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बाल बाल बचे गद्दाफी, बेटे की मौत

१ मई २०११

लीबियाई शासक कर्नल गद्दाफी का बेटा नाटो हमले में मारा गया है. इस हमले में गद्दाफी बाल बाल बचे. लेकिन उनके 29 साल के बेटे सैफ अल अरब गद्दाफी की मौत हो गई. नाटो ने कहा है कि वह गद्दाफी के परिवार को निशाना नहीं बना रहा है.

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कर्नल गद्दाफीतस्वीर: dapd

शनिवार रात को नाटो विमानों ने त्रिपोली में गद्दाफी के घर पर हमला किया. सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस हमले में गद्दाफी के सबसे छोटे बेटे और तीन पोते पोतियों की मौत हो गई. सैफ अल अरब गद्दाफी का सबसे कम जाना जाने वाला बेटा है जिसकी सरकार में बहुत सीमित भूमिका थी.

सरकारी प्रवक्ता इब्राहिम मूसा ने यह खबर देते हुए पत्रकारों से कहा, "अब यह जंगल राज है. आप देख सकते हैं कि इन हमलों का नागरिकों की सुरक्षा से कोई संबंध नहीं है." हमले के समय गद्दाफी अपनी पत्नी के साथ उस घर में मौजूद थे, लेकिन वे बाल बाल बच गए.

नाटो ने इन आरोपों का खंडन किया है कि वह गद्दाफी के परिवार को निशाना बना रहा है. लेकिन सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के आधार पर लीबिया पर मार्च के अंत से हवाई हमला कर रहे पश्चिमी सहबंध ने स्वीकार किया कि शनिवार को उनके हमलों का लक्ष्यों में त्रिपोली के बाब अल अजीजिया रिहायशी इलाके में स्थित एक कमांड सेंटर शामिल था.

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गद्दाफी के घरों पर नाटो का हमलातस्वीर: dapd

लीबिया ऑपरेशंस के लिए नाटो के कमांडर कनाडा के ले. जनरल चार्ल्स बूचर्ड ने एक बयान में कहा है, "नाटो के सभी लक्ष्य सैनिक चरित्र के हैं. हम व्यक्तियों को निशाना नहीं बनाते." उन्होंने गद्दाफी के परिवार वालों की मौत पर अफसोस जताते हुए कहा, "मुझे अपुष्ट मीडिया रिपोर्टों के बारे में पता है कि गद्दाफी के परिवार के कुछ सदस्य मारे गए हैं. हमें लोगों की जान जाने का अफसोस है."

बातचीत की पेशकश

शनिवार सुबह सरकारी टेलीविजन पर दिए भाषण में लीबियाई शासक ने कहा था कि नाटो को उनके देश छोड़ने की उम्मीद भी नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा, "मेरे पास छोड़ने के लिए कोई आधिकारिक काम नहीं है. मैं अपना मुल्क नहीं छोड़ूंगा और मरते दम तक लड़ूंगा."

इसी भाषण में गद्दाफी ने बातचीत की पेशकश की. उन्होंने कहा, "हम फ्रांस और अमेरिका से बातचीत के लिए तैयार हैं. लेकिन इसके लिए पहले से कोई शर्त नहीं रखी जानी चाहिए. हम आत्मसमर्पण नहीं करेंगे. लेकिन मैं बातचीत का आह्वान करता हूं. अगर आपको तेल चाहिए तो हम आपकी कंपनियों के साथ समझौते करने को तैयार हैं. इसके लिए जंग नहीं होनी चाहिए."

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मिसराता में सरकारी सैनिकों से लड़ने वाले विद्रोहीतस्वीर: AP

गद्दाफी ने नाटो से कहा कि लीबियाई लोग अपने विवाद आपस में सुलझा सकते हैं और उसके लिए आपको हमले करने की जरूरत नहीं है, लिहाजा अपने विमान और सेनाएं वापस बुला लें.

विद्रोहियों का इनकार

गद्दाफी की इस पेशकश को बेनगाजी से समानांतर सरकार चला रहे विपक्षी ट्रांजिशनल नेशनल काउंसिल ने खारिज कर दिया है. टीएनसी के उपाध्यक्ष अब्दुल हाफिज घोगा ने कहा, "समझौते का वक्त गुजर चुका है. अब मुल्क के लोग भविष्य में ऐसे लीबिया को मंजूर नहीं कर सकते जिसमें गद्दाफी शासन की किसी भी तरह की भूमिका हो."

नाटो ने भी किसी तरह के समझौते की संभावना से इनकार किया है. ब्रसेल्स में नाटो अधिकारियों ने कहा, "हमें अब बातें नहीं काम चाहिए. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का प्रस्ताव 1973 साफ साफ कहता है कि नागरिकों पर हमले बंद होने चाहिए. शासन कई बार युद्ध विराम का एलान कर चुका है लेकिन नागरिकों और शहरों पर हमले जारी हैं."

हमले तेज

गद्दाफी सरकार ने चेतावनी दी है कि मिसराता शहर में अगर किसी भी जहाज ने घुसने की कोशिश की तो उस पर हमला किया जाएगा. मिसराता पर विद्रोहियों का कब्जा है और गद्दाफी की फौज पिछले सात हफ्तों से उसे हासिल करने की कोशिश कर रही है. इस वक्त वहां भयंकर लड़ाई जारी है.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः महेश झा

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