1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

'लीबिया में हिंसा खत्म होने के बाद ही युद्धविराम'

३० अप्रैल २०११

अमेरिका और फ्रांस सहित नाटो देशों ने कहा है कि गद्दाफी के साथ युद्धविराम पर बातचीत तभी हो सकती है जब लीबिया में हिंसा पर रोक लगाई जाए. शनिवार को गद्दाफी ने फ्रांस और अमेरिका से बातचीत का प्रस्ताव रखा.

https://p.dw.com/p/116rL
मुअम्मर अल गद्दाफी
मुअम्मर अल गद्दाफीतस्वीर: dapd

नाटो ने कहा है कि लीबियाई नेता मुअम्मर अल गद्दाफी के सैनिकों को सबसे पहले आम लोगों पर हमले बंद करने होंगे. उसके बाद ही युद्धविराम पर बात हो सकती है. नाटो के एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि नाटो गद्दाफी के शब्द नहीं सुनना चाहता, वह कुछ काम होते हुए देखना चाहता है. नाटो का मानना है कि गद्दाफी कई बार युद्धविराम का प्रस्ताव रख चुके हैं लेकिन फिर भी आम लोगों पर हमले जारी रहते हैं.

सत्ता तो नहीं छोड़ेंगे

विद्रोहियों के लिए खाना
विद्रोहियों के लिए खानातस्वीर: AP

शनिवार को ही गद्दाफी ने कहा कि वह सत्ता तो नहीं छोड़ेंगे, लेकिन संघर्ष खत्म करने के सिलसिले में फ्रांस और अमेरिका के साथ बात करने को तैयार हैं. शनिवार की सुबह लीबिया के राष्ट्रीय टेलीविजन पर उन्होंने कहा कि नाटो को "सारी उम्मीदें छोड़ देनी चाहिए कि मुअम्मर गद्दाफी चला जाएगा. मेरे पास कोई औपचारिक पद नहीं है जिसे मैं छोड़ सकूं. मैं अपना देश नहीं छोड़ूंगा और आखिरी सांस तक उसके लिए लड़ता रहूंगा. हम फ्रांस और अमेरिका से बात करने को तैयार हैं लेकिन बिना किसी शर्त."

गद्दाफी ने कहा कि वह अपने हथियार नहीं डालेंगे पर बातचीत के लिए तैयार हैं. जहां तक तेल की बात हैं, तो गद्दाफी का कहना है कि वह सारी कंपनियों के साथ समझौता करने के लिए तैयार हैं और उसके लिए संघर्ष की कोई जरूरत नहीं. उन्होंने नाटो को संबोधित करते हुए कहा, "लीबियाई नागरिक आपस में बिना किसी हमले के परेशानियां सुलझा सकते हैं, इसलिए अपने जहाज और विमान वापस कर लो." उन्होंने कहा कि उनके नागरिक उनसे प्यार करते हैं और वह उन सब के लिए पिता समान हैं.

पोतों को धमकी

फ्रांस के लड़ाकू विमान
फ्रांस के लड़ाकू विमानतस्वीर: AP

लीबियाई सरकार ने मिसराता आने वाले सभी जहाजों पर हमला करने की धमकी दी है क्योंकि राजधानी त्रिपोली के पास एक शहर में सैन्य टैंको ने हमला किया था. मिसराता का बंदरगाह शहर के पांच लाख लोगों के लिए राहत पहुंचाने के लिए अहम है. पिछले 10 हफ्तों से चल रहे संघर्ष का असर मिसराता पर पड़ा है जहां हर रोज हजारों घायल लोग अस्पताल में भर्ती होते हैं.

शुक्रवार को गद्दाफी के बेटे सैफ अल इस्लाम ने कहा था कि लीबिया 40 साल तक भी नाटो से लड़ सकता है. नाटो हमलों में घायल लोगों से अस्पताल में मिलते हुए सैफ अल इस्लाम ने कहा, "हम सफेद झंडा नहीं लहराएंगे." मिसराता में डॉक्टरों का कहना है कि शुक्रवार को पांच लोग मारे गए. ट्यूनीशिया की पुलिस के मुताबिक 5,000 से ज्यादा लोग लीबिया से निकलकर ट्यूनीशिया में शरण ले रहे हैं.

लीबिया पर मई में बैठक

राष्ट्रीय टेलीविजन पर कहा गया है कि मिसराता जाने वाली राहत सामग्री को अब जमीन के रास्ते जाना होगा. इटली की नौसेना के वाइस एडमिरल रिनाल्दो वेरी ने कहा है कि गद्दाफी का ऐसा करना संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन है क्योंकि वह निर्दोष लोगों तक राहत पहुंचने में बाधा डाल रहे हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन 4 से 6 मई तक रोम में एक बैठक में हिस्सा लेंगी जहां मिसराता तक राहत पहुंचाने के लिए योजना बनाई जाएगी.

रिपोर्टः एजेंसियां/एमजी

संपादनः ए कुमार