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मिस्र की मंझधार में भूमिका तलाशता अमेरिका

११ फ़रवरी २०११

मिस्र में मुबारक के पद छोड़ने से इनकार के बाद प्रदर्शकारियों में गुस्सा है वहीं अंतरराष्ट्रीय बिरादरी अपनी भूमिका तय करने में जुटी है. अमेरिका तय नहीं कर पा रहा है कि मुबारक का साथ दे या सड़कों पर नारे लगाती जनता का.

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तस्वीर: AP

गुरुवार को जब मिस्र के राष्ट्रपति होस्नी मुबारक ने पद छोड़ने से मना कर दिया तो अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने थोड़ी गर्मी दिखाते हुए प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग करने के खिलाफ चेतावनी दी. हालांकि गुस्सा दिखाने और मिस्र के ऐतिहासिक प्रदर्शन में शामिल लोगों के साथ खड़े होने के बावजूद अमेरिका ने साफ शब्दों में मुबारक से कुछ कहने की बजाए कई विकल्पों की बात की.

मुबारक ने जब कहा कि वह कुछ अधिकार छोड़ देंगें लेकिन पद पर बने रहेंगे तो तो ओबामा ने कहा मिस्रवासियों को यह बताना होगा कि सत्ता परिवर्तन सही तरीके से हो, जो अब तक नहीं हुआ. ओबामा ने कहा, "मिस्र की सरकार को लोकतंत्र की ओर एक भरोसेमंद, ठोस और स्पष्ट रास्ते पर बढ़ना होगा और अब तक इस दिशा में काम नहीं हुआ है."

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तस्वीर: dapd

व्हाइट हाउस के अधिकारियों ने गुरुवार को मीडिया में आ रही इन खबरों पर भरोसा करने से इनकार कर दिया कि मुबारक पद छोड़ने का एलान करने जा रहे हैं. दूसरी तरफ मिशिगन के दौरे पर गए राष्ट्रपति ओबामा ने प्रदर्शनकारियों के साथ समर्थन जताते हुए कहा कि दुनिया इतिहास बनते देख रही है. ओबामा ने कहा, "हम इन युवाओं और सभी मिस्रवासियों को यह बताना चाहते हैं कि अमेरिका वह सब कुछ करता रहेगा जो मिस्र में लोकतंत्र बहाल करने के लिए जरूरी होगा."

जाने क्या होगा

ओबामा के इस बयान से ऐसा लगा कि अमेरिका के पास इस बात पर भरोसा करने के लिए पर्याप्त वजहे हैं कि 82 साल के होस्नी मुबारक अब सत्ता में नहीं बने रहेंगे. व्हाइट हाउस के इन कदमों से भी यही लगा कि वह जनता के दिमाग से उलझन दूर करना चाहता है. सीआईए के मुखिया लियॉन पेनेटा ने भी संसदीय कार्यवाही के दौरान कहा कि मुबारक पद छोड़ देंगे. बाद में सीआईए अपने प्रमुख के बयान से तुरंत पीछे हट गया और कहा कि वह मीडिया में आई खबरों के आधार पर बोल रहे थे न कि किसी खुफिया जानकारी के हवाले से.

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तस्वीर: dapd

मिस्र में चल रहा प्रदर्शन गंभीर हो गया है और इसमें कोई नाटकीय बदलाव आने वाला है इसका पहला संकेत ओबामा ने तब दिया जब उन्हें अपने सहयोगियों के साथ अपने विशेष विमान एयरफोर्स वन में टीवी पर मुबारक का भाषण सुनते देखा गया.

अमेरिका को सबसे पहले यह तय करना चाहिए कि वास्तव में हो क्या रहा है. मुबारक के भाषण ने लोगों को उलझन में डाल दिया है कि वह उप राष्ट्रपति उमर सुलेमान के हाथों में कौन से अधिकार सौंपने जा रहे हैं. इसके बाद उसे काहिरा की सड़कों पर हिंसा की आशंकाओं को दूर करना चाहिए क्योंकि मुबारक के एलान ने लाखों प्रदर्शनकारियों को काहिरा की सड़कों पर उतार दिया है और स्थिति कभी भी काबू से बाहर जा सकती है. प्रदर्शनकारी शुक्रवार के प्रदर्शन को अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन बनाने की तैयारी में हैं.

अमेरिका की हिचकिचाहट

अधिकारियों का मानना है कि मिस्र की सेना से की गई अमेरिकी अपील हिंसा को रोक सकती है क्योंकि सेना के कई अधिकारियों के अमेरिकी रक्षा मंत्रालय से गहरे संबंध हैं. मुबारक का अक्खड़पन भी ओबामा के अधिकार को चुनौती दे रहा है. एक हफ्ते पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने साफ कहा कि लंबे समय से अमेरिका के सहयोगी रहे मुबारक को एक सच्चे देशभक्त के रूप में अपने भविष्य का चुनाव करना चाहिए. ऐसा कह अमेरिका ने साफ शब्दों में मुबारक को पद छोड़ने का इशारा कर दिया था. पर गुरुवार को अपने भाषण में मुबारक ने विदेशी ताकतों के दबाव के आगे झुकने से इनकार कर दिया जो इस बात का भी संकेत है कि वो ओबामा की चेतावनी की परवाह नहीं करते.

ओबामा अभी तक कागजों पर अपने संदेश लिख कर भेज रहे हैं और खुद अपनी जुबान से कुछ कहने के लिए सामने नहीं आए. ऐसे में ये संकेत भी जा रहा है कि वह मुबारक से सीधे सीधे कुछ कहने से बच रहे हैं यहां तक कि उनके बयानों में उनका नाम तक नहीं लिखा है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ए कुमार

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