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लीबियाई प्रदर्शनों के लिए लादेन जिम्मेदारः गद्दाफी

२४ फ़रवरी २०११

लीबिया के नेता मुअम्मर गद्दाफी ने अपनी सरकार के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के लिए अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन को जिम्मेदार ठहराया है. प्रदर्शनों के दौरान हुई लोगों की मौतों पर उन्होंने टीवी संबोधन में अफसोस भी जताया.

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लादेन पर बरसे गद्दाफीतस्वीर: dapd

गुरुवार को टेलीफोन के जरिए लीबिया के सरकारी टीवी पर अपने संबोधन में गद्दाफी ने विरोध प्रदर्शनों के दौरान लोगों की मौत पर दुख जताया और जनता से शांति की अपील की. उन्होंने लीबिया में अपने 41 पुराने शासन के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों के लिए अक कायदा को जिम्मेदार बताया. गद्दाफी ने अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन को असल अपराधी बताते हुए लोगों को आगाह किया कि उसके हाथों इस्तेमाल न हों.

इससे पहले अल कायदा ने लीबिया के नेता मुअम्मर गद्दाफी पर आरोप लगाए कि उन्होंने अफ्रीका से सैनिकों और हवाई जहाजों को किराए पर लेकर विरोध प्रदर्शनकारियों पर हमला कराया. अल कायदा इन द इस्लामिक मगरेब (आकिम) ने मुस्लिम बुद्धिजीवियों, आलोचकों और पत्रकारों से कहा है कि वे प्रदर्शनकारियों का साथ दें.

लीबिया में दस दिनों से जारी विरोध प्रदर्शनों में एक हजार लोगों के मारे जाने की बात कही जा रही है. प्रदर्शनकारियों पर सरकारी बलों की तरफ से बल प्रयोग की पूरी दुनिया में निंदा हो रही है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गद्दाफी से सत्ता छोड़ने की अपीलें हो रही हैं. लेकिन गद्दाफी का कहना है कि उनके पास तो कोई सत्ता ही नहीं है. लीबिया नेता ने गुरुवार को कहा, "मेरे पास सिर्फ नैतिक शक्ति है." गद्दाफी खुद को ऐसे नेता के तौर पर पेश करते रहे हैं जिसने लोगों की क्रांति का सिर्फ नेतृत्व किया. वह खुद को पारंपरिक राष्ट्र प्रमुख के तौर पर पेश नहीं करते.

गद्दाफी ने कहा कि कोई भी समझदार आदमी उनके शासन के खिलाफ प्रदर्शनों में शामिल नहीं होगा. उन्होंने देश की जनता से अपील की कि प्रदर्शकारियों से हथियार छीन लें. राजधानी त्रिपोली से लगभग 50 किलोमीटर दूर जाविया शहर में हुई हिंसा का जिक्र करते हुए गद्दाफी ने कहा कि जो कुछ वहां हो रहा है वह समझदार लोगों का काम नहीं है. जाविया में सरकारी बलों ने प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया. लीबिया के अखबार के मुताबिक जाविया में हुई गोलीबारी में 10 लोग मारे गए. लेकिन गद्दाफी ने इसे वेबजह की हिंसा कहा. उनका कहना है, "अगर आप आपस में ही मर जाना चाहते हो तो फिर कोई क्या कर सकता है."

विपक्षी समर्थकों ने पूर्वी लीबिया में बेनगाजी समेत कई शहरों को पहले ही अपने नियंत्रण में ले लिया है. बताया जाता है कि पश्चिमी इलाके में मिस्राता और जुआरा जैसे शहर भी उनके नियंत्रण में आने वाले हैं

उधर नाटो प्रमुख अंदर्स फो रासमुसेन ने लीबिया में किसी तरह के हस्तक्षेप से इनकार किया है. उन्होंने कहा, "मैं जोर देकर कहना चाहता हूं कि नाटो का वहां हस्तक्षेप करने का कोई इरादा नहीं है. हमें इस तरह का कोई आग्रह नहीं मिला है. ऐसा कोई भी कदम संयुक्त राष्ट्र के जनादेश पर ही उठाया जा सकता है."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ओ सिंह

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