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मुबारक इस्तीफा नहीं देंगे

११ फ़रवरी २०११

मिस्र के राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक ने तमाम दबाव और कयासों को दरकिनार करते हुए सर्वोच्च पद अपने पास बनाए रखने का फैसला किया है. हालांकि उन्होंने उप राष्ट्रपति को कई अहम शक्ति दे दी हैं, पर पद नहीं छोड़ा है.

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सरकारी टीवी पर मुबारकतस्वीर: AP

मिस्र की जनता को करीब घंटे भर इंतजार कराने के बाद राष्ट्रपति मुबारक टेलीविजन पर आए. उन्होंने करीब 20 मिनट तक भाषण दिया लेकिन वह बात नहीं कही, जिसका इंतजार किया जा रहा था.

मुबारक ने मिस्र की युवा जनता की तारीफ करते हुए कहा कि वह उनका सम्मान करते हैं और अपने उस वादे पर बने हुए हैं कि वह अब दोबारा राष्ट्रपति पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे. मुबारक ने कहा कि वह सुगम रूप से सत्ता का स्थानांतरण चाहते हैं और इस साल के सितंबर महीने तक यह हो जाएगा.

लगभग सात साल बाद पहली बार सीधे प्रसारण में 82 साल के मुबारक ने कहा कि वह किसी कीमत पर अपने देश को छोड़ कर नहीं जाएंगे और सत्ता परविर्तन के इस क्रम में किसी विदेशी दबाव में नहीं आएंगे. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर सत्ता परिवर्तन की बात शुरू हो गई है और उन्होंने बहुत सी शक्तियां मिस्र के उप राष्ट्रपति उमर सुलेमान को दे दी हैं.

Ägypten Proteste auf dem Tahir Platz in Kairo NO FLASH
मुबारक के इस्तीफे पर अड़े हैं प्रदर्शनकारीतस्वीर: picture-alliance/dpa

मुबारक ने 29 जनवरी को सुलेमान को उप राष्ट्रपति नियुक्त किया है. जब अपने भाषण के दौरान मुबारक ने इस बात के संकेत दे दिए कि वह सत्ता नहीं छोड़ रहे हैं तो काहिरा के तहरीर चौक पर जमा लोगों का शोर बढ़ गया और वे “मुबारक बाहर जाओ” के नारे लगाने लगे.

लगभग 20 मिनट के अपने भाषण में मुबारक ने अपने सैनिक जीवन से लेकर 30 साल तक के शासन का जिक्र किया और कहा कि उनकी आखिरी सांस भी मिस्र में ही निकलेगी. उन्होंने प्रदर्शनकारियों की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी मांग ठीक है. लेकिन साथ ही अपील की कि उन्हें अब अपनी सामान्य जिंदगी शुरू कर देनी चाहिए.

इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि मुबारक अपने टेलीविजन संदेश में इस्तीफे का एलान कर देंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इसके साथ ही 17 दिनों से चला आ रहा मिस्र संकट एक नए मोड़ पर पहुंच गया है. 11 फरवरी को शुक्रवार है और समझा जाता है कि जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शनकारियों का दबाव भी बढ़ेगा.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः ए कुमार

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