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मुल्ला उमर पर गिरेगी आईएसआई की गाज

११ मई २०११

पाकिस्तान के एबटाबाद में ओसामा बिन लादेन को मार गिराये जाने के बाद उसे पनाह देने के मामले में शक की सूई आईएसआई की ओर घूम रही है. खुफिया संस्था कुछ कर दिखाने के दबाव में है और इसकी गाज मुल्ला उमर पर गिर सकती है.

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तस्वीर: AP

पाकिस्तान के अखबार द नेशन का कहना है कि बिन लादेन के एबटाबाद में पाये जाने के बाद खुफिया संस्था आईएसआई की इज्जत मट्टीपलीद हो चुकी है. ऐसी हालत में संस्था ने तय किया है कि तालिबान नेता मुल्ला उमर को पकड़ने के लिये जल्द ही एक व्यापक अभियान छेड़ा जाएगा. आईएसआई को डर है कि अगर वह ऐसा नहीं करता है तो अमेरिका मुल्ला उमर को खत्म करने के लिये भी अभियान छेड़ सकता है.

अमेरिका कह चुका है कि और भी कमांडो अभियान हो सकते हैं. ऐसी हालत में पाकिस्तान नहीं चाहता है कि फिर से उसकी क्षेत्रीय संप्रभुता पर आंच आये. ओसामा बिन लादेन के बाद तालिबान नेता मुल्ला उमर ही आतंकवाद विरोधी अभियान का सबसे बड़ा निशाना हो सकते हैं. माना जाता है कि वह बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा में छिपे हुए हैं, जहां तालिबान के सैकड़ों हथियारबंद लड़ाके उनकी हिफाजत करते हैं. नाम न बताने की शर्त पर आईएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि जल्द ही क्वेटा में एक व्यापक सैन्य अभियान शुरू किया जाने वाला है. उनके अनुसार मुल्ला उमर को जिंदा पकड़ने की कोशिश की जाएगी. लेकिन अगर वह विरोध करने की कोशिश करता हैं, तो उसे जान से मारा जा सकता है.

इस बीच पता चला है कि पाकिस्तानी वायु सेना अपने पश्चिमी सीमाक्षेत्र में राडार प्रणाली को फिर से सक्रिय बनाने जा रहा है. बिन लादेन को मार गिराने के लिये अमेरिकी अभियान के मद्देनजर ऐसा किया जा रहा है. पाकिस्तानी वायुसेना के प्रधान एयर चीफ मार्शल राव कमर सुलेमान का कहना है कि अमेरिकी अभियान के दौरान पाक राडार प्रणाली को जैम नहीं किया गया था. पश्चिम से किसी हमले का डर न होने की वजह से राडार प्रणाली सक्रिय नहीं थी.

रिपोर्ट: एजेंसियां/उभ

संपादन: आभा एम

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