प्रबंधन में मददगार साबित होते. अब इन आंकड़ों के लिए ऑस्ट्रेलिया अपने अन्य सहयोगियों पर निर्भर होगा.

देश की लेबर पार्टी की सरकार ने कहा है कि ‘बजट की मरम्मत' के लिए इस कार्यक्रम को बंद किया जा रहा है. उद्योग और विज्ञान मंत्री एड ह्यूसिक ने सार्वजनिक प्रसारक एबीसी को बताया कि महंगाई से लड़ते हुए पर्यावरण से जुड़ीं विस्तृत चीजों पर ध्यान रखने का अर्थ है कि मुश्किल फैसले लेने होंगे.

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ह्यूसिक ने कहा, "अगर मैं यहां एक अरब डॉलर की कटौती नहीं करता हूं तो मुझे कहीं और कटौती करनी होगी. वो क्षमता हासिल करने के दूसरे तरीके भी हैं. हम वैसा करने के इच्छुक हैं लेकिन यहां हमें फैसला करना ही होगा.”

इस साल मई में जब ऑस्ट्रेलिया का बजट पारित किया गया तो सरकार ने कहा था कि बजट को संतुलित किया जाएगा. देश की आर्थिक विकास दर कम हो रही है और रक्षा मद में खर्च लगातार बढ़ रहा है.

उद्योग और विकास पर असर

सरकार के इस फैसले पर अंतरिक्ष उद्योग से जुड़े लोगों ने निराशा जतायी है. स्पेस इंडस्ट्री एसोसिएशन ऑफ ऑस्ट्रेलिया ने उपग्रह कार्यक्रम को बंद करने के फैसले को अदूरदर्शी बताया है.

एक बयान में संस्था ने कहा, "यह फैसला अल्बानीजी सरकार के जलवायु, रक्षा, विज्ञान विषयों, मैन्युफैक्चरिंग और तकनीकी क्षेत्रों में नौकरियां पैदा करने के एजेंडे को प्रभावित करेगा.”

पिछले सालों में लगभग सभी बड़े देशों ने अंतरिक्ष कार्यक्रमों पर अपना खर्च बढ़ाया है. 2022 में तो अंतरिक्ष कार्यक्रमों में कुल वैश्विक निवेश 103 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था.

अमेरिका ने पिछले साल 62 अरब डॉलर का निवेश किया जो कि दुनिया में सबसे ज्यादा है. उसके बाद चीन का नंबर है जिसने 2022 में 12 अरब डॉलर अंतरिक्ष कार्यक्रमों पर खर्च किये.

इस वक्त जापान, फ्रांस, रूस और जर्मनी का खर्च दो अरब डॉलर से ज्यादा सालाना है जबकि भारत ने पिछले साल 1.96 अरब डॉलर खर्च किये हैं. यूरोपीय संघ ने भी 2022 में 2.2 अरब डॉलर का निवेश किया है.

विवेक कुमार (रॉयटर्स)

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