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अब मिस्र और अमेरिका में तनातनी

१० फ़रवरी २०११

मध्य पूर्व के अपने करीबी साथी मिस्र की आलोचना करते हुए अमेरिका ने कहा है कि सरकार ने लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए हैं. अमेरिका की सलाह से नाराज हैं मिस्र. विरोध प्रदर्शन जारी हैं.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

मिस्र के विदेश मंत्री अहमद अबुल घेत ने बयान दिया कि अमेरिका मिस्र पर अपनी इच्छा थोपने की कोशिश कर रहा है. घेत के इसी बयान के बाद व्हाइट हाउस के प्रवक्ता रॉबर्ट गिब्स ने मिस्र को कड़े संकेत देने की कोशिश की है. उन्होंने कहा, "काहिरा की सड़कों पर जो कुछ हो रहा है वह हैरानी की बात नहीं है. आपको देखने को मिल रहा है कि लोगों की चिंता को दूर करने के लिए सरकार जरूरी कदम नहीं उठा रही है."

Omar Suleiman Vizepräsident von Ägypten NO FLASH
उपराष्ट्रपति उमर सुलेमानतस्वीर: picture-alliance/dpa

इस्राएली रक्षा मंत्री एहुद बराक ने अमेरिकी अधिकारियों के साथ बैठक कर मिस्र में जारी संकट का असर मध्य पूर्व की स्थिरता पर पड़ने की आशंका पर बात की है. अमेरिकी उपराष्ट्रपति जो बाइडन ने मंगलवार को उन कदमों का ब्योरा दिया जो वह चाहते हैं कि मिस्र विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर उठाए. बाइडन ने साफ साफ शब्दों में बता दिया कि प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग नहीं होना चाहिए और आपात कानून को वापस ले लिया जाना चाहिए. इसके तहत किसी को भी बिना आरोप लगाए हिरासत में लिया जा सकता है.

बाइडन की सलाह अब्दुल घेत को बिलकुल पसंद नहीं आई और उन्होंने कह दिया कि बाइडन की सलाह से कोई मदद नहीं मिलेगी. घेत ने हैरानी जताई कि आपात कानून को हटाने की बात क्यों की जा रही है. उन्होंने कहा, "सड़कों पर 17 हजार से ज्यादा कैदी खुले घूम रहे हैं. वे उन जेलों से भागे हैं जिन्हें नष्ट कर दिया गया. जब हम परेशानी में हैं तो हम कैसे आपात कानून को खत्म कर सकते हैं. स्थिति को सामान्य होने और हालात पर काबू पाने के लिए हमें समय दें. फिर हम देखेंगे कि क्या किया जा सकता है."

अमेरिकी दबाव

माना जा रहा है कि अमेरिका अपनी ओर से मांगों की फेहरिस्त रखकर मिस्र के उपराष्ट्रपति उमर सुलेमान पर दबाव बढ़ाना चाहते हैं. मिस्र की खुफिया सेवा के पूर्व प्रमुख उमर सुलेमान को राष्ट्रपति होस्नी मुबारक ने उपराष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी सौंपी और अब सुलेमान विरोधी दलों के नेताओं से बातचीत कर रहे हैं. मुबारक ने यह साफ नहीं किया है कि वह पद से कब हटेंगे लेकिन इतना जरूर कहा है कि सितंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले वह हट जाएंगे.

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा उपसलाहकार बेन रोड्स ने कहा, "पिछले एक हफ्ते के दौरान ही मिस्र में काफी कुछ बदल चुका है. हम मानते हैं कि स्थिति पहले जैसे तो अब बिलकुल नहीं हो सकती है." अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मिस्र के मुद्दे पर सऊदी अरब के शाह अब्दुल्लाह से बात कर भरोसा दिया कि अमेरिका क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. उधर मिस्र में होस्नी मुबारक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी हैं. बुधवार को लोगों ने संसद की कार्यवाही में बाधा डालने की कोशिश की. तहरीर स्कवेयर पर भी लोगों का विरोध कायम है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: वी कुमार

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