1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
राजनीतिबांग्लादेश

बांग्लादेश: विपक्ष का आरोप कार्यकर्ताओं पर फर्जी केस

११ अक्टूबर २०२२

बांग्लादेश की विपक्षी पार्टी का कहना है कि शेख हसीना सरकार ने हजारों विपक्षी कार्यकर्ताओं पर हिंसा के झूठे आरोप लगाकर मुकदमे दर्ज किए हैं. शेख हसीना अगले साल आम चुनाव का सामना करने वाली हैं.

https://p.dw.com/p/4I1d6
तस्वीर: bdnews24.com

मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने बांग्लादेश में विपक्षी कार्यकर्ताओं के खिलाफ शेख हसीना सरकार की कार्रवाई पर गंभीर चिंता जाहिर की है. देश में पिछले कुछ महीनों में लगातार और लंबे समय तक बिजली कटौती के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. कुछ विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की घटनाएं भी हुईं.

विपक्ष ने प्रधानमंत्री शेख हसीना पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया है और देश में अगला आम चुनाव तटस्थ कार्यवाहक सरकार के तहत कराने की मांग की है. देश में अगले साल दिसंबर में आम चुनाव होने हैं.

क्या बांग्लादेश में हिन्दू खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं ?

चार हजार से ज्यादा लोगों पर केस

विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के प्रवक्ता सैरुल कबीर खान का कहना है कि 22 अगस्त से अब तक सरकार ने पार्टी समर्थकों और नेताओं के खिलाफ हिंसा के 4,081 फर्जी मामले दर्ज किए हैं.

उन्होंने आगे कहा कि बीएनपी के अज्ञात 20,000 समर्थकों के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए हैं. उनका कहना है कि सरकार इस तरीके को अपनाकर विरोधियों को परेशान करने और लोगों को उसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल होने से रोकने की कोशिश कर रही है.

खान ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा कि विरोध प्रदर्शनों में पांच कार्यकर्ताओं की मौत हुई और दो हजार से ज्यादा कार्यकर्ता घायल हुए.

बीएनपी के प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि जब भी सत्ताधारी अवामी लीग के कार्यकर्ता उनकी रैलियों पर हमला करते हैं, तो पुलिस मूकदर्शक बनी रहती है, लेकिन जब हम "जवाबी कार्रवाई करते हैं, तो पुलिस प्रतिक्रिया देना शुरू कर देती है."

उन्होंने कहा, "पुलिस एक निष्पक्ष बल के रूप में अपनी जिम्मेदारियों को पूरा नहीं कर रही है."

पुलिस का कहना है कि विरोध प्रदर्शन में चार लोग मारे गए, लेकिन वह हिंसा भड़काने के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहरा रही है.

बिजली कटौती के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए थे
बिजली कटौती के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए थेतस्वीर: Mohammad Ponir Hossain/REUTERS

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच की दक्षिण एशिया निदेशक मीनाक्षी गांगुली ने सोमवार को कहा कि विपक्षी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी और घर पर छापेमारी चुनाव पूर्व खतरों का हिस्सा है.

बांग्लादेश को झटका देता बिजली संकट

पिछले दिसंबर में अमेरिका ने सात शीर्ष बांग्लादेशी सुरक्षा अधिकारियों पर सैकड़ों लोगों के लापता होने और हजारों लोगों के एनकाउंटर में कथित भूमिका के लिए अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाए थे.

ढाका इस बात से इनकार करता रहा है कि विपक्षी कार्यकर्ताओं और नेताओं के जबरन गायब होने में सुरक्षा बल शामिल थे. उसका कहना है कि वे अपराधी थे और पुलिस के साथ एनकाउंटर में मारे गए.

बांग्लादेश पुलिस के प्रवक्ता मंजूर रहमान ने विपक्षी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल देश के सभी नागरिकों के अधिकारों का सम्मान करते हैं और केवल कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए हस्तक्षेप करते हैं.

एए/ सीके (एएफपी, रॉयटर्स)